मम्मी को पति के साथ रहते हुए कई महीने हो चुके थे। फिर एक दिन पति मम्मी को छोड़ने के लिए आ गए। पति को ड्यूटी के लिए दूसरी जगह जाना था तो वो वहाँ मम्मी को साथ नहीं रख सकते थे। जब मम्मी आई तो मैंने मम्मी से उनकी चुदाई के बारे में पूछा। तो मम्मी बोली के ये दिन में तो डयूटी पर होते थे तो बस हम रात को ही कर पाते थे। फिर मम्मी ने यहाँ के बारे में पूछा तो मैं मम्मी से बोली के आपके जाने के बाद हमने तो यहाँ काफी मस्ती की। फिर मम्मी ने पूछा कैसे तो फिर मैं उन्हें बताने लगी। तब हम सब साथ ही बैठे थे। फिर मैंने उन्हें पूरी बात बताई। मेरी बात सुनकर पति और मम्मी दोनों हैरान हो गए। मम्मी बोली के तू तो रंडी से भी ऊपर हो गई है। फिर पति बोले के उन्होंने गांव में किसी को बता दिया तो फिर मैं बोली के अभी तक तो बताया नहीं और बताएंगे तो उनके पास सबूत ही क्या है। फिर पति बोले के हाँ सबूत तो क्या होगा। फिर मैं बोली के कल सुबह वो पहले घर आएंगे और फिर खेत जाएंगे। फिर कल सब अपनी आंखों से देख लेना। फिर इसके बाद शाम को खाना खाकर मैं, पति, मम्मी, पापा और काका बाहर चौकी पर सो गए। मैं पति के साथ सोई थी तो पति मुझे चोदने लगे और मम्मी से पापा और काका करने लगे। फिर हम करते करते ही सो गए। सुबह हुई तो पापा, काका और पति चाय पीकर चौकी पर ही बैठकर बातें करने लगे। वो तीनो तब नंगे ही थे। फिर धीरे धीरे वो मजदूर आने लगे और कुछ देर में वो सब आ गए। फिर उन्होंने पति के बारे में पूछा तो पापा ने उन्हें सच बता दिया के ये हमारे जवाई है। ये सुनकर वो सब हैरान हो गए। फिर उनमें से किसी ने पूछा के इन्हें सब पता है। फिर पापा बोलने वाले ही थे के इतने में चाय लेकर मैं आ गई। मैं बिल्कुल नंगी थी और मैंने थोड़ा बहुत मेकअप कर रखा था तो मैं काफी सेक्सी लग रही थी। मेरे हाथों में चाय की ट्रे थी। फिर मैं उन सबको चाय देने लगी। चाय देने के बाद मैं भी वहीं बैठ गई।
फिर उनमें से एक आदमी मुझसे बोला के मुझे अपने पति के सामने भी शर्म नहीं आती तो मैं उससे बोली के इन्होंने ही तो बेशर्म बनाया है। फिर हम सब हँसने लगे। फिर हम चाय पीते पीते बातें करने लगे। मुझे देखकर उन सबके लंड खड़े तो थे ही और वो सहला ही रहे थे। फिर मैं उनसे बोली के नंगे होकर आराम से हिला लो। फिर मैंने उन सबको नंगे होने के लिए कहा और दो दो करके अपने पास बुलाया। फिर वो सब नंगे हो गए और उनमें से दो जने मेरे पास आ गए तो फिर मैंने उन दोनों के लंड पकड़े और हिलाने लगी। जब उनका पानी निकलने वाला हुआ तो फिर मैंने उनके लंड का पानी अपने बोबो पर डाल लिया। इस प्रकार मैंने उन सबका पानी अपने बोबो पर डाल लिया। फिर मैं उनसे बोली के आज मैं उनके सामने रेसि चीज पेश करूँगी जिससे वो अपने लंड हिलाते हिलाते नहीं थकेंगे। फिर वो बोले के क्या है वो चीज। फिर मैं बोली के तुम खेत मे चलो मैं वो चीज लेकर आती हूँ। फिर वो सब खेत मे चले गए। फिर पति बोले के तुमने तो इन्हें अपना गुलाम बना रखा है। फिर वो बोले के तुम कौनसी चीज की बात कर रही थी। फिर मैं बोली के मम्मी की। उनके जाने के बाद मम्मी कमरे से बाहर आ गई। मम्मी ने सब देख लिया था। फिर मैं मम्मी से बोली के मम्मी तैयार हो जाओ आज तुम्हे इन सबके सामने पेश करूँगी। ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर हम सब नहाए खाना खाया। मम्मी और मैं अच्छे से तैयार हुई। हमने पहना तो कुछ नहीं था बस मेकअप किया और गले मे और कमर में सोने की चैन डाल ली थी। फिर हम सब नंगे ही जीप में बैठ गए। दोपहर का टाइम हो चुका था। फिर कुछ देर बाद हम खेत मे पहुंच गए। वो सब एक साथ नंगे होकर बैठे थे।
फिर पहले तो जीप से मम्मी को छोड़कर हम सब उतर गए। मैं, पापा, काका और पति। मम्मी जीप में पीछे की तरफ बैठी थी। फिर वो बोले के हमे जल्दी से दिखाओ के वो क्या चीज है। फिर मैंने पति से मम्मी को जीप से उतारने का इशारा किया। फिर पति ने जीप का पर्दा हटाया और मम्मी को गोद मे उठाकर जीप से उतारकर उनके सामने खड़ा कर दिया। उनमें से कुछ मम्मी को जानते थे। मम्मी को नंगी देखकर वो सब देखते ही रह गए और उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया। उनमें से किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था के हम दोनों माँ बेटी उनके सामने नंगी खड़ी है। मम्मी के आसपास पति और काका खड़े थे तो मम्मी उनके खड़े लंड सहलाने लगी। फिर उनमें से एक बूढ़ा बोला के हाय राम ये तो अपने जवाई का ही लंड हिला रही है। फिर मैंने कहा के हिलाना से क्या होता है ये तो मेरी जगह इनके साथ कुछ महीने रहकर भी आई है। ये सुनकर वो सब काफी गर्म हो चुके थे और वो सब अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगे थे। फिर पति ने मम्मी को घोड़ी बना लिया और फिर उनकी गाँड मारने लगे। मम्मी के मुँह के आगे काका बैठ गया तो फिर मम्मी काका का लंड चुसने लगी। फिर पापा ने भी मुझे घोड़ी बना लिया और मेरी भी गाँड मारने लगे। हम दोनों माँ बेटी इतने सारे मर्दों के सामने अपनी गाँड मरवा रही थी। जिससे हमें काफी मजा आ रहा था। फिर मम्मी से काका और पति ने एक साथ भी किया। इस प्रकार हम शाम तक करते रहे और हमे देखकर वो अपने लंड हिलाते हिलाते थक गए। फिर मैं और मम्मी उनके बीच गई तो उन सब ने हमारे बोबे अच्छी तरह दबाए और हमारी बॉडी खूब सहलाई। फिर तो बस रोज का ही ये काम हो गया। फिर पति कुछ दिन रहने के बाद चले गए।
इसके बाद फिर मम्मी के कहने पर हम उनमें से एक एक आदमी को अपने घर पर बुलाने लगे। फिर उससे हम पहले तो हम अपने बदन की मालिश करवाती और दिन में उसके साथ ही रहती। फिर रात को हम दोनों उसके साथ सोती और सेक्स के अलावा उसके साथ सब कुछ करती। हम उससे अपनी चूत चुसवाती और वो हमारे बदन पर किस करता। इस प्रकार हम उन सब के साथ सो चुकी थी। फिर मैं तो अपने क्लिनिक जाती और पापा और काका भी मेरे साथ जाते थे तो मम्मी उन मजदूरों के साथ अकेली ही खेत मे जाती और उनके साथ दिन भर नंगी रहती और उनके साथ काम करती। मम्मी हाथ मे एक डंडा रखती और कोई उनसे ज्यादा चिपकने की कोशिश करता तो मम्मी उसकी गाँड डंडे से मार मारकर लाल कर देती थी। इस प्रकार मम्मी उन सबको काफी तड़पाती थी। मम्मी ने उनमें से दो जनों से अपनी गाँड मरवा चुकी थी और वो दोनों मम्मी के काफी वफादार भी बन गए थे। जिस कारण अगर कोई मम्मी को कोई ज्यादा तंग करता तो वो दोनों उसे देख लेते थे।
जब मैं और पापा भी खेत गए होते तो पापा उन सबके सामने मुझे अपने हाथों से नंगी करते और फिर मेरी चुदाई करते। हम दोनों बाप बेटी की चुदाई देखकर वो सब काफी गर्म हो जाते। मैं और मम्मी उनके सामने पापा और काका से एक साथ चुदवाती तो वो सब हमें देखकर बस अपना लंड हिलाते रह जाते। मैं और मम्मी उनके साथ काफी गंदी बोलती और उनके सामने हम अपनी गाँड मटका मटका कर नाचती तो वो हमें देखते ही रह जाते। उन्हें विस्वास ही नहीं होता था के हम दोनों माँ बेटी नंगी होकर उनके सामने नाच रही हैं। मैं और मम्मी दिखने में सुंदर हैं। इस कारण वो सब हम पर इतने मोहित हो गए थे के उन्हें हमारी चूत और गाँड से निकला सब कुछ अमृत लगता था। इस कारण जब मैं और मम्मी पेशाब करती तो वो हमारी चूत के सामने कोई बर्तन रख लेते और वो हमारे पेशाब से भर लेते और फिर पी जाते और फिर कहते के इनके पेशाब में शराब से ज्यादा नशा है। इसी प्रकार फिर हम हगने के लिए खेत मे नहीं जाती थी। हम घर पर ही किसी बर्तन में हगती थी और फिर वो वो सब लोग आपस मे बांट लेते थे। वो हमारे इतने दीवाने हो चुके थे। मम्मी कई बार क्लिनिक भी आ जाती थी। फिर मैं और मम्मी क्लिनिक में नंगी हो जाती और पापा और काका से चुदाई करवाती और फिर जब तक कोई आ नहीं जाता तब तक हम नंगी ही रहती।
मैंने मम्मी को दर्जी के बारे में भी बता दिया था। फिर एक दिन मैं और मम्मी दर्जी के घर गई और फिर हम सब नंगी होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगी। अब दर्जी की शर्म चली गई थी तो वो बिंदास होकर अपने घर से बाहर गली में नंगी होकर पेशाब करके आ जाती थी। फिर एक दिन पापा और काका भी आ गए तो फिर हम तीनों ने उनसे खूब चुदवाया। इसके अलावा उन्होंने हमें गली में भी चोदा। दर्जी भी अब बिना किसी शर्म के गली में खुलकर चुद लेती। इसके अलावा वो भी क्लिनिक आ जाती तो पापा और काका उससे क्लिनिक में भी करते। फिर हम आपस मे काफी खुल गए थे तो हमने दर्जी को गाँव के उन मजदूरों के सामने चुदने वाली बात बता दी। ये बात सुनकर वो पहले तो हैरान हुई लेकिन फिर अब उसे भी चुदाई का चसका लग चुका था तो हमारे कहने पर वो भी उन सबके सामने नंगी होकर चुदने के लिए तैयार हो गई। इसके अलावा हमने उसे दाई और उसके बेटे के बारे में भी बता दिया था। फिर हमने एक दिन उस दर्जी को अपने घर पर बुलाया।
वो जब घर पर आई तो हमने क्या क्या मस्ती की ये अगले भाग में बताऊंगी.....
फिर उनमें से एक आदमी मुझसे बोला के मुझे अपने पति के सामने भी शर्म नहीं आती तो मैं उससे बोली के इन्होंने ही तो बेशर्म बनाया है। फिर हम सब हँसने लगे। फिर हम चाय पीते पीते बातें करने लगे। मुझे देखकर उन सबके लंड खड़े तो थे ही और वो सहला ही रहे थे। फिर मैं उनसे बोली के नंगे होकर आराम से हिला लो। फिर मैंने उन सबको नंगे होने के लिए कहा और दो दो करके अपने पास बुलाया। फिर वो सब नंगे हो गए और उनमें से दो जने मेरे पास आ गए तो फिर मैंने उन दोनों के लंड पकड़े और हिलाने लगी। जब उनका पानी निकलने वाला हुआ तो फिर मैंने उनके लंड का पानी अपने बोबो पर डाल लिया। इस प्रकार मैंने उन सबका पानी अपने बोबो पर डाल लिया। फिर मैं उनसे बोली के आज मैं उनके सामने रेसि चीज पेश करूँगी जिससे वो अपने लंड हिलाते हिलाते नहीं थकेंगे। फिर वो बोले के क्या है वो चीज। फिर मैं बोली के तुम खेत मे चलो मैं वो चीज लेकर आती हूँ। फिर वो सब खेत मे चले गए। फिर पति बोले के तुमने तो इन्हें अपना गुलाम बना रखा है। फिर वो बोले के तुम कौनसी चीज की बात कर रही थी। फिर मैं बोली के मम्मी की। उनके जाने के बाद मम्मी कमरे से बाहर आ गई। मम्मी ने सब देख लिया था। फिर मैं मम्मी से बोली के मम्मी तैयार हो जाओ आज तुम्हे इन सबके सामने पेश करूँगी। ये सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर हम सब नहाए खाना खाया। मम्मी और मैं अच्छे से तैयार हुई। हमने पहना तो कुछ नहीं था बस मेकअप किया और गले मे और कमर में सोने की चैन डाल ली थी। फिर हम सब नंगे ही जीप में बैठ गए। दोपहर का टाइम हो चुका था। फिर कुछ देर बाद हम खेत मे पहुंच गए। वो सब एक साथ नंगे होकर बैठे थे।
फिर पहले तो जीप से मम्मी को छोड़कर हम सब उतर गए। मैं, पापा, काका और पति। मम्मी जीप में पीछे की तरफ बैठी थी। फिर वो बोले के हमे जल्दी से दिखाओ के वो क्या चीज है। फिर मैंने पति से मम्मी को जीप से उतारने का इशारा किया। फिर पति ने जीप का पर्दा हटाया और मम्मी को गोद मे उठाकर जीप से उतारकर उनके सामने खड़ा कर दिया। उनमें से कुछ मम्मी को जानते थे। मम्मी को नंगी देखकर वो सब देखते ही रह गए और उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया। उनमें से किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था के हम दोनों माँ बेटी उनके सामने नंगी खड़ी है। मम्मी के आसपास पति और काका खड़े थे तो मम्मी उनके खड़े लंड सहलाने लगी। फिर उनमें से एक बूढ़ा बोला के हाय राम ये तो अपने जवाई का ही लंड हिला रही है। फिर मैंने कहा के हिलाना से क्या होता है ये तो मेरी जगह इनके साथ कुछ महीने रहकर भी आई है। ये सुनकर वो सब काफी गर्म हो चुके थे और वो सब अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगे थे। फिर पति ने मम्मी को घोड़ी बना लिया और फिर उनकी गाँड मारने लगे। मम्मी के मुँह के आगे काका बैठ गया तो फिर मम्मी काका का लंड चुसने लगी। फिर पापा ने भी मुझे घोड़ी बना लिया और मेरी भी गाँड मारने लगे। हम दोनों माँ बेटी इतने सारे मर्दों के सामने अपनी गाँड मरवा रही थी। जिससे हमें काफी मजा आ रहा था। फिर मम्मी से काका और पति ने एक साथ भी किया। इस प्रकार हम शाम तक करते रहे और हमे देखकर वो अपने लंड हिलाते हिलाते थक गए। फिर मैं और मम्मी उनके बीच गई तो उन सब ने हमारे बोबे अच्छी तरह दबाए और हमारी बॉडी खूब सहलाई। फिर तो बस रोज का ही ये काम हो गया। फिर पति कुछ दिन रहने के बाद चले गए।
इसके बाद फिर मम्मी के कहने पर हम उनमें से एक एक आदमी को अपने घर पर बुलाने लगे। फिर उससे हम पहले तो हम अपने बदन की मालिश करवाती और दिन में उसके साथ ही रहती। फिर रात को हम दोनों उसके साथ सोती और सेक्स के अलावा उसके साथ सब कुछ करती। हम उससे अपनी चूत चुसवाती और वो हमारे बदन पर किस करता। इस प्रकार हम उन सब के साथ सो चुकी थी। फिर मैं तो अपने क्लिनिक जाती और पापा और काका भी मेरे साथ जाते थे तो मम्मी उन मजदूरों के साथ अकेली ही खेत मे जाती और उनके साथ दिन भर नंगी रहती और उनके साथ काम करती। मम्मी हाथ मे एक डंडा रखती और कोई उनसे ज्यादा चिपकने की कोशिश करता तो मम्मी उसकी गाँड डंडे से मार मारकर लाल कर देती थी। इस प्रकार मम्मी उन सबको काफी तड़पाती थी। मम्मी ने उनमें से दो जनों से अपनी गाँड मरवा चुकी थी और वो दोनों मम्मी के काफी वफादार भी बन गए थे। जिस कारण अगर कोई मम्मी को कोई ज्यादा तंग करता तो वो दोनों उसे देख लेते थे।
जब मैं और पापा भी खेत गए होते तो पापा उन सबके सामने मुझे अपने हाथों से नंगी करते और फिर मेरी चुदाई करते। हम दोनों बाप बेटी की चुदाई देखकर वो सब काफी गर्म हो जाते। मैं और मम्मी उनके सामने पापा और काका से एक साथ चुदवाती तो वो सब हमें देखकर बस अपना लंड हिलाते रह जाते। मैं और मम्मी उनके साथ काफी गंदी बोलती और उनके सामने हम अपनी गाँड मटका मटका कर नाचती तो वो हमें देखते ही रह जाते। उन्हें विस्वास ही नहीं होता था के हम दोनों माँ बेटी नंगी होकर उनके सामने नाच रही हैं। मैं और मम्मी दिखने में सुंदर हैं। इस कारण वो सब हम पर इतने मोहित हो गए थे के उन्हें हमारी चूत और गाँड से निकला सब कुछ अमृत लगता था। इस कारण जब मैं और मम्मी पेशाब करती तो वो हमारी चूत के सामने कोई बर्तन रख लेते और वो हमारे पेशाब से भर लेते और फिर पी जाते और फिर कहते के इनके पेशाब में शराब से ज्यादा नशा है। इसी प्रकार फिर हम हगने के लिए खेत मे नहीं जाती थी। हम घर पर ही किसी बर्तन में हगती थी और फिर वो वो सब लोग आपस मे बांट लेते थे। वो हमारे इतने दीवाने हो चुके थे। मम्मी कई बार क्लिनिक भी आ जाती थी। फिर मैं और मम्मी क्लिनिक में नंगी हो जाती और पापा और काका से चुदाई करवाती और फिर जब तक कोई आ नहीं जाता तब तक हम नंगी ही रहती।
मैंने मम्मी को दर्जी के बारे में भी बता दिया था। फिर एक दिन मैं और मम्मी दर्जी के घर गई और फिर हम सब नंगी होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगी। अब दर्जी की शर्म चली गई थी तो वो बिंदास होकर अपने घर से बाहर गली में नंगी होकर पेशाब करके आ जाती थी। फिर एक दिन पापा और काका भी आ गए तो फिर हम तीनों ने उनसे खूब चुदवाया। इसके अलावा उन्होंने हमें गली में भी चोदा। दर्जी भी अब बिना किसी शर्म के गली में खुलकर चुद लेती। इसके अलावा वो भी क्लिनिक आ जाती तो पापा और काका उससे क्लिनिक में भी करते। फिर हम आपस मे काफी खुल गए थे तो हमने दर्जी को गाँव के उन मजदूरों के सामने चुदने वाली बात बता दी। ये बात सुनकर वो पहले तो हैरान हुई लेकिन फिर अब उसे भी चुदाई का चसका लग चुका था तो हमारे कहने पर वो भी उन सबके सामने नंगी होकर चुदने के लिए तैयार हो गई। इसके अलावा हमने उसे दाई और उसके बेटे के बारे में भी बता दिया था। फिर हमने एक दिन उस दर्जी को अपने घर पर बुलाया।
वो जब घर पर आई तो हमने क्या क्या मस्ती की ये अगले भाग में बताऊंगी.....
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