काका से करने के बाद काका का जब मन करता घर आ जाता और मुझसे करने लग जाता। हमारे कहने पर काका अपनी बीवी और बेटी को भी ले आता। फिर हम सब मिलकर काफी मस्ती करते। काका मेरा और मम्मी का काफी दीवाना हो चुका था तो वो वही करता जो उसे हम कहते। काका हमारा पेशाब भी पी लेता था और फ्रेश होने के बाद हमारी गाँड भी चाट कर साफ कर देता था। काका कहता के तुम्हारे शरीर से निकली हर चीज मेरे लिए अमृत के समान हैं। फिर हमें कुछ दिन ऐसे ही मस्ती करते हुए निकल गए। फिर एक दाई और उसका बेटा आ गया। फिर दाई से मम्मी ने अपने बेटे को मिलवाया और फिर मम्मी ने दाई को बता दिया के उन्होंने बेटे से कर लिया हैं। फिर दाई ने पूछा के कैसा लगा फिर बेटे से चुदकर। फिर मम्मी बोली के क्या बताऊँ बहुत मजा आया। फिर दाई के सामने ही मम्मी भाई से करने लगी। फिर दाई भाई से बोली के बेटा अपनी मम्मी को कसकर चोदना ये कुछ ज्यादा ही प्यासी हैं और फिर ये कहकर दाई हँसने लगी। फिर मम्मी बोली के मेरे साथ साथ तू भी चुदेगी। फिर मम्मी ने भाई से दाई को चोदने के लिए कहा। तो फिर खुद ही नंगी हो गई औऱ अपने पैर फैलाकर सो गई और भाई दाई की चूत में अपना लंड डालकर करने लगा।
दाई का बेटा वहीं बैठा था तो फिर मम्मी दाई के बेटे के पास चली गई और जाकर उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर दाई का बेटा रामू भी मम्मी के बूब दबाने लगा। ये देखकर भाई बोला के इससे भी कर लिया। फिर दाई बोली के हाँ बेटा शुरूआत तो इसी से की थी। फिर रामू भी मम्मी को चारपाई पर लेटाकर करने लगे। दोनों एक दूसरे की मां को चोद रहे थे। मैं पापा और काका वहीं बैठे बैठे ये सब देख रहे थे। फिर हम गर्म हो गए तो पापा और काका भी मुझसे करने लगे। फिर हम सबने कर लिया तो हम सब बातें करने लगे। दाई बोली के अब ठीक हो गया सब कुछ। अब सब खुलकर कर सकते हैं। मम्मी बोली के हाँ अब बेटा भी आ गया हैं तो अब सब मिलकर बहुत मजे करेंगे। हम सब बातें ही कर रहे थे तो तब मैं रामू के पास चली गईं और उसके काले लंड से खेलने लगी भाई के सामने ही। फिर मैं उसके सामने नीचे ही घोड़ी बन गई तो वो समझ गया और खड़ा होकर मेरे पीछे आ गया और फिर मेरी गाँड में डालकर करने लगा। हमे देखकर सब फिर से गर्म हो गए तो पापा दाई से करने लगे और भाई और काका मम्मी से करने लगे। फिर रामू झड़ने वाला हुआ तो मैं उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी और वो मेरे मुँह में ही झड़ गया और मैं उसका सारा पानी पी गई।
फिर बाकी सब भी झड़ गए। फिर भाई कहने लगा के शहरों में औरतें मर्दों के लंड का पानी पीती हैं। उनका मानना हैं के इससे वो और ज्यादा खूबसूरत हो जाती हैं। फिर मम्मी बोली के तो फिर अब से मैं तुम सबके लंड का पानी ही पिया करूँगी फिर वो हँसने लगी और फिर हम भी हँसने लगें। शाम होने को थी तो दाई और रामू तो काम करने लग गए। मैं और मम्मी पापा, काका और भाई के साथ छत पर चले गए। छत पर हम इधर उधर घूमने लगे। फिर काका ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और अपना लंड मेरी गाँड पर रगड़ने लगा। उधर भाई भी मम्मी के पीछे से चिपकर खड़ा हो गया और मम्मी की बॉडी सहलाने लगे। पापा हमे देखकर अपना लंड सहला रहे थे। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद हम नीचे आ गए। थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी हो चुका था।
फिर हमने खाना खाया और फिर बाहर वाले कमरे में चले गए हम सभी। हम सारे 7 लोग हो गए थे। जिनमे 4 मर्द थे और 3 औरते। फिर सब हमसे मस्ती करने लगे। हम भी उन्हें अपने बूब और गाँड हिलाकर दिखाने लगी। मुझे और मम्मी को काफी अच्छा डांस आता था तो फिर हम दोनों उनके सामने नंगी नाचने लगी। हम नंगी नाचता देख वो गर्म हो गए। फिर मुझे काका ने अपने पास खींच लिया और अपनी गोद मे बैठा लिया। उधर मम्मी को भाई ने अपने पास सुला लिया। फिर पापा भी आ गए तो फिर मैं पापा और काका के साथ सो गई और दोनों मेरी बॉडी सहलाने लगे और फिर करने लगे। उधर भाई भी रामू के साथ मिलकर मम्मी को चोदने लगा। हमें करते करते पता नहीं कब नींद आ गई।
अगले दिन सुबह दाई और रामु तो जल्दी उठकर घर के काम में लग गए और हम सब सोये ही रहे। फिर दाई चाय बनाकर लाई और हम सबको उठाया। फिर हम चाय पीकर बाहर आ गए और घर मे ही घूमने लगे। फिर हम घूमते घूमते पीछे चले गए जहाँ रामू पशुओं को चारा डाल रहा था। फिर हम जाकर वहाँ बैठ गए और बातें करने लगे। फिर रामू भी हमारे पास आकर खड़ा हो गया। फिर मैं खड़ी हुई और जाकर रामू से पीछे से लिपट गई। फिर मैं रामू के आगे आ गई तो रामू ने मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे पकड़ लिया और फिर मुझे थोड़ा पीछे करके अपना मुँह मेरे बूब के बीच दे दिया। जिससे मुझे गुदगुदी हो रही थी तो मैं हँसने लगी। फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही करते रहे। फिर मम्मी भाई और काका को बताने लगी के जब मैं , पापा और वो मॉर्निंग वॉक पर गए तो क्या क्या किया था। ये सुनकर भाई बोला के चलो अब चलते हैं। फिर मम्मी बोली के अब कैसे चलेंगे। अब तो दिन काफी निकल गया हैं। फिर भाई बोला के चलो तो सही। अभी इतनी सुबह कौन आता जाता हैं। हम सिर्फ घर के बाहर सड़क तक जाकर आ जाएंगे। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर रामू तो वापिस काम में लग गया था तो हम पांचों उठकर चलने लगे।
मैं काका के साथ चल रही थी और काका ने मेरी कमर में हाथ डाल रखा था। काका साथ मे मेरी गाँड भी सहला देता था। भाई मम्मी के साथ चल रहा था तो भाई भी मम्मी की बॉडी सहला रहा था। पापा हमें देखते हुए अपना लंड सहलाते हुए चल रहे थे। फिर हम चलते चलते घर के मैन गेट तक पहुँच गए। फिर भाई ने गेट खोला और फिर हम सब घर के गेट के आगे खड़े हो गए और इधर उधर देखने लगे। पर सड़क पर कोई नहीं था। फिर भाई बोला के कहा था ना मैंने कोई नहीं होगा। फिर हम सड़क की तरफ चलने लगे। सड़क घर के मैन गेट से थोड़ी दूर थी। फिर भाई मम्मी से अलग होकर चलने लगा और मम्मी को नंगी चलते हुए देखने लगा। फिर मैं भी काका से अलग होकर मम्मी के साथ चलने लगी और तीनों मर्द हमे देखकर अपना लंड सहलाने लगे। फिर मैं और मम्मी एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर चलने लगी और एक दूसरे की गाँड सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी के सामने आ गई और मम्मी के बूब से अपने बूब लगाकर मम्मी के बूब रगड़ने लगी। ऐसा करके मुझे और मम्मी को काफी मजा आ रहा था और हम साथ मे जोर जोर से हँस भी रही थी। फिर काका बोले के दुनिया मे ऐसी माँ बेटी तो कहीं नहीं मिलेगी। फिर हम सड़क से थोड़ी ही दूर रहे थे तो हम वहाँ रूक गए।
फिर भाई ने मम्मी से घोड़ी बनने को कहा। फिर मम्मी बोली के यहाँ नहीं कोई देख लेगा। फिर भाई बोला के कोई नहीं देखेगा। उस रास्ते पर घास उगी हुई थी। तो मम्मी वहाँ पर घोड़ी बन गई और भाई मम्मी की गाँड में करने लगा। पहले तो मम्मी डर रही थी लेकिन फिर बाद में मम्मी का डर पता नहीं कहाँ चला गया और मम्मी खुलकर चुदने लगी। उन्हें हम कुछ देर तो हम देखते रहे और फिर मैं भी काका और पापा से करने लगी। साथ मैं हम थोड़ा ध्यान भी रख रहे थे के कहीं कोई आ ना जाए। फिर हमने कर लिया तो भाई मम्मी से कहने लगा के तुम तो ऐसे ही डर रही थी कोई नहीं आया। फिर मम्मी हँसने लगी। फिर मम्मी बोली के कल हम जल्दी उठकर चलेंगे। दिन निकलने से पहले। फिर हम सब घर के अंदर आ गए और घर का गेट बंद कर दिया। फिर हम नहाने धोने लग गए। फिर खाना खाया और फिर हम बाहर वाले कमरे में चले गए और करने लगे। फिर हम करते करते सो गए और फिर शाम को उठे। काका को 2-3 दिन हो गए थे। काका अपने घर नहीं गया था। उस दिन भी काका घर नहीं गया। फिर रात को हमने एक दो बार किया और फिर सो गए।
अगले भाग में बताऊंगी के अगले दिन मॉर्निंग वॉक पर हमने क्या क्या मस्ती की.....
फिर बाकी सब भी झड़ गए। फिर भाई कहने लगा के शहरों में औरतें मर्दों के लंड का पानी पीती हैं। उनका मानना हैं के इससे वो और ज्यादा खूबसूरत हो जाती हैं। फिर मम्मी बोली के तो फिर अब से मैं तुम सबके लंड का पानी ही पिया करूँगी फिर वो हँसने लगी और फिर हम भी हँसने लगें। शाम होने को थी तो दाई और रामू तो काम करने लग गए। मैं और मम्मी पापा, काका और भाई के साथ छत पर चले गए। छत पर हम इधर उधर घूमने लगे। फिर काका ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और अपना लंड मेरी गाँड पर रगड़ने लगा। उधर भाई भी मम्मी के पीछे से चिपकर खड़ा हो गया और मम्मी की बॉडी सहलाने लगे। पापा हमे देखकर अपना लंड सहला रहे थे। फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद हम नीचे आ गए। थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी हो चुका था।
फिर हमने खाना खाया और फिर बाहर वाले कमरे में चले गए हम सभी। हम सारे 7 लोग हो गए थे। जिनमे 4 मर्द थे और 3 औरते। फिर सब हमसे मस्ती करने लगे। हम भी उन्हें अपने बूब और गाँड हिलाकर दिखाने लगी। मुझे और मम्मी को काफी अच्छा डांस आता था तो फिर हम दोनों उनके सामने नंगी नाचने लगी। हम नंगी नाचता देख वो गर्म हो गए। फिर मुझे काका ने अपने पास खींच लिया और अपनी गोद मे बैठा लिया। उधर मम्मी को भाई ने अपने पास सुला लिया। फिर पापा भी आ गए तो फिर मैं पापा और काका के साथ सो गई और दोनों मेरी बॉडी सहलाने लगे और फिर करने लगे। उधर भाई भी रामू के साथ मिलकर मम्मी को चोदने लगा। हमें करते करते पता नहीं कब नींद आ गई।
अगले दिन सुबह दाई और रामु तो जल्दी उठकर घर के काम में लग गए और हम सब सोये ही रहे। फिर दाई चाय बनाकर लाई और हम सबको उठाया। फिर हम चाय पीकर बाहर आ गए और घर मे ही घूमने लगे। फिर हम घूमते घूमते पीछे चले गए जहाँ रामू पशुओं को चारा डाल रहा था। फिर हम जाकर वहाँ बैठ गए और बातें करने लगे। फिर रामू भी हमारे पास आकर खड़ा हो गया। फिर मैं खड़ी हुई और जाकर रामू से पीछे से लिपट गई। फिर मैं रामू के आगे आ गई तो रामू ने मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे पकड़ लिया और फिर मुझे थोड़ा पीछे करके अपना मुँह मेरे बूब के बीच दे दिया। जिससे मुझे गुदगुदी हो रही थी तो मैं हँसने लगी। फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही करते रहे। फिर मम्मी भाई और काका को बताने लगी के जब मैं , पापा और वो मॉर्निंग वॉक पर गए तो क्या क्या किया था। ये सुनकर भाई बोला के चलो अब चलते हैं। फिर मम्मी बोली के अब कैसे चलेंगे। अब तो दिन काफी निकल गया हैं। फिर भाई बोला के चलो तो सही। अभी इतनी सुबह कौन आता जाता हैं। हम सिर्फ घर के बाहर सड़क तक जाकर आ जाएंगे। फिर मम्मी बोली के ठीक है। फिर रामू तो वापिस काम में लग गया था तो हम पांचों उठकर चलने लगे।
मैं काका के साथ चल रही थी और काका ने मेरी कमर में हाथ डाल रखा था। काका साथ मे मेरी गाँड भी सहला देता था। भाई मम्मी के साथ चल रहा था तो भाई भी मम्मी की बॉडी सहला रहा था। पापा हमें देखते हुए अपना लंड सहलाते हुए चल रहे थे। फिर हम चलते चलते घर के मैन गेट तक पहुँच गए। फिर भाई ने गेट खोला और फिर हम सब घर के गेट के आगे खड़े हो गए और इधर उधर देखने लगे। पर सड़क पर कोई नहीं था। फिर भाई बोला के कहा था ना मैंने कोई नहीं होगा। फिर हम सड़क की तरफ चलने लगे। सड़क घर के मैन गेट से थोड़ी दूर थी। फिर भाई मम्मी से अलग होकर चलने लगा और मम्मी को नंगी चलते हुए देखने लगा। फिर मैं भी काका से अलग होकर मम्मी के साथ चलने लगी और तीनों मर्द हमे देखकर अपना लंड सहलाने लगे। फिर मैं और मम्मी एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर चलने लगी और एक दूसरे की गाँड सहलाने लगी। फिर मैं मम्मी के सामने आ गई और मम्मी के बूब से अपने बूब लगाकर मम्मी के बूब रगड़ने लगी। ऐसा करके मुझे और मम्मी को काफी मजा आ रहा था और हम साथ मे जोर जोर से हँस भी रही थी। फिर काका बोले के दुनिया मे ऐसी माँ बेटी तो कहीं नहीं मिलेगी। फिर हम सड़क से थोड़ी ही दूर रहे थे तो हम वहाँ रूक गए।
फिर भाई ने मम्मी से घोड़ी बनने को कहा। फिर मम्मी बोली के यहाँ नहीं कोई देख लेगा। फिर भाई बोला के कोई नहीं देखेगा। उस रास्ते पर घास उगी हुई थी। तो मम्मी वहाँ पर घोड़ी बन गई और भाई मम्मी की गाँड में करने लगा। पहले तो मम्मी डर रही थी लेकिन फिर बाद में मम्मी का डर पता नहीं कहाँ चला गया और मम्मी खुलकर चुदने लगी। उन्हें हम कुछ देर तो हम देखते रहे और फिर मैं भी काका और पापा से करने लगी। साथ मैं हम थोड़ा ध्यान भी रख रहे थे के कहीं कोई आ ना जाए। फिर हमने कर लिया तो भाई मम्मी से कहने लगा के तुम तो ऐसे ही डर रही थी कोई नहीं आया। फिर मम्मी हँसने लगी। फिर मम्मी बोली के कल हम जल्दी उठकर चलेंगे। दिन निकलने से पहले। फिर हम सब घर के अंदर आ गए और घर का गेट बंद कर दिया। फिर हम नहाने धोने लग गए। फिर खाना खाया और फिर हम बाहर वाले कमरे में चले गए और करने लगे। फिर हम करते करते सो गए और फिर शाम को उठे। काका को 2-3 दिन हो गए थे। काका अपने घर नहीं गया था। उस दिन भी काका घर नहीं गया। फिर रात को हमने एक दो बार किया और फिर सो गए।
अगले भाग में बताऊंगी के अगले दिन मॉर्निंग वॉक पर हमने क्या क्या मस्ती की.....
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