कुछ दिन बाद ही उन्होंने उस लड़के का पता लगाया। फिर वो सब एक साथ गए और उस लड़के को खूब पीटा और फिर उसे धमकी देकर छोड़ दिया। फिर वो मजदूर मेरे पास आया और उसने मुझे सब बात बताई। फिर मैंने उससे उसके घर के बारे में पूछा। तो उसने अपने परिवार के बारे में बताया। उसके घर मे उसके अलावा उसकी बीवी, उसकी बेटी और उसका एक बड़ा बेटा था जो कि अपनी बीवी के साथ कहीं और जाकर बस गया था। फिर मैंने एक प्लान बनाया और उसे अपनी बेटी के साथ हमारे एक खेत पर आने को कहा। उस खेत मे कोई आता जाता नहीं था। उसमें एक मकान भी बना था। फिर अगले दिन ही वो अपनी बेटी के साथ खेत पर आ गया और मैं भी आ गई। फिर हम तीनों बैठकर बातें करने लगे। फिर मैंने उसकी बेटी से कहा के हमे तुम्हारे चक्कर के बारे में पता है। ये सुनकर वो थोड़ी घबरा गई। फिर मैं उससे बोली के हमने उसे पीटकर भगा दिया हैं अब वो कभी नहीं आएगा। फिर वो कुछ नहीं बोली और रोने लगी। फिर मैं उससे बोली के रोओ मत। इस उम्र में सबको चुदाई की जरूरत होती हैं। तुम्हे भी थी तो तुमने उससे कर लिया। मेरे मुँह से ऐसे शब्द सुनकर वो थोड़ी शर्माने लगी। फिर मैं उससे बोली के अगर तुम्हें ये सब घर पर ही मिल जाये तो कैसा रहेगा। फिर तुम्हे कहीं बाहर भी जाना नहीं पड़ेगा और तुम घर पर रहकर ही खूब मजे कर सकती हो। फिर वो मेरी तरफ देखकर बोली के घर पर कौन करेगा। फिर मैंने उसके बाप की तरफ इशारा किया तो वो शर्माकर बोली के अपने बापू से कैसे करूँ। मुझे शर्म आएगी। फिर मैं बोली के तेरे बापू को तो शर्म नहीं आती वो तो रोज ही मेरे बोबे दबाता हैं। ये सुनकर वो मेरी तरफ देखने लगी।

फिर मैं मुस्कुराई और मैंने अपना सूट निकाला और ऊपर से नंगी हो गई। मुझे नंगी देखकर वो शर्माने लगी। फिर मैंने उसके बापू को अपने पास बैठा लिया और उसे अपने बोबे चुसवाने लगी। फिर मैंने उसके बापू से अपनी सलवार खुलवाई और फिर मैं पूरी नंगी होकर बैठ गई। फिर मैंने उसके बापू की धोती भी खोल दी और उसका लंड सहलाने लगी। अपने बापू का लंड देखकर वो गर्म हो गई। फिर मैं उससे बोली के शर्मा तो ऐसे रही हैं जैसे पहली बार लंड देखा हैं। फिर मैं उसके कपड़े उतारने लगी तो वो थोड़ा विरोध करने लगी पर मैंने उसके कपड़े उतार ही दिए और उसे अपने बाप के सामने पूरी नंगी कर दिया। उसका बदन भरा हुआ था और बोबे बड़े थे। फिर मैंने उसे चारपाई पर लेटाया और उसकी चूत सहलाने लगी तो वो फुल गर्म हो गई। फिर मैंने उसके बाप से उससे करने को कहा तो वो अपनी बेटी के ऊपर आया और उसने अपना लंड अपनी बेटी की चूत में डाल दिया और फिर करने लगा। उसकी बेटी भी मजे से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर उसका बाप झड़ने वाला हुआ तो उसने अपना पानी अपनी बेटी के बोबो पर डाल दिया। फिर करने के बाद मैंने उसकी बेटी से पूछा के कैसा लगा तो वो बोली के बहुत अच्छा लगा। फिर मैं उसे बोली के अब तो तुम चाहे सुबह उठने से लेकर शाम को सोने तक अपने बाप के लंड पर बैठे रहना। तुम्हे रोकने वाला कोई नहीं होगा। फिर वो बोली के माँ हैं उनके सामने कैसे। फिर मैं बोली के मैं उन्हें भी समझा दूँगी। फिर वो खुद तुम्हे अपने बाप से करने के लिए कहेगी। फिर वो दोनों बोले के कैसे। फिर मैं बोली के बस तुम देखते जाओ। फिर दोनों बाप बेटी ने एक बार और किया और फिर मैंने भी उससे अपनी गाँड मरवाई। उस पूरे दिन हम करते रहे और फिर शाम को हम घर आने लगे। रास्ते मे मैंने उसकी बेटी को बोला के तुम पेट दर्द होने का नाटक करना। फिर मुझे बुला लेना। फिर मैं सब संभाल लुंगी।

फिर अगले दिन ही उसकी बेटी ने पेट दर्द का नाटक किया और फिर वो मुझे बुलाने आ गया। फिर मैं उसके साथ  उसके घर जाने लगी। हम पैदल ही उसके घर जा रहे थे गांव की गलियों से होकर। फिर मैं उससे बोली के आज से तुम घर मे नंगे होकर चुदाई करना अपनी बेटी की। ये सुनकर वो हँसने लगा। फिर चलते चलते ही मैंने उसकी धोती के ऊपर से ही उसका लंड पकड़ लिया और दबा दिया। ऐसा मैंने कई बार किया। फिर जब मैं उसके घर पहुंची तो उसका घर ज्यादा बड़ा नहीं था। उसकी बेटी एक कमरे में सोई थी और उसकी बीवी वहीं पास में ही बैठी थी। फिर मैं उसके पास बैठकर उसे देखने लगी और उसका पेट सहलाने लगी। फिर मैंने कहा के पेशाब करने वाली जगह देखनी पड़ेगी। फिर मैंने उसकी बीवी को उसकी बेटी की सलवार खोलने के लिए कहा। कमरे में हम तीनों ही थे। फिर उसकी बीवी ने सलवार खोल दी तो मैंने उसकी सलवार पैरों से निकाल दी और उसकी चूत मैं उंगली डालकर देखने लगी। फिर मैं उसकी चूत में उंगली अंदर बाजार करने लगी तो उसकी बेटी गर्म हो गई। फिर उसकी बीवी ने पूछा के क्या दिक्कत हैं। उसकी बीवी थोड़ी पक्के रंग की थी और भरे हुए शरीर की थी। फिर मैंने उसे कहा के दिक्कत काफी ज्यादा है। इसकी पेशाब वाली नली रूक गई हैं। फिर उसकी बीवी बोली के फिर इसका इलाज कैसे होगा। फिर मैं बोली के इसका इलाज दो तरीके से हो सकता हैं। या तो आप इसे अभी शहर के हॉस्पिटल में ले जाइए और वहाँ इलाज करवाइए और इसमें पैसे भी काफी लगेगे और दूसरा तरीका से इलाज घर पर ही हो जाएगा कहीं जाने की जरूरत नही होगी और फ्री में इलाज हो जाएगा। फिर उसकी बीवी बोली के इतने पैसे तो नहीं हैं हमारे पास आप दुसरे वाले तरीके से इलाज कर दीजिए। फिर मैं बोली के इसके लिए आपको मेरी कुछ बातें माननी पड़ेगी। फिर वो बोली के क्या बातें  माननी होगी।

फिर मैं बोली के इसके लिये हमें एक मर्द की जरूरत होगी जो अपना लंड इसकी चूत में डालकर पेशाब वाली नली पर दबाव बनाए जिससे कि पेशाब वाली नली खुल जाएगी। फिर उसकी बीवी बोली के अभी तो ये कुंवारी हैं और अभी इसके साथ ऐसा कौन करेगा। इसका पता अगर कहीं गांव में चल गया तो हम कहीं के नहीं रहेंगे। फिर मैं उससे बोली के अगर आप कहो तो आप अपने पति यानी इसके बापू से ये काम करवा लीजिए। इससे किसी को पता भी नहीं चलेगा और घर की बार घर मे भी रह जायेगी। फिर उसकी बीवी बोली के इसके बापू मान जाएंगे ये करने के लिए। उसकी बीवी से ये सुनकर मैं काफी खुश हुई। फिर मैं बोली के जरूर मान जाएंगे। मैं उन्हें सब समझा दूँगी। फिर मैं उसकी बीवी से बोली के ऐसा कई बार करना पड़ेगा तो अब आप थोड़ी बेशर्म बन जाओ। वो आपके सामने भी ऐसा करेंगे तो आप शर्माना मत। फिर उसकी बीवी बोली के इलाज में शर्म कैसी। मैं बोली के फिर तो हम ये सब आपके सामने भी कर लेंगे। फिर मैंने उसकी बीवी से अपने पति को बुलाकर लाने के लिए कहा जो कि कमरे के बाहर ही बैठा था। फिर वो अपने पति के साथ कमरे में आ गई। चारपाई पर उसकी बेटी नीचे से बिल्कुल नंगी होकर सोई थी। फिर वो कमरे में आये तो भी मैंने उसकी सलवार ऊंची नहीं कि। फिर मैंने उसे पूरी बात समझाई तो उसकी बीवी ने उससे ये करने के लिए कहा तो वो मान गया। फिर मैंने कमरे के गेट बंद कर दिए और फिर मैंने उसके बापू से कपड़े खोलने के लिए तो वो धीरे धीरे कपड़े खोलने लगा। फिर मैंने उससे कहा के ये इलाज हो रहा हैं और मैं डॉक्टर हूँ तो मेरे सामने शर्माने की कोई जरूरत नहीं हैं। फिर उसका बापू कपड़े खोलकर एकदम नंगा हो गया। फिर मैंने उसकी बीवी से उसका लंड हिलाकर खड़ा करने को कहा तो उसकी बीवी वैसा ही करने लगी। फिर मैंने उनके सामने ही उनकी बेटी का ऊपर से कुर्ता उतार दिया और नीचे से उसकी सलवार खोलकर भी साइड में रख दी। अब उसकी बेटी चारपाई पर हमारे सामने एक दम नंगी सोई थी। अपनी बेटी को देखकर उसका लंड तो एक दम सीधा खड़ा हो गया था। लेकिन फिर भी मैं उसकी बीवी से बोली के अभी पूरा खड़ा नहीं हुआ हैं। बंद कमरे में हमे गर्मी लग रही थी। फिर मैं उसकी बीवी से बोली के आप अपने कपड़े भी उतार तो आपको नंगी देखकर ही इनका पूरा खड़ा होगा। मेरी बात सुनकर वो मुस्कुराने लगी और मैं हँसने लगी। फिर वो खड़ी हुई और अपने कपड़े उतार दिए। फिर वो फिर से अपने पति का लंड हिलाने लगी। फिर उसने अपनी बीवी के बूब पकड़ लिए और दबाने लगा। फिर मैंने कहा के आप एक बार हिलाकर इनका पानी निकाल दो ताकि करते टाइम इनका पानी चूत में ना चला जाये। फिर उसकी बीवी उसका लंड जोर जोर से हिलाने लगी। लेकिन वो झड़ नहीं रहा था। फिर मैं बोली के मुझे गर्मी लग रही हैं मैं भी कपड़े खोल देती हूँ क्या पता मुझे देखकर ये जल्दी झड़ जाए। फिर मेरी बात पर हम सब मुस्कुराने लगे। फिर मैं भी अपने कपड़े खोलकर नंगी हो गई और अपनी वेजिना सहलाने लगी। फिर कुछ देर बाद ही उसके लंड से पानी निकलने लगा और पानी निकलकर उसकी बेटी पर ही गिरने लगा। फिर उसकी बेटी खड़ी हो गई तो कुछ पानी उसके मुँह पर भी गिर गया। फिर उसने अपना मुँह वगेरह पोंछ लिया।

फिर वो पहले तो खड़ा था और फिर वो एक चारपाई पर निढाल होकर लेट गया। मुझे पता था के अब इसका इतनी जल्दी खड़ा नहीं होने वाला हैं। फिर मैंने उसकी बीवी से बोला के आप इन्हें थोड़ा आराम करने दो फिर थोड़ी देर रुककर इनका लंड हिलाना शुरू कर देना। हम सब पसीने से पूरे भीग गए थे। फिर मैंने देखा के उन दोनों माँ बेटी की चूत से पानी बहने लगा था। यानी कि उसकी बीवी को भी मजा आ रहा था। फिर मैं उसकी बीवी को बताने लगी के मैं तो इलाज के चक्कर मे अपने बाप के सामने भी नंगी हो चुकी हूं। फिर उसकी बीवी और बेटी हैरान होकर बोली के वो कैसे। तो फिर मैंने उन्हें कोई झूठी कहानी सुना दी। फिर उसकी बीवी बोली के तो आपकी माँ कुछ नहीं बोली। फिर मैं बोली के वो क्या बोलती उन्हें सब पता है। वो भी तब नंगी हो गई थी और अब भी हम एक दूसरे के सामने ऐसे ही रहते है कई बार। मेरी बात सुनकर उन्होंने भी सोचा के ये लोग नंगे रह सकते हैं तो हम क्यों नहीं। फिर उनमें कुछ आत्मविश्वास आया। फिर कुछ देर हो गई तो मैंने उसकी बीवी से उसका लंड हिलाने को कहा। फिर वो उसका लंड हिलाने लगी। फिर मैं उसकी बेटी के पास गई और उसके कान में बोली के तुम्हारी माँ तुम्हारी चूत के लिये तुम्हारे बापू का लंड खड़ा कर रही हैं। ये सुनकर हम दोनों मुस्कुराने लगी। फिर उसका लंड आधा खड़ा हो गया था फिर मैंने उसकी बीवी से लंड मुँह में लेकर चूसकर खड़ा करने को कहा। फिर उसकी बीवी ऐसा ही करने लगी। फिर कुछ देर उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसे अपनी बेटी के ऊपर आने के लिए कहा। जब वो अपनी बेटी के ऊपर आ गया तो उसकी बेटी ने अपने पैर पूरे फैला दिए। फिर मैंने उसका लंड पकड़कर उसकी बेटी की चूत में डाल दिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। इस प्रकार वो दोनों चुदाई करने लगे। उसकी बेटी मजे से सिस्कारियाँ ले रही थी जिसे सुनकर मैं और उसकी बीवी भी गर्म हो गई और अपनी चूत सहलाने लगी। फिर मैंने उसकी बेटी को घोड़ी बनने के लिए कहा और फिर उससे पीछे से चुत में करने को कहा तो वो अपनी बेटी को पीछे से चोदने लगा। फिर कुछ देर बाद वो झड़ने लगा तो उसका कुछ पानी चारपाई पर और कुछ अपनी बेटी की गाँड पर गिर गया। फिर उसकी बेटी बोली के मुझे पेशाब आ रहा हैं। ये सुनकर मैं बोली के क्यों काम कर गया ना मेरा इलाज। फिर उसकी बीवी बोली के हम आपका एहसान कभी नहीं भूलेंगे। फिर उसकी बेटी कपड़े पहनने लगी पेशाब करके आने के लिए फिर मैं बोली के ऐसे ही कर आ कौन देखेगा। फिर वो ऐसे ही चली गई। फिर मैंने उससे घर का मैन गेट बंद करके आने को कहा। फिर वो घर का मैन गेट बंद करके आ गया। तब शाम होने लगी थी तो फिर उसकी बीवी ने चारपाई आँगन में लगा दी तो हम सब आँगन में बैठ गए। उसकी बीवी तो घर का काम करने लगी और हम तीनों नंगे आँगन में ही बैठे रहे। फिर उसकी बीवी लकड़ियां वगेरह लेने के लिए कपड़े पहनकर घर से बाहर चली गई। फिर वो बोला के वो अब कुछ देर बाद ही आएगी। फिर हम तीनों खुलकर बातें करने लगे। फिर मैं उससे बोली के क्यों करवा दिया ना तुम्हारी बीवी के सामने। तो वो बोला के आपने तो मेरे मौज मस्ती के दरवाजे खोल दिये। इसके बदले में आप मुझसे जो कहोगे मैं वो करने के लिए तैयार हूं। फिर मैं बोली के पहले तो तुम्हारी बीवी आने से पहले मेरी गाँड मार। फिर मैं घोड़ी बन गई तो वो मेरी गाँड मारने लगा। फिर वो झड़ने वाला हुआ तो मैंने लंड अपनी बेटी के मुँह में देने के लिए कहा। फिर उसकी बेटी अपने बापू का लंड चुसने लगी और सारा पानी पी गई। इतने में उसकी बीवी भी आ गई और फिर वो चूल्हे पर खाना वगेरह बनाने लगी। फिर मैं उससे बोली के आज रात मैं यहीं रुकूँगी ताकि इलाज सही से हो सके। फिर उसकी बीवी बोली के आपका ही घर हैं आपका मन करे तब तक आप रहो। फिर मैं और उसकी बेटी वहीं चूल्हे के पास बैठ गई और बातें करने लगी। फिर अचानक घर के गेट पर एक जीप आकर रूकी। फिर वो जल्दी से कपड़े पहनकर बाहर गया और फिर उसने आकर बताया के मेरे पापा आये हैं। तब तक अंधेरा हो चुका था। फिर मैं नंगी ही उसके साथ पापा के पास चली गई। उसके घर के गेट के पास ही एक कमरा बना था। पापा वहीं पर बैठे थे। फिर मैं नंगी ही उनके पास चली गई और उन्हें सब बात बताई और फिर उन्हें रात रात यहीं रुकने को बोला। फिर पापा ने मुझे पकड़ लिया और मेरे बोबे दबाने लगे। पापा अकेले ही आये थे। फिर पापा मेरी गाँड में अपना लंड डालकर सहलाने लगे। फिर मैं घोड़ी बन गई तो पापा ने मेरी चूत में लंड डाल दिया और करने लगे। फिर कुछ देर बाद पापा झड़ गए तो मैंने उनका लंड चाटकर साफ कर दिया। फिर पापा जाने लगे तो मैं पापा के साथ नंगी ही बाहर जीप तक चली गई। फिर पापा जीप में चढ़कर चले गए और मैं और वो अंदर आ गए और फिर उसने घर का गेट बंद कर दिया। फिर मैं जब वापिस उसकी बीवी और बेटी के पास आई तो वो पूछने लगी के आप ऐसे ही चली गई। फिर मैंने उन्हें कहा के मैंने बताया था ना के मैं अब उनके सामने ऐसे ही रह लेती हूँ। फिर उसकी बीवी बोली के आप देखने मे इतनी खूबसूरत हो आपको देखकर क़भी उनका मन नहीं करता करने का। फिर मैंने कहा के किसने कहा के नहीं करता। फिर मैं बोली के अभी वो मेरी चूत मारकर गए हैं। ये सुनकर वो दोनों हैरान हो गई। फिर मैं बोली के मेरे पति फ़ौज में हैं तो मैं चुदाई के बगैर नहीं रह पाती हूँ। इस कारण उनसे ही कर लेती हूँ। बाहर किसी को पता भी नहीं चलता। फिर वो बोली के हाँ ऐसा करना सही रहता हैं।

फिर पहले तो वो नहाया फिर मैं नहाई और फिर उसकी बेटी नहाई। फिर हम सब नहाकर हमने आँगन में ही नीचे गद्दे लगाकर उन पर बैठ गए। फिर उसकी बीवी नहाने चली गई तो मैं उसका लंड हिलाने लगी। जब उसका लंड खड़ा हो गया तो फिर वो अपनी बेटी से करने लगा। जब उसकी बीवी नहाकर आई तो वो दोनों कर ही रहे थे। फिर वो झड़ गया तो फिर हमने खाना खाया और फिर हम साथ ही सो गए। फिर उसकी बेटी हमारे सामने ही अपने बापू का लंड सहलाने लगी। फिर उसका खड़ा हो गया तो फिर मैंने उसकी बीवी से अपने पति से चुदाई करवाने के लिए कहा। लेकिन उसने ना कर दी लेकिन फिर मेरे कहने पर वो मान गई और फिर हमारे सामने ही उसने अपने पति से चुदवा लिया। फिर करने के बाद वो आकर सो गई तो मैं उसके ऊपर लेट गई और उसके बोबे दबाने लगी। फिर मैंने उससे पूछा के तुम्हारे पति से मैं भी करवा लूँ क्या। कई दिन हो गए कोई तुम्हारे पति जैसा मर्द मिला नहीं। फिर वो बोली के अब सब आपका ही हैं। फिर मैं हँसती हुई उसके पति के पास गई और उसका उन दोनों माँ बेटी के सामने लंड सहलाने लगी। फिर उसका खड़ा हो गया तो वो मेरे ऊपर आ गया और मुझे चोदने लगा। फिर मैंने उससे घोड़ी बनकर गाँड भी मरवाई। फिर कुछ देर बाद वो झड़ गया तो मैं सीधी होकर लेट गई और वो मेरे पैसा ही में लेट गया। फिर मैंने उसकी बीवी से पुछा के ऐसे मजा आ रहा हैं या नहीं। तो वो बोली के बहुत आ रहा हैं अब से हम ऐसे ही रहेंगे। ये सुनकर मैं उसके और उसकी बेटी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मैं बोली के आप सब लोगो को नींद आ रही हैं या नहीं। फिर वो सब बोले के नहीं। फिर मैं उनसे बोली के चलो तो एक खेल खेलते हैं। फिर उसकी बेटी बोली के क्या खेल। फिर मैं बोली के हम तीनों घोड़ी बन जाएंगी और फिर ये आकर हमारी चूत और गाँड में लंड डालकर करेगा। ये जब भी किसी की चूत और गाँड में झडेगा तो वो उसका गुलाम बन जायेगा और जो वो कहेगी उसे वो करना पड़ेगा। फिर मैं, उसकी बीवी और बेटी घोड़ी बन गए और फिर वो पीछे से आकर हमें चोदने लगा। वो थोड़ी थोड़ी देर सभी की गाँड और चूत चोद रहा था। फिर वो थोड़ी देर बाद मेरी गाँड में झड़ गया तो फिर मैं उससे बोली के क्या करना हैं ये मैं बाद में बताऊंगी। फिर हम सब सीधे हो कर सो गए। मैं उसकी बीवी के पास सोई थी तो मैं उसके बोबे और चूत सहलाने लगी थी। उधर वो अपनी बेटी से अपना लंड चुसवा रहा था। फिर उसकी बीवी गर्म हो गई तो मैं उसके ऊपर आ गई और उसके बूब चुसने लगी और फिर उसकी चूत चुसने लगी। फिर वो थोड़ी देर में झड़ गई और फिर मुझसे बोली के एक औरत दूसरी औरत को इतना मजा दे सकती हैं ये तो मुझे आज पता चला। फिर वो मेरे ऊपर आई और मेरे साथ भी वैसा ही किया। फिर मैं झड़ गई तो फिर हम सीधी होकर लेट गई। उधर वो अपनी बेटी से कर रहा था तो उसकी सिस्कारियाँ सुन रही थी। फिर वो झड़ गया तो फिर वो भी सीधे होकर सो गए और फिर हम सबको नींद आ गई।

रात देर से सोने के बाद भी हम सब सुबह जल्दी ही उठ गए थे। फिर उसकी बीवी चाय बनाकर लाई और फिर हमने चाय पी। फिर वो दोनों माँ बेटी तो नंगी ही घर का काम करने लग गई और मैं घर जाने की तैयारी करने लगी। फिर वो बोला के मैं भी चलता हूँ आपके साथ। फिर मैं और वो जाने लगे तो वो दोनों माँ बेटी नंगी ही हमे गेट तक छोड़ने आई। फिर मुझे पेशाब आने लगा तो मैं वहीं घर के आगे ही गली में अपनी सलवार खोलकर बैठ गई। फिर उसकी बीवी बोली के यहाँ कोई देख लेगा आप अंदर कर लो। फिर मैं बोली के कोई नहीं देखेगा। फिर मैंने पेशाब कर लिया तो फिर मैं और वो मेरे घर जाने लगे और उन दोनों माँ बेटी को मैंने घर पर नंगी ही रहने को कहा तो वो बोली के अब हमारा कपड़े पहनने का मन ही नहीं करता। ये सुनकर हम सब हँसने लगे और फिर मैं उसके साथ घर जाने लगी। सुबह का समय था और हम गांव की गलियों से होकर घर जा रहे थे। हम दोनों साथ-साथ चल रहे थे तो मैं उसकी धोती के ऊपर से ही उसका लंड दबा देती और वो भी मेरी गाँड और बोबे दबा देता। हम ऐसा करते हुए जा रहे थे। फिर मेरा मन गाँड मरवाने का हुआ तो मैंने उससे अपनी गाँड मारने को बोला। तो वो बोला के यहाँ कोई देख लेगा। मैं आगे चलकर खेतों में आपकी गाँड मार दूँगा। फिर मैं उससे बोली के जो मजा यहाँ आएगा वो खेतों में नहीं आएगा। फिर वहाँ पर मुझे एक पीपल का पेड़ दिखा। उसके चारों और एक चबूतरा बनाया हुआ था। फिर मैं बोली के चलो वहाँ चलते हैं। फिर हम दोनों वहाँ गए तो फिर मैं जाकर चबूतरे पर चढ़ गई और अपनी सलवार खोलकर नीचे कर दी और पीपल के सहारे झुक कर खड़ी हो गई। फिर मैंने उसे गाँड मॉने को बोला। वो भी मेरी नंगी गाँड देखकर गर्म हो गया और फिर वो चबूतरे पर चढ़ा और अपनी धोती को खोलकर अपना लंड हाथ से हिलाने लगा और फिर अपना लंड मेरी गाँड में डालकर करने लगा। हम दोनों को काफी मजा आ रहा था। फिर उसने मेरा कुर्ता ऊपर कर दिया और मेरे बोबे पकड़ लिए और फिर फूल जोश से करने लगा। फिर कुछ देर में वो झड़ गया तो फिर हम जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगे और फिर हम वपिस चल पड़े। फिर मैंने उससे पूछा के कैसा लगा तो वो बोला के थोड़ा डर लगा पर मजा भी बहुत आया। फिर मैं उससे बोली के अब तुम सोचो के जब तुम अपनी बेटी को नंगी करके वहाँ चोदोगे तो तुम्हे कितना मजा आएगा। फिर वो बोला के आप सही कह रहे हो। मुझे मौका मिला तो मैं उससे वहाँ जरूर करूँगा। फिर ऐसे ही हम बाते करते करते गाँव से बाहर निकल गए। फिर मैंने अपने सब कपड़े निकाल दिए और पूरी नंगी होकर चलने लगी। मेरे कपड़े मैंने उसे दे दिए थे। मुझे देखकर वो बोला के आप बहुत खूबसूरत हो जो मुझे आपको चोदने का मौका मिला। फिर मैं उसकी तरफ मुस्कराई और उसका हाथ अपनी कमर में डालकर उससे चिपककर चलने लगीं। फिर हम घर पहुँचे तो वहाँ कुछ मजदूर आये हुए थे और पापा, काका और मम्मी सब चौकी पर नंगे ही बैठे थे। फिर हम उनके पास गए और जाकर बैठ गए। फिर मैंने उन सबसे कहा के इसने तो अपनी बेटी चोद ली और वो भी अपनी बीवी के सामने। फिर वो ये सब सुनकर हैरान हो गए और पूछने लगे के ये सब कैसे हुआ। फिर मैंने उन्हे सब बात बताईं। ये सब सुनकर मम्मी मुझसे कहने लगी के तू काफी होशियार हो गई हैं इन सब में। फिर मैं और मम्मी हँसने लगी। फिर मैं बोली के अब तो ये कभी भी अपनी जवान बेटी की चूत चोद सकता हैं। इसके तो अब मजे ही मजे हैं। ये सुनकर वो बाकी सब मजदूर काफी प्रभावित हुए। फिर उनका भी मन होने लगा के उसकी तरह ही अपने घर पर ये सब करने का। फिर वो मुझसे कहने लगे के आप हमारी भी सहायता करो ताकि हम भी हमारे घर पर ऐसे मजे कर सके। फिर मैं उनसे बोली के आप सब लोग एक एक करके मेरे पास आना और अपने घर के लोगो के बारे में बताना। फिर मैं कुछ सोचकर ही प्लान बनाकर आपकी सहायता कर पाऊंगी। फिर वो सब बोले के ठीक है।

फिर उसकी बीवी और बेटी काफी खुल गई। फिर एक दिन मैं और पापा उनके घर गए। फिर पापा तो बाहर वाले कमरे में बैठ गए और मैं नंगी होकर उसके साथ अंदर चली गई। फिर मैंने उन दोनों को पापा से चुदने को बोला। उसे तो कोई।दिक्कत नहीं थी। फिर उसकी बीवी और बेटी शर्माने लगी। फिर मैं उनसे बोली के चुत में लंड एक का जाए या दो का इससे तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ना ही किसी और को पता चलेगा। फिर वो बस शर्माती रही और कुछ नही बोली। फिर मैं बाहर वाले कमरे में गई और पापा को नंगा करके ले आई। वो दोनों माँ बेटी कमरे में नंगी बैठी थी। फिर पापा उनके पास गए और उन दोनों के बूब दबाने लगे और चुत सहलाने लगे। कुछ देर में वो दोनों भी गर्म हो गई। फिर पापा ने पहले उसकी बेटी को चोदा और फिर उसकी बीवी को। फिर पापा ने दोनों को एक साथ घोड़ी बनाकर भी चोदा। उधर मैंने उससे किया। फिर बाद में मैंने पापा और उससे एक साथ भी किया। मुझे दो मर्दों से करते देखकर वो दोनों काफी गर्म हो गई थी। फिर पापा और उसने पहले उसकी बीवी से और फिर उसकी बेटी से एक साथ किया। दो मर्दों से एक साथ चुदवाकर वो दोनों काफी खुश हुई और पहले से काफी ज्यादा खुल भी गई। फिर पापा का जब भी मन करता वो उसके घर जाकर उसकी बीवी और बेटी को चोद आते। फिर एक दिन पापा काका को भी अपने साथ ले गए। फिर उन्होंने काका से भी कर लिया। उन्हें अब चुदाई में काफी मजा आने लगा था। फिर एक दिन मैं उनके घर गई। फिर हम तीनों ने नंगी होकर एक दूसरे की चूत चाटी और बोबे चूसे। फिर मैंने उन्हें हम खेत मे जो भी करते थे उसके बारे में सब बताया। फिर मैंने मम्मी और दर्जी के बारे में भी बताया। फिर मैंने उसको उसकी बेटी के किसी दूसरे लड़के से चक्कर के बारे में बताया और फिर हमने उस लड़के को कैसे सबक सिखाया ये भी बताया। ये सुनकर वो बोली के अगर इसके चक्कर के बारे में गाँव मे पता चल जाता तो हम कहीं के नहीं रहते। ये तो अच्छा हुआ के अब इसके बापू इसे घर पर ही चोद देते हैं ताकि ये बाहर किसी से चक्कर ना चलाये। फिर मैं बोली के ये सब करने के बाद तुम मेरी एक बात और मान लो। फिर उसकी बीवी बोली के क्या। फिर मैंने उसे खेत मे उन सबके सामने अपनी बेटी को नंगी करने को कहा तो वो ये सुनकर बोली के इससे तो इसकी सारी इज्जत चली जायेगी। फिर मैं उससे बोली के तुम दोनों ही तीन मर्दों से चुदती हो जब ये पता चलेगा तो तुम्हारी इज्जत ज्यादा होगी। फिर मैंने उसे मेरी और मम्मी के बारे में बताया के हमने उन सबके साथ क्या क्या किया हैं। जब ये उसने सुना तो बोली के आप इतना सब कर चुकी हो उनके साथ फिर भी गाँव मे किसी को पता नहीं चला। मैं बोली के हाँ। फिर वो मान गई। फिर मैं बोली के पहले तुम्हारी बेटी को उनके सामने नंगी करूँगी और फिर तुम्हे। फिर बोली के नहीं मुझे शर्म आएगी। फिर मैं बोली के शर्म छोड़ो और मजे करो। फिर मैंने उससे अपनी बेटी को खेत पर लाने को कहा। फिर अगले दिन वो खेत पर अपनी बेटी के साथ आया। वो आये तब हम सब नंगे ही थे। फिर मैं उसकी बेटी के पास गई और एक एक करके उसके कपड़े उतारने लगी। जब मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया तो सब उसे देखते ही रह गए। फिर इतने में वो भी नंगा हो चुका था। फिर वो दोनों बाप बेटी साथ मे नंगे खड़े थे। फिर मैंने उसकी बेटी से अपने बापू का लंड पकड़ने को कहा। तो वो हम सबके सामने अपने बापू का लंड सहलाने लगी। फिर मैंने उससे अपनी बेटी को उन सबके सामने चोदने को कहा तो उसने अपनी बेटी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा। ये देखकर वो सब काफी गर्म हो चुके थे। फिर मैंने उन सब से कहा के अब ये घर पर इसका जब मन करता हैं अपनी बीवी के सामने इसे चोद लेता हैं। इसकी बीवी इसे कुछ नहीं कहती हैं और वो भी साथ मे चुदवा लेती हैं। ये सुनकर उन सब के मन मे भी अपने घर मे ऐसे ही मजा करने का विचार आया और उन्होंने पक्का मन बना लिया के वो भी अब इसके जैसे अपने घर मे मजे करेंगे। फिर वो सब मुझे सहायता करने के लिए बोलने लगे ताकि वो भी जल्द से जल्द अपनी मां बहन और बेटी को चोद सके। फिर मैंने उन्हें एक एक करके अपने क्लिनिक पर आने को बोला ताकि मैं उनसे बात करके उनके घर के माहौल को जानकर उनकी सहायता कर सकूँ।

फिर कुछ देर बाद वो अपनी बेटी की गाँड में झड़ गया। फिर उससे पापा और काका ने भी किया और फिर उन सबने उसके बूब दबाए और उसके बदन को सहलाया। इसके बाद उसकी बेटी और बीवी हमारे घर काम करवाने के लिए आने लगी। फिर उन दोनों ने ही रामु से भी चुदवा लिया। फिर उसकी बीवी भी उन सबके सामने नंगी हो गई थी। फिर तो वो दोनों माँ बेटी बिना शर्म के उन सब के सामने नंगी घूमती रहती और उन सबके लंड सहलाती और वो उनके बूब और गाँड दबाते। फिर मैंने उन सबके घर की औरतों को उनसे कैसे चुदवाया ये अगले भाग में बताऊंगी.....

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