अगले दिन सुबह दाई ने हम सबको जल्दी उठा दिया। मम्मी ने दाई को बोला था उठाने के लिए। फिर हम सब जल्दी से उठ गए और वॉक पर जाने के लिए तैयार हो गए। फिर हम सब नंगे ही घर से बाहर निकले और सड़क पर दौड़ने लगे। हम दोनों माँ बेटी नंगी दौड़ रही थी तो हमारी गाँड और बूब हिल रहे थे। हमने पैरों में चप्पल के सिवा और कुछ भी नहीं पहना था। पापा, काका और भाई भी दौड़ रहे थे तो उनके लंड हमे देखकर सलामी दे रहे थे। हम दौड़ते दौड़ते घर से थोड़ी दूर आ गए थे। फिर हम धीरे धीरे चलने लगे। भाई बोला के बहुत मजा आ रहा हैं ऐसे नंगे मॉर्निंग वॉक पर आकर। फिर काका बोला के मजा क्यों नहीं आएगा ये माँ बेटी जो साथ मे हैं। ऐसा कहकर काका मम्मी के पास आया और मम्मी को अपनी बांहों में ले लिया। फिर भाई ने भी मुझे अपनी छाती से लगा लिया और मेरे बूब उसकी छाती से लगने लगे। फिर भाई बोला के जिसके घर ऐसे सब कुछ खुलम खुल्ला होता हैं उसका घर किसी स्वर्ग से कम नहीं होता। उसकी बात सुनकर हम हंस पड़े।

फिर सड़क पर खड़े खड़े ही काका मम्मी के बूब दबाने लगा और भाई और पापा भी मेरी बॉडी सहलाने लगे। फिर काका मम्मी को सड़क के किनारे ले जाकर चोदने लगा। फिर भाई भी सड़क पर ही लेट गया तो मैं उसके लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। फिर मैं भाई पर घोड़ी बन गई तो पापा ने पीछे से डाल दिया और नीचे से भाई का लंड चूत में था ही। फिर वो दोनों करने लगे। हमने थोड़ी देर किया फिर झड़ने वाले हुए तो मैं पापा और भाई का लंड चूसने लगी और वो दोनों मेरे मुँह में ही झड़ गए तो मैं उनका पानी पी गई। मम्मी ने भी काका का लंड चूसकर पानी पिया। फिर भाई बोला के ऐसे खुल्लम खुल्ला करके बहुत मजा आया आज तो। पहले तो थोड़ा थोड़ा अंधेरा था लेकिन फिर एकदम दिन निकल चुका था। सड़क के एक साइड में हमारे खेत थे और दूसरी साइड जगह खाली पड़ी थी। हम फिर घर की तरफ जाने लगे। फिर मम्मी बोली के अब कोई आ जाये तो हम लोग क्या करेंगे। फिर भाई बोला के मैं तो आपको चोदने लग जाऊँगा। भाई की बात सुनकर मम्मी हँसने लगी। फिर भाई बोला के हम जल्दी से खेत में खड़ी फसल में जाकर छिप जाएंगे। फिर मम्मी बोली के हाँ ये तो सही हैं। फिर मम्मी बोली के ये बात तो मैंने सोची ही नहीं। फिर भाई बोला के तुम टेंशन ना लो। फिर मम्मी बोली के बेटा टेंशन तो लेनी पड़ती हैं। ये अपना गाँव हैं ओर कोई जगह होती तो मैं सबके सामने नंगी होकर नाच लूँगी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता पर यहाँ तो सबसे छिपकर ही रहना पड़ेगा। फिर हम सब बोले के कुछ नहीं होगा बस मजे लेते रहो।

हम पांचों सड़क पर एकदम बेख़ौफ़ होकर घूम रहे थे। थोड़ी थोड़ी धूप भी निकल चुकी थी। पर हमे कोई परवाह नहीं थी। हम बस अपने आप मे ही मस्त थे। फिर हम घर आ गए और बाहर चौकी पर ही चारपाई पर बैठ गए। फिर मम्मी को काका ने अपनी गोद में बैठा लिया औऱ मैं पापा की गोद में बैठ गई। काका मम्मी का बूब मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर भाई मम्मी से बोला के मैं तुम्हें किसी और के साथ देखता हूँ तो मुझे बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आता और मैं पूरे जोश से भर जाता हूँ और काफी गर्म हो जाता हूँ। फिर मम्मी हँसने लगी और बोली के मैं भी जब तुम दोनों भाई बहन को करते हुए देखती हूँ  औऱ ये जब अपने पापा से करती हैं तब मैं भी बहुत गर्म हो जाती हूँ। फिर काका बोला के ये तो अच्छी बात हैं। ऐसा होना सामान्य हैं। गुस्सा करके क्या मिलेगा बस मजे लेने हैं वो लेते रहो। फिर काका  और मम्मी चारपाई पर करवट लेकर सो गए। मम्मी की पीठ काका की तरफ थी और काका मम्मी की गाँड सहला रहा था। फिर गाँड सहलाते सहलाते काका ने मम्मी की गाँड पर एक थप्पड़ मार दिया तो मम्मी ने जोर से आह भरी। मम्मी की आह काफी सेक्सी थी। फिर भाई ने काका से मम्मी की गाँड पर फिर से मारने को कहा तो काका ने फिर मम्मी की गाँड पर मारा और मम्मी की फिर आह निकली। फिर काका ने मम्मी की गाँड में अपना लंड डाल दिया और करने लगा और साथ में मम्मी की गाँड पर मार रहा था।

ये सब देखकर हम बहुत गर्म हो गए थे। फिर पापा तो मुझसे करने लगे और भाई काका और मम्मी के पास जाकर खड़ा हो गया और जोर जोर से अपना लंड सहलाने और फिर झड़ने लगा तो अपना सब पानी मम्मी की बॉडी पर डाल दिया। फिर मम्मी बोली के कर ही लेता मुझसे ऐसे पानी क्यों डाला। फिर भाई बोला के ऐसे करने का अलग ही आनन्द हैं। फिर काका भी झड़ गया था तो वो उठकर बैठ गए और फिर मम्मी भाई के पानी को अपनी बॉडी पर मसलने लगी
 फिर मैं मम्मी से बोली के मम्मी तुम भाई के सामने गंदे गंदे इशारे किया करो और कुछ गाली सीख लो जो तुम चुदाई के वक्त निकाला करो। फिर मम्मी बोली के कैसे। फिर मैं मम्मी को बताने लगी के जब तुम कोई काम कर रही हो और भाई तुम्हारी तरफ देख रहा हो तो तुम भाई को आँख मार दिया करो और कभी उसे अपनी गाँड या चूत खोलकर दिखाया करो। जब तुम काका से कर रही होती हो तो तुम जोर जोर से आवाजें निकाला करो और ऐसे दिखाया करो के जैसे तुम्हे काफी मजा आ रहा हो। फिर तुम एक दो गाली भी निकाल दिया करो। जिसे सुनकर तुम्हे चोदने भी पूरे जोश में आ जायेगा। ये सब सुनकर भाई बोला के वाह तुम तो सब जानती हो। फिर मैं हँसने लगी। फिर मम्मी बोली के तुम तो मुझे पूरी रंडी की तरह बनाकर छोड़ोगी। फिर मम्मी बोली के गाली क्या निकालूँ। फिर काका बोला के वो मैं बता देता हूँ। फिर काका ने मम्मी को एक दो गाली बताई और फिर मम्मी से बोलने को कहा। फिर मम्मी गाली बोलने लगी तो मम्मी के मुँह से गाली काफी सेक्सी लग रही थी। मम्मी सदा से ही फ्रैंक रही हैं तो मम्मी ये सब जल्दी सीख गई थी। मम्मी के साथ साथ मैं भी ये सब करने लगी।

फिर मम्मी मैंने बताया वैसे ही करने लगी थी। मम्मी भाई के सामने आँख मार देती और हँसने लग जाती। मम्मी भाई के सामने अपनी चूत खुजलाने लग जाती और भाई से कहती के मेरी खुजली मिटा दे। फिर मम्मी भाई के साथ होती तो मम्मी भाई की बॉडी से अपने बूब वगेरह मसलने लगती। मम्मी काका से करती तो मम्मी जोर जोर से सिकारियाँ भरती और काका से जोर जोर से करने के लिए कहती। मम्मी भाई से करती तो भाई से कहती के बेटा अपनी माँ की चूत जोर से मार। मैं और मम्मी घर मे भी मेकअप वगेरह करके पूरी सज धजकर रहती थी। हमें देखकर काका कहता के कोई तुम्हें चोद चोद कर थक जाए लेकिन फिर भी उसका मन तुमसे न भरे और बार बार तूम से करने के लिए करता ही रहे। ये सब कुछ करने से अब मजा दुगुना हो गया था। कोई न कोई हमसे चिपका ही रहता और हमसे करता रहता।

भाई को आये हुए महीने से भी ज्यादा समय हो गया था। फिर भाई को जाना था। अगले भाग में बताऊंगी के भाई की विदाई हम सबने कैसे की.....

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