फिर एक दिन मैं, पापा और काका क्लिनिक में बैठे थे और बातें कर रहे थे। फिर वहाँ पर एक आदमी आया जो हमारे खेत पर मजदूरी करता था। उसे देखकर हम मुस्कुराने लगे और वो भी मुस्कुराने लगा। फिर उसने बताया के उसका एक पैर दर्द कर रहा हैं। फिर मैंने उसे लेटकर अपना पैर दिखाने के लिए बोला। फिर हम दोनों उठकर कमरे में ही एक कोने में सिंगल बेड रखा था वहाँ जाने लगे। फिर काका बोला के खेत मे इसके सामने नंगी रहती हो तो इसका इलाज भी नंगी रहकर करों। ये सुनकर पापा और वो आदमी भी मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगे। फिर मैं मुस्कुरा कर बोली के ठीक है। फिर मैं वापिस पापा और काका के पास आई और एक एक करके अपने कपड़े खोलने लगी। फिर काका ने उस आदमी से भी नंगा होने के लिए कहा तो वो भी नंगा हो गया। फिर मैं पूरी नंगी हो गई तो फिर मैं उस आदमी के पास गई और उसे बेड पर लेटने के लिए कहा। वो भी पूरा नंगा हो चुका था। फिर मैंने हमारे सामने लगा पर्दा भी हटा दिया जिससे पापा और काका भी मुझे उसका इलाज करते हुए देखने लगे। मैं उसके पैर को देखने लगी हाथ लगाकर। उसका लंड भी खड़ा हो गया था तो मैं एक हाथ स्व उसका लंड सहलाने लगी और उसकी तरफ मुस्कुराने लगी। पापा और काका भी हमें देखकर अपना लंड सहला रहे थे। फिर मैं उस आदमी से बोली के इंजेक्शन लगा देती हूँ। कुछ देर में दर्द कम हो जाएगा। फिर मैं नंगी ही पापा और काका के पास गई और टेबल पर रखे अपने बैग से इंजेक्शन निकालने लगी। मैं उनके बिल्कुल पास खड़ी थी तो वो दोनों मेरी गाँड सहलाने लगे और मेरी चूत पर भी हाथ फेरने लगे।
फिर मैं इंजेक्शन भरकर दोबारा उस आदमी के पास गई तो वो पीछे से मेरी मटकती हुई गाँड देखने लगे। फिर मैं उस आदमी के इंजेक्शन लगाने लगी तो वो आदमी बोला के मैं तो आपको देखकर ही ठीक हो गया। ये सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर मैंने उसके इंजेक्शन लगा दिया और उसे कुछ देर ऐसे ही सोए रहने के लिए कहा। फिर मैं उसका लंड हिलाने लगी। कुछ देर हिलाने के बाद वो झड़ने वाला हुआ तो मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और उसका सारा पानी पी गई। इससे उस आदमी को काफी मजा आया और वो आँख बंद करके आनंद से लेटा रहा। फिर मैं अपना मुँह पोंछती हुई नंगी ही आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गई। तब दोपहर बाद का टाइम था और क्लिनिक का गेट खुला ही पड़ा था और मैं उसका नंगी होकर इलाज कर रही थी। पापा और काका भी फुल गर्म हो चुके थे तो पापा अपना लंड हिलाते हिलाते मेरे पास आये तो मैं उनका लंड हिलाने लगी। फिर मैंने काका से क्लिनिक का गेट बंद करने के लिए कहा। ताकि कोई हमे ऐसे देख ना ले। फिर गेट बंद करते ही पापा ने मुझे खड़ी किया और दीवार के सहारे लगाकर मेरी गाँड मारने लगे। मैं भी पापा का साथ देने लगी। लेकिन पापा कुछ ज्यादा ही गर्म हो गए थे तो पापा जल्दी ही झड़ गए और फिर जाकर बैठ गए। फिर काका आया और मेरे बोबे चुसने लगा और मेरा बदन सहलाने लगा।
फिर वो मुझे बेड की तरफ ले गया जिस पर वो आदमी नंगा सोया था। फिर काका ने उस आदमी को खड़ा होने के लिए कहा। फिर मैंने कहा के इसे सोया रहने दो मैं इसके ऊपर ही घोड़ी बन जाती हूँ। फिर मैं बेड पर चढ़ गई और उसके ऊपर ही उल्टी होकर घोड़ी बन गई। उस आदमी के मुँह के पास मेरे बोबे आ गए थे तो फिर मैं उसे अपने बोबे चुसवाने लगी और काका मेरी पीछे से चुत और गाँड मारने लगा। कुछ देर करने के बाद काका झड़ गया तो मैं नंगी ही उस आदमी के ऊपर लेट गए और जोर जोर से सांस लेने लगी। मैं पसीने से पूरा भीग गई थी। फिर जो आदमी मेरे नीचे लेटा था उसने अपने हाथ मेरे ऊपर रख लिए और मेरा बदन सहलाने लगा। फिर मैं नॉर्मल हो गई तो मैं उस आदमी के ऊपर से खड़ी हो गई। फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए। उस आदमी और काका और पापा ने भी अपने कपड़े पहन लिए। फिर वो भी वहीं बैठ गया। हमने क्लिनिक के गेट खोल दिये और हम फिर से सेक्सी और गंदी बातें करने लगे। फिर काका बोला के तेरी चूत और गाँड इतनी मस्त हैं। अगर कोई तुझे जिंदगी भर चोदता रहे फिर भी उसका मन ना भरे। फिर काका की बात पर मैं हँसने लगे। फिर वो आदमी बोला के जिसकी बेटी इतनी मस्त हो फिर कौनसा बाप हो जो उसे चोदे बिना रह जाये। फिर पापा उसे बताने लगे के इसका पति फ़ौज में हैं तो चुदाई के लिए तड़पती रहती थी। फिर इसने मुझे अपना बदन दिखाया। फिर मैंने इसे चोद दिया। फिर वो आदमी बोला के भाभी कुछ नहीं बोली। फिर काका बोला के दोनों माँ बेटी एक जैसी ही हैं। ये सुनकर उस आदमी का चेहरे का रंग उड़ गया। फिर काका बोले के तुम्हें फिर किसी दिन बताएंगे। फिर उस आदमी ने पापा से पूछा के क्या आपने भाभी के सामने अपनी बेटी को चोदा है। फिर पापा ने मुस्कुराकर कहा के हाँ।
फिर वो आदमी और ज्यादा उत्सुक हो गया जानने के लिए। उसने फिर से पूछा के आपने भाभी के सामने इसे घोड़ी बनाकर चोदते हो। फिर पापा बोले के हाँ मैंने दोनों को घोड़ी बनाकर एक साथ चोदा हैं। फिर पापा बोले के हाँ। फिर पापा बोले के चुदाई चीज ही ऐसी है कि इसके बिना कोई नहीं रह पाता। ये सब सुनकर वो आदमी फिर से गर्म हो गया। इस बार वो काफी ज्यादा गर्म हो गया था। फिर वो अपना लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा। फिर मैंने उसे अपने पास बुलाया और उसका लंड अपने हाथों से जोर जोर से हिलाने लगी। फिर वो झड़ने वाला हुआ तो मैंने उसका पानी अपने बोबो पर गिराने लगी। मैंने उस दिन गहरे गले का सूट पहना था। तो मेरे आधे बूब दिख रहे थे। फिर वो पूरा झड़ गया तो उसका लंड ढीला हो गया और फिर मैं उसका पानी अपने बोबो पर मसलने लगी। फिर वो आदमी चला गया। इस प्रकार फिर और खेत पर काम करने वाले एक एक करके मेरे पास कभी खुद आते तो कभी साथ मे किसी को दिखाने के लिए आते। वो खुद आते तब तो मैं उनका इलाज नंगी होकर ही करती और कभी वो किसी को साथ लाते तो मैं उसे कभी अपने बोबे दिखाती तो कभी उसके सामने आँख मार देती और मैं और वो दोनों मुस्कुराने लग जाते। इस प्रकार वो सब मेरे वश में हो चुके थे पूरे तरीके से। फिर मैंने जो सोचा था वैसा ही हो गया। मैंने सोचा था के मैं पापा और काका से एक साथ चुदवा रही हूँ और गांव के कुछ लोग हमारे चारों और बैठे है और हमें देख रहे हैं। पहले तो ऐसा सिर्फ कई बार हम खेत में करते थे। लेकिन हमें किसी का डर नहीं था तो फिर हम ऐसा घर पर भी करने लगे। घर के बाहर चौकी पर हम सब बैठे रहते और मैं पापा और काका से चुदवा लेती। फिर मैं एक एक करके उन सबकी गोद में बैठ जाती और फिर वो मेरे बोबे दबाते और साथ में चूसते। अब इतने मर्द बोबे दबाएंगे तो बोबो का साइज तो बढ़ना ही था। फिर वो सब अपना लंड हिलाकर अपना पानी मेरे बदन पर डालते तो मेरा बदन उनके पानी से भर जाता तो मैं उनका पानी अपने बदन पर मसल लेती। फिर वो मुझे चुदाई के लिए कहते। तो फिर मैं बोली के चुदाई में इतना मजा नहीं आता जितना तड़पने और तड़पाने में आता है। मुझे पता था के वो सब मेरी इजाजत के बगैर मुझसे कुछ नहीं कर पाएंगे। कई बार कोई ज्यादा गर्म हो जाता तो वो होश में नहीं रहता तो मैं उनके गाल पर थप्पड़ लगा देती तो फिर वो मुझसे दूर हो जाता। मैं उनके साथ होती तो वो सब मेरे बदन से खेलते रहते और मैं भी उनके लण्डों से खेलती।
एक दिन हम सब खेत मे बैठे थे और मजे कर रहे थे। फिर काका बोला के हम खेत में ही नंगे रहते है। अगर हम गाँव में भी कहीं नंगे रहकर मजे कर सके तो मजा ही आ जायेगा। फिर मैं बोली के गाँव मे ऐसी जगह कौनसी होगी। फिर पापा बोले के तुम्हारा क्लिनिक हैं ना। अगर ये सब वहाँ तुमसे इलाज करवाने आये और तुम नंगी होकर इनका इलाज करना साथ मे इनसे मजे करना। फिर मैंने भी सोचा तो मुझे भी ये आईडिया पसंद आया। फिर मैंने उन सब मर्दों को भी कहा के तुम सब मेरे पैसा एक साथ आना मेरे क्लिनिक पर। फिर मैं वहाँ तुम्हे नंगा करके तुम्हारे लण्ड का चेकउप करूँगी। तो वो सब भी तैयार हो गए। फिर मैं बोली के ये सब एक साथ आएंगे तो मुझे काफी टाइम लग जायेगा इनके साथ और ऐसे में कोई और गाँव वाला आ गया तो फिर क्या करेंगे। फिर काका बोला के इन सबको हम क्लिनिक के बाहर लाइन लगाकर खड़ा कर देंगे। अगर कोई आएगा तो ये हमे अंदर आकर सूचना दे देंगे। फिर हम देख लेंगे के क्या करना हैं। फिर मैं बोली के ठीक है। फिर काका बोला के कुछ दिनों में फसल आ जायेगी तो लगभग सभी दिन में खेतों में रहा करेंगे। फिर हम गाँव मे आराम से मस्ती किया करेंगे। फिर इसके बाद पापा बोले के गाँव मे घर के सब लोग खेत मे नहीं जा पाते है। कोई न कोई तो अपने घर का ध्यान रखने के लिए घर पर रहता ही है। अगर हम गाँव वालों से ये कहे के कोई एक जना अकेला ही अपने साथ लगने वाले सब घरों की रखवाली कर लेगा तो इससे सब जने खेत जाकर मिलकर काम कर सकेंगे। पापा की ये बात हम सबको काफी पसंद आई। फिर पापा बोले के हम क्लिनिक के आसपास पड़ने वाले घर के लोगों से कह देंगे के आप सब खेत मे जाओ आपके घरों की रखवाली हम कर लेंगे। फिर पापा बोले के अगर ऐसा हो जाये तो हम पूरी तरह से खुलकर मजे कर सकेंगे। फिर मैं पापा से बोली के तो आप आसपास के घरवालों से बात करो। अगर आपके कहे अनुसार हो गया तो मैं नंगी होकर आप सबसे गली में मजे करने के लिए तैयार हूँ। ये सुनकर सब काफी खुश हुए। फिर पापा ने वहाँ रहने वाले लोगों से बात की और फिर ये तरकीब बताई। फिर पहले तो कुछ लोग माने लेकिन फिर बाद में बाकी सब भी मान गए। पापा की गाँव मे काफी इज्जत थी तो सब पापा पर काफी विश्वास करते थे। फिर अगले दिन से ही घर के सब लोग काम करने के लिए खेत चले गए। फिर वो शाम को वापिस आये तो उन्हें सब ठीक वैसा ही मिल जैसा कि वो छोड़कर गए थे। फिर वो काफी खुश हुए। फिर धीरे धीरे जो बाकी बचे परिवार वाले थे वो भी ऐसा करने लगे। इस कारण क्लिनिक के आसपास के सब घर सूने रहने लगे। फिर इसे देखकर हमने भी अपना अगले दिन का कार्यक्रम रख दिया।
फिर लगभग सब लोग चले गए तो फिर हम सब जीप में बैठकर क्लिनिक पर आए। फिर पापा ने जीप क्लिनिक से काफी दूर रोक ली। फिर हम सब जीप से उतरे। फिर पापा और काका ने जोर से आवाज दी कोई है क्या। पर कोई होता तो कोई बोलता। फिर काका ने मजाक में थोड़ा जोर से बोला के यहाँ गाँव की एक लड़की नंगी होने वाली है। किसी को देखनी है तो आजाओ। ये सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर काका ने सबको नंगे होने के लिए बोला। फिर मैंने अपना सूट उतारकर जीप में रख दिया और बाकी सब भी पूरे नंगे हो गए। उन 10 मर्दों के बीच मैं एक अकेली औरत नंगी थी। फिर हम चलकर क्लिनिक जाने लगे। मैं उन सबके बीच चल रही थी। फिर मैं पहले तो पापा और काका के लंड सहलाती हुई चल रही थी और फिर मैंने दूसरे दो मर्दों के लंड पकड़ लिए। बाकी के मुझे देखकर अपना लंड सहलाते हुए चल रहे थे। फिर हम क्लिनिक के आगे पहुँचे तो काका क्लिनिक का ताला खोलने लगा और बाकी सब मुझे घेरकर खड़े हो गए। अगर तब हमें कोई देख लेता तो वो देखता ही रह जाता। फिर क्लिनिक का ताला खुल गया तो मैं बोली के क्लिनिक के अंदर तो रोज ही बैठते है आज हम बाहर ही बैठेंगे। फिर उन सबने टेबल कुर्सी वगेरह निकालकर क्लिनिक के आगे रख दी। फिर हम सब वहाँ बैठ गए। फिर मैं वहाँ सब के एक एक करके उनके लंड चेक करने का नाटक करने लगी और साथ में उनके लंड हिलाने लगी। फिर वो झड़ते तो मैं उनका पानी एक ग्लास में डालने लगी। ऐसे करते करते मैंने उन सबका पानी ग्लास में डाल दिया। कई दोबारा भी आ गए थे तो ऐसे करके उनके पानी से ग्लास पूरा भर गया। फिर मैंने उस ग्लास का सारा पानी पी लिया। फिर हम सब बैठकर बातें करने लगे और बातें भी ऐसे कर रहे थे जैसे इस गाँव मे हमारे सिवा कोई और हैं ही नहीं। हमें काफी मजा आ रहा था। ऐसा मजा ना तो किसी ने लिया होगा और ना ही कभी ले पायेगा। फिर हम उठकर गली में इधर उधर घूमने लगे। फिर पापा ने मुझे गली में ही घोड़ी बना लिया और फिर मेरे पीछे आकर मेरी गाँड मारने लगे। मैं भी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। एक बाप अपनी बेटी की गली के बीचों बीच 9 मर्दों के सामने गाँड मार रहा था। ये सोचते ही मैं आज भी काफी गर्म हो जाती हूँ। फिर पापा झड़ गए तो फिर काका ने फिर मेरी चूत मारी। ये सब देखकर उन सबने अपना लंड हिलाया और फिर अपने लंड का पानी मेरे बदन पर डाल दिया। ये सब करते करते हमें शाम होने वाली थी तो हम सबने कपड़े पहन लिए और उन सब को पापा जीप में चढ़ाकर खेत छोड़ने चले गए। फिर क्लिनिक पर मैं और काका ही थे तो काका ने मुझे अपनी गोद मे बैठा लिया और वो मेरे बोबे दबाने लगा और साथ मे हम बात करने लगे। फिर अंधेरा हो गया तो हम घर चले गए। तब सर्दियों का टाइम था तो मैं पापा और काका के साथ बाहर वाले कमरे में बेड पर सोती तो कई कई बार तो हमारी पूरी रात चुदाई करने में ही निकल जाती थी। एक रजाई में हम काफी मस्ती करते थे।
कई बार हम रात को खेत मे भी सो जाते थे। रात को 2 आदमी तो खेत मे होते ही थे तो मैं उनके साथ उनके बीच नंगी सो जाती। फिर वो मेरे बोबे चूसते और मैं भी उनके लंड हिलाती। फिर कभी कभी मैं उनका लंड पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ती तो वो मेरी चूत पर ही झड़ जाते। ऐसे करते करते मैं नंगी उन सब के साथ सो चुकी थी। फिर दिन में भी मैं उनके बीच ही रहती थी। मैं उनके सामने अपनी चूत में उंगली करती और फिर झड़ जाती तो फिर मैं अपनी उंगली से उन सबको अपना पानी टेस्ट करवाती। वो सब मेरे इशारों पर ही चलते थे।
अगले भाग में बताऊंगी के मैंने उस दर्जी औरत को खेत पर काम करने वाले एक बूढ़े के सामने नंगी कैसे किया.....
फिर मैं इंजेक्शन भरकर दोबारा उस आदमी के पास गई तो वो पीछे से मेरी मटकती हुई गाँड देखने लगे। फिर मैं उस आदमी के इंजेक्शन लगाने लगी तो वो आदमी बोला के मैं तो आपको देखकर ही ठीक हो गया। ये सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर मैंने उसके इंजेक्शन लगा दिया और उसे कुछ देर ऐसे ही सोए रहने के लिए कहा। फिर मैं उसका लंड हिलाने लगी। कुछ देर हिलाने के बाद वो झड़ने वाला हुआ तो मैंने उसका लंड मुँह में ले लिया और उसका सारा पानी पी गई। इससे उस आदमी को काफी मजा आया और वो आँख बंद करके आनंद से लेटा रहा। फिर मैं अपना मुँह पोंछती हुई नंगी ही आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गई। तब दोपहर बाद का टाइम था और क्लिनिक का गेट खुला ही पड़ा था और मैं उसका नंगी होकर इलाज कर रही थी। पापा और काका भी फुल गर्म हो चुके थे तो पापा अपना लंड हिलाते हिलाते मेरे पास आये तो मैं उनका लंड हिलाने लगी। फिर मैंने काका से क्लिनिक का गेट बंद करने के लिए कहा। ताकि कोई हमे ऐसे देख ना ले। फिर गेट बंद करते ही पापा ने मुझे खड़ी किया और दीवार के सहारे लगाकर मेरी गाँड मारने लगे। मैं भी पापा का साथ देने लगी। लेकिन पापा कुछ ज्यादा ही गर्म हो गए थे तो पापा जल्दी ही झड़ गए और फिर जाकर बैठ गए। फिर काका आया और मेरे बोबे चुसने लगा और मेरा बदन सहलाने लगा।
फिर वो मुझे बेड की तरफ ले गया जिस पर वो आदमी नंगा सोया था। फिर काका ने उस आदमी को खड़ा होने के लिए कहा। फिर मैंने कहा के इसे सोया रहने दो मैं इसके ऊपर ही घोड़ी बन जाती हूँ। फिर मैं बेड पर चढ़ गई और उसके ऊपर ही उल्टी होकर घोड़ी बन गई। उस आदमी के मुँह के पास मेरे बोबे आ गए थे तो फिर मैं उसे अपने बोबे चुसवाने लगी और काका मेरी पीछे से चुत और गाँड मारने लगा। कुछ देर करने के बाद काका झड़ गया तो मैं नंगी ही उस आदमी के ऊपर लेट गए और जोर जोर से सांस लेने लगी। मैं पसीने से पूरा भीग गई थी। फिर जो आदमी मेरे नीचे लेटा था उसने अपने हाथ मेरे ऊपर रख लिए और मेरा बदन सहलाने लगा। फिर मैं नॉर्मल हो गई तो मैं उस आदमी के ऊपर से खड़ी हो गई। फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए। उस आदमी और काका और पापा ने भी अपने कपड़े पहन लिए। फिर वो भी वहीं बैठ गया। हमने क्लिनिक के गेट खोल दिये और हम फिर से सेक्सी और गंदी बातें करने लगे। फिर काका बोला के तेरी चूत और गाँड इतनी मस्त हैं। अगर कोई तुझे जिंदगी भर चोदता रहे फिर भी उसका मन ना भरे। फिर काका की बात पर मैं हँसने लगे। फिर वो आदमी बोला के जिसकी बेटी इतनी मस्त हो फिर कौनसा बाप हो जो उसे चोदे बिना रह जाये। फिर पापा उसे बताने लगे के इसका पति फ़ौज में हैं तो चुदाई के लिए तड़पती रहती थी। फिर इसने मुझे अपना बदन दिखाया। फिर मैंने इसे चोद दिया। फिर वो आदमी बोला के भाभी कुछ नहीं बोली। फिर काका बोला के दोनों माँ बेटी एक जैसी ही हैं। ये सुनकर उस आदमी का चेहरे का रंग उड़ गया। फिर काका बोले के तुम्हें फिर किसी दिन बताएंगे। फिर उस आदमी ने पापा से पूछा के क्या आपने भाभी के सामने अपनी बेटी को चोदा है। फिर पापा ने मुस्कुराकर कहा के हाँ।
फिर वो आदमी और ज्यादा उत्सुक हो गया जानने के लिए। उसने फिर से पूछा के आपने भाभी के सामने इसे घोड़ी बनाकर चोदते हो। फिर पापा बोले के हाँ मैंने दोनों को घोड़ी बनाकर एक साथ चोदा हैं। फिर पापा बोले के हाँ। फिर पापा बोले के चुदाई चीज ही ऐसी है कि इसके बिना कोई नहीं रह पाता। ये सब सुनकर वो आदमी फिर से गर्म हो गया। इस बार वो काफी ज्यादा गर्म हो गया था। फिर वो अपना लंड बाहर निकालकर हिलाने लगा। फिर मैंने उसे अपने पास बुलाया और उसका लंड अपने हाथों से जोर जोर से हिलाने लगी। फिर वो झड़ने वाला हुआ तो मैंने उसका पानी अपने बोबो पर गिराने लगी। मैंने उस दिन गहरे गले का सूट पहना था। तो मेरे आधे बूब दिख रहे थे। फिर वो पूरा झड़ गया तो उसका लंड ढीला हो गया और फिर मैं उसका पानी अपने बोबो पर मसलने लगी। फिर वो आदमी चला गया। इस प्रकार फिर और खेत पर काम करने वाले एक एक करके मेरे पास कभी खुद आते तो कभी साथ मे किसी को दिखाने के लिए आते। वो खुद आते तब तो मैं उनका इलाज नंगी होकर ही करती और कभी वो किसी को साथ लाते तो मैं उसे कभी अपने बोबे दिखाती तो कभी उसके सामने आँख मार देती और मैं और वो दोनों मुस्कुराने लग जाते। इस प्रकार वो सब मेरे वश में हो चुके थे पूरे तरीके से। फिर मैंने जो सोचा था वैसा ही हो गया। मैंने सोचा था के मैं पापा और काका से एक साथ चुदवा रही हूँ और गांव के कुछ लोग हमारे चारों और बैठे है और हमें देख रहे हैं। पहले तो ऐसा सिर्फ कई बार हम खेत में करते थे। लेकिन हमें किसी का डर नहीं था तो फिर हम ऐसा घर पर भी करने लगे। घर के बाहर चौकी पर हम सब बैठे रहते और मैं पापा और काका से चुदवा लेती। फिर मैं एक एक करके उन सबकी गोद में बैठ जाती और फिर वो मेरे बोबे दबाते और साथ में चूसते। अब इतने मर्द बोबे दबाएंगे तो बोबो का साइज तो बढ़ना ही था। फिर वो सब अपना लंड हिलाकर अपना पानी मेरे बदन पर डालते तो मेरा बदन उनके पानी से भर जाता तो मैं उनका पानी अपने बदन पर मसल लेती। फिर वो मुझे चुदाई के लिए कहते। तो फिर मैं बोली के चुदाई में इतना मजा नहीं आता जितना तड़पने और तड़पाने में आता है। मुझे पता था के वो सब मेरी इजाजत के बगैर मुझसे कुछ नहीं कर पाएंगे। कई बार कोई ज्यादा गर्म हो जाता तो वो होश में नहीं रहता तो मैं उनके गाल पर थप्पड़ लगा देती तो फिर वो मुझसे दूर हो जाता। मैं उनके साथ होती तो वो सब मेरे बदन से खेलते रहते और मैं भी उनके लण्डों से खेलती।
एक दिन हम सब खेत मे बैठे थे और मजे कर रहे थे। फिर काका बोला के हम खेत में ही नंगे रहते है। अगर हम गाँव में भी कहीं नंगे रहकर मजे कर सके तो मजा ही आ जायेगा। फिर मैं बोली के गाँव मे ऐसी जगह कौनसी होगी। फिर पापा बोले के तुम्हारा क्लिनिक हैं ना। अगर ये सब वहाँ तुमसे इलाज करवाने आये और तुम नंगी होकर इनका इलाज करना साथ मे इनसे मजे करना। फिर मैंने भी सोचा तो मुझे भी ये आईडिया पसंद आया। फिर मैंने उन सब मर्दों को भी कहा के तुम सब मेरे पैसा एक साथ आना मेरे क्लिनिक पर। फिर मैं वहाँ तुम्हे नंगा करके तुम्हारे लण्ड का चेकउप करूँगी। तो वो सब भी तैयार हो गए। फिर मैं बोली के ये सब एक साथ आएंगे तो मुझे काफी टाइम लग जायेगा इनके साथ और ऐसे में कोई और गाँव वाला आ गया तो फिर क्या करेंगे। फिर काका बोला के इन सबको हम क्लिनिक के बाहर लाइन लगाकर खड़ा कर देंगे। अगर कोई आएगा तो ये हमे अंदर आकर सूचना दे देंगे। फिर हम देख लेंगे के क्या करना हैं। फिर मैं बोली के ठीक है। फिर काका बोला के कुछ दिनों में फसल आ जायेगी तो लगभग सभी दिन में खेतों में रहा करेंगे। फिर हम गाँव मे आराम से मस्ती किया करेंगे। फिर इसके बाद पापा बोले के गाँव मे घर के सब लोग खेत मे नहीं जा पाते है। कोई न कोई तो अपने घर का ध्यान रखने के लिए घर पर रहता ही है। अगर हम गाँव वालों से ये कहे के कोई एक जना अकेला ही अपने साथ लगने वाले सब घरों की रखवाली कर लेगा तो इससे सब जने खेत जाकर मिलकर काम कर सकेंगे। पापा की ये बात हम सबको काफी पसंद आई। फिर पापा बोले के हम क्लिनिक के आसपास पड़ने वाले घर के लोगों से कह देंगे के आप सब खेत मे जाओ आपके घरों की रखवाली हम कर लेंगे। फिर पापा बोले के अगर ऐसा हो जाये तो हम पूरी तरह से खुलकर मजे कर सकेंगे। फिर मैं पापा से बोली के तो आप आसपास के घरवालों से बात करो। अगर आपके कहे अनुसार हो गया तो मैं नंगी होकर आप सबसे गली में मजे करने के लिए तैयार हूँ। ये सुनकर सब काफी खुश हुए। फिर पापा ने वहाँ रहने वाले लोगों से बात की और फिर ये तरकीब बताई। फिर पहले तो कुछ लोग माने लेकिन फिर बाद में बाकी सब भी मान गए। पापा की गाँव मे काफी इज्जत थी तो सब पापा पर काफी विश्वास करते थे। फिर अगले दिन से ही घर के सब लोग काम करने के लिए खेत चले गए। फिर वो शाम को वापिस आये तो उन्हें सब ठीक वैसा ही मिल जैसा कि वो छोड़कर गए थे। फिर वो काफी खुश हुए। फिर धीरे धीरे जो बाकी बचे परिवार वाले थे वो भी ऐसा करने लगे। इस कारण क्लिनिक के आसपास के सब घर सूने रहने लगे। फिर इसे देखकर हमने भी अपना अगले दिन का कार्यक्रम रख दिया।
फिर लगभग सब लोग चले गए तो फिर हम सब जीप में बैठकर क्लिनिक पर आए। फिर पापा ने जीप क्लिनिक से काफी दूर रोक ली। फिर हम सब जीप से उतरे। फिर पापा और काका ने जोर से आवाज दी कोई है क्या। पर कोई होता तो कोई बोलता। फिर काका ने मजाक में थोड़ा जोर से बोला के यहाँ गाँव की एक लड़की नंगी होने वाली है। किसी को देखनी है तो आजाओ। ये सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर काका ने सबको नंगे होने के लिए बोला। फिर मैंने अपना सूट उतारकर जीप में रख दिया और बाकी सब भी पूरे नंगे हो गए। उन 10 मर्दों के बीच मैं एक अकेली औरत नंगी थी। फिर हम चलकर क्लिनिक जाने लगे। मैं उन सबके बीच चल रही थी। फिर मैं पहले तो पापा और काका के लंड सहलाती हुई चल रही थी और फिर मैंने दूसरे दो मर्दों के लंड पकड़ लिए। बाकी के मुझे देखकर अपना लंड सहलाते हुए चल रहे थे। फिर हम क्लिनिक के आगे पहुँचे तो काका क्लिनिक का ताला खोलने लगा और बाकी सब मुझे घेरकर खड़े हो गए। अगर तब हमें कोई देख लेता तो वो देखता ही रह जाता। फिर क्लिनिक का ताला खुल गया तो मैं बोली के क्लिनिक के अंदर तो रोज ही बैठते है आज हम बाहर ही बैठेंगे। फिर उन सबने टेबल कुर्सी वगेरह निकालकर क्लिनिक के आगे रख दी। फिर हम सब वहाँ बैठ गए। फिर मैं वहाँ सब के एक एक करके उनके लंड चेक करने का नाटक करने लगी और साथ में उनके लंड हिलाने लगी। फिर वो झड़ते तो मैं उनका पानी एक ग्लास में डालने लगी। ऐसे करते करते मैंने उन सबका पानी ग्लास में डाल दिया। कई दोबारा भी आ गए थे तो ऐसे करके उनके पानी से ग्लास पूरा भर गया। फिर मैंने उस ग्लास का सारा पानी पी लिया। फिर हम सब बैठकर बातें करने लगे और बातें भी ऐसे कर रहे थे जैसे इस गाँव मे हमारे सिवा कोई और हैं ही नहीं। हमें काफी मजा आ रहा था। ऐसा मजा ना तो किसी ने लिया होगा और ना ही कभी ले पायेगा। फिर हम उठकर गली में इधर उधर घूमने लगे। फिर पापा ने मुझे गली में ही घोड़ी बना लिया और फिर मेरे पीछे आकर मेरी गाँड मारने लगे। मैं भी जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। एक बाप अपनी बेटी की गली के बीचों बीच 9 मर्दों के सामने गाँड मार रहा था। ये सोचते ही मैं आज भी काफी गर्म हो जाती हूँ। फिर पापा झड़ गए तो फिर काका ने फिर मेरी चूत मारी। ये सब देखकर उन सबने अपना लंड हिलाया और फिर अपने लंड का पानी मेरे बदन पर डाल दिया। ये सब करते करते हमें शाम होने वाली थी तो हम सबने कपड़े पहन लिए और उन सब को पापा जीप में चढ़ाकर खेत छोड़ने चले गए। फिर क्लिनिक पर मैं और काका ही थे तो काका ने मुझे अपनी गोद मे बैठा लिया और वो मेरे बोबे दबाने लगा और साथ मे हम बात करने लगे। फिर अंधेरा हो गया तो हम घर चले गए। तब सर्दियों का टाइम था तो मैं पापा और काका के साथ बाहर वाले कमरे में बेड पर सोती तो कई कई बार तो हमारी पूरी रात चुदाई करने में ही निकल जाती थी। एक रजाई में हम काफी मस्ती करते थे।
कई बार हम रात को खेत मे भी सो जाते थे। रात को 2 आदमी तो खेत मे होते ही थे तो मैं उनके साथ उनके बीच नंगी सो जाती। फिर वो मेरे बोबे चूसते और मैं भी उनके लंड हिलाती। फिर कभी कभी मैं उनका लंड पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ती तो वो मेरी चूत पर ही झड़ जाते। ऐसे करते करते मैं नंगी उन सब के साथ सो चुकी थी। फिर दिन में भी मैं उनके बीच ही रहती थी। मैं उनके सामने अपनी चूत में उंगली करती और फिर झड़ जाती तो फिर मैं अपनी उंगली से उन सबको अपना पानी टेस्ट करवाती। वो सब मेरे इशारों पर ही चलते थे।
अगले भाग में बताऊंगी के मैंने उस दर्जी औरत को खेत पर काम करने वाले एक बूढ़े के सामने नंगी कैसे किया.....
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