भाई कुछ दिनों बाद जाने वाला था तो मैं और मम्मी उसके जाने की तैयारी करने लगे। मम्मी ने उसके लिए घी और मेवे की मिठाई वगेरह बनाई। जो वो वहाँ खा सके। भाई जाने वाला था तो मैं और मम्मी ज्यादा से ज्यादा भाई के साथ ही रहती। रात को भी मैं और मम्मी भाई के साथ सोती और भाई को पूरा मजा देती हम दोनों माँ बेटी मिलकर। भाई भी हमें खूब चोदता। दिन में भी हम तीनों कई बार कमरे में रहते और भाई कभी मुझसे करता तो कभी मम्मी से। भाई बोला के वो बहुत खुशनसीब हैं जो उसे अपनी माँ बहन चोदने के लिए मिल रही हैं। वैसे तो मैं औऱ मम्मी नंगी ही रहती थी पर कई बार मैं औऱ मम्मी मेरी लाई हुई ब्रा पैंटी और बिकीनी वगेरह पहनती और पैरों में हाई हील सैंडल पहन लेती। हमें ऐसे देखकर भाई कहता के तुम दोनों तो एक दम मॉडल की तरह लगती हो। मॉडल भी तुम्हारे सामने फीकी पड़ जाए। ये सुनकर मैं और मम्मी हँसने लग जाती।

फिर हम सुबह तो जाते ही थे मॉर्निंग वॉक पर और फिर शाम को भी थोड़ा सा अंधेरा पड़ते ही हम सब घर से बाहर आ जाते और सड़क पर नंगे घूमने लग जाते। दोपहर को हम खेत में चले जाते। खेत में हम पानी में नहाते और पानी मे ही करने लग जाते। तब गर्मियों के दिन थे तो ठंडे ठंडे पानी में करने में बहुत मजा आता। हम दोनों माँ बेटी भाई के सामने घोड़ी बन जाती थी तो कभी भाई मुझसे करता तो कभी मम्मी से। ताकत और जोश के लिए पापा को एक वैद ने बताया था के वो अश्वगंधा और सफेद मूसली वगेरह का हलवा बनाकर खाया करें। तो मम्मी ये हलवा बनाये रखती थी। जिसे शाम को पापा और भाई को खाने के लिए देती थी। काका और रामू को भी मम्मी वो हलवा खिलाती थी। जिस कारण वो हमें इतना चोद पाते थे।

फिर बस ऐसे ही दिन चले गए और भाई का जाने का समय आ गया। भाई ट्रैन से जाने वाला था और रेलवे स्टेशन हमारे गाँव से थोड़ा दूर था। फिर पापा औऱ काका भाई को जीप लेकर स्टेशन छोड़कर आने वाले थे। तो मैं और मम्मी बोली के हम भी चलती हैं तो पापा बोले के चलो। ट्रैन का टाइम सुबह 11 बजे का था। तो हम नहाकर जल्दी से तैयार होने लगे। मैंने और मम्मी ने सूट ही पहना था। फिर हमने मेकअप वगेरह किया और तैयार हो गई। फिर पापा और काका ने भाई का सामान जीप में रख दिया। फिर मम्मी भाई के साथ पीछे बैठ गई और मैं पापा और काका के बीच मे आगे बैठ गई। पापा जीप चलाने लगे। स्टेशन हमारे गाँव से थोड़ी दूर दूसरे गाँव के नजदीक था। हम जा रहे थे तब भाई तो मम्मी से चिपक कर बैठा था और मम्मी के बूब बाहर निकाल रखे थे और नीचे से मम्मी ने सलवार भी खोल रखी थी। फिर उन्हें देखकर काका ने भी मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया तो मैं सलवार नीचे करके बैठ गई और थोड़े पैर भी फैला लिए। फिर काका मेरी चूत सहलाने लगा। फिर काका ने अपनी धोती खोल ली और अपना लंड बाहर निकाल लिया। फिर काका ने मुझे अपनी गोद मे बैठने के लिए कहा तो मैं उठी और काका की गोद मे बैठ गई। बैठते टाइम काका ने अपना लंड मेरी गाँड में डाल दिया था। फिर मैं काका का पूरा लंड लेकर बैठ गई। सड़क पर जब कोई गढ़ा या जम्पर वगेरह आता तो मैं काका के लंड पर जम्प करती। जिससे काका और मुझे काफी मजा आता। फिर थोड़ी देर बाद हम स्टेशन पहुंच गए तो वहाँ कुछ लोग खड़े थे। जब पापा ने उन लोगो के पास से जीप निकाली तो मैं काका की गोद में ही बैठी रही। फिर पापा ने जीप प्लेफॉर्म से थोड़ी दूर ले जाकर रोक दी।

जीप रोकते ही पापा ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया। फिर मैं पापा का लंड झुक कर चूसने लगी और काका मेरी गाँड में करने लगा। उधर भाई और मम्मी जीप से उतरकर आगे की और हमारे पास आकर खड़े हो गए। वहाँ फिर भाई ने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और बॉडी सहलाने लगा। कुछ देर बाद काका मेरी गांड में ही झड़ गए और पापा मेरे मुँह में। तो फिर मैं सही होकर बैठ गई। फिर मैं पापा और काका के लंड सहलाने लगी। पापा ने जीप वहाँ पहले के कुछ पुराने मकान बने थे उनके पीछे रोकी थी। जहाँ हमें कोई नहीं देख सकता था। फिर पापा टिकट लेने चले गए तो मैं पापा की सीट पर बैठ गई। मैंने नीचे से सलवार तो पूरी खोल दी थी। फिर काका मेरा सूट ऊँचा करके मेरे बूब चूसने लगे थे। पर सूट बार बार नीचे आ रहा था तो मैंने सूट भी खोल दिया और पूरी नंगी होकर बैठ गई। उधर भाई ने भी मम्मी की सलवार खोल दी। तो सलवार नीचे गिर गई। फिर मम्मी ने वो मुझे उठाकर दे दी तो वो मैंने पीछे रख दी। फिर मम्मी अपने हाथ से अपना सूट अपनी कमर तक उठाकर भाई की ओर अपनी गाँड निकालकर खड़ी हो गई। तब मम्मी काफी सेक्सी लग रही थी। फिर भाई ने मम्मी का सूट भी निकाल दिया तो मम्मी अब एक दम नंगी जीप के बाहर खड़ी थी। फिर भाई मम्मी के बूब और गाँड दबाने लगा। इतने में पापा आ गए टिकट लेकर। फिर पापा बताने लगे गाड़ी  2-3 घंटे लैट हैं। अब गाड़ी दोपहर बाद ही आएगी।

फिर पापा बताने लगे के गाड़ी लेट होने के कारण लगभग लोग वापिस अपने घर चले गए हैं। फिर पापा बोले के हम क्या करें। फिर मम्मी बोली के करना क्या हैं रुकते हैं यहीं पर। घर पर क्या करेंगे जाकर। इतने में भाई ने मम्मी को आगे की और झुकाया और उनकी गाँड में डालकर करने लगा। जिससे मम्मी के बूब हिलने लगे और मम्मी की सिस्कारियाँ निकलने लगी। मम्मी पूरी लंबी और भरे पूरे बदन की मालकिन थी और ऊपर से मेकअप कर रखा था और ऊपर से नंगी होकर चुदवा रही थी। तो ऐसे में मम्मी काफी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। फिर भाई झड़ गया तो मम्मी नीचे बैठकर भाई का लंड चूसने लगी और चूसकर पूरा साफ कर दिया। फिर पापा बोले के ऐसे यहाँ तो नहीं रुक सकते कहीं चलते हैं। फिर हम सब बोले के कहाँ जाएंगे। वहाँ आसपास खेत थे और एक मकान भी बना था तो पापा बोले के वहाँ चलते हैं। ऐसा लगता हैं के शायद वहाँ कोई नहीं रहता हैं। फिर पापा ने मम्मी और भाई को जीप में बैठने के लिए कहा। पर मम्मी को प्यास लगी थी और प्याऊ हम जहाँ खड़े थे वहाँ से थोड़ी ही दूर था। फिर मम्मी बोली के मैं पानी पीकर आती हूँ। फिर मम्मी नंगी ही पानी पीने जाने लगी। पापा बोले के कोई देख लेगा। फिर मम्मी हँसती हुई बोली के सब चले गए हैं यहाँ कोई नहीं हैं देखने वाला। फिर पापा ने भाई को साथ जाने के लिए कहा तो भाई मम्मी के पीछे पीछे जाने लगा। इतनी उम्र की औरत स्टेशन पर नंगी घूम रही हैं और वो भी मेरी मम्मी। ये सोचकर और देखकर ही मैं तो काफी गर्म हो गई थी। फिर मम्मी और भाई पानी पीकर आ गए और वो जीप में बैठ गए तो पापा ने जीप स्टार्ट की और चल पड़े उस खेत में बने मकान की तरफ। फिर भाई बोला के मम्मी ऐसे नंगी मत जाया करो। फिर मम्मी बोली के क्या करूँ बेटा मेरे बदन में कुछ ज्यादा ही गर्मी हैं तो बस ऐसे ही नंगी घूमने का ज्यादा मन करता हैं। मम्मी की बात सुनकर हम सब हँसने लगे।

फिर मैं बोली के वहाँ कोई हुआ तो क्या करेंगे। फिर काका बोला के तो उससे कह देंगे के जीप में दो प्यासी माँ बेटी बैठी हैं उनकी प्यास बुझानी हैं तो तुम्हारा कमरा चाहिए। फिर मम्मी बोली के हाँ यही कह देना। बेचारा वो भी हमारे दर्शन करके निहाल हो जाएगा। फिर हम हँसने लगे। मम्मी नंगी ही बैठी थी और मैं भी आगे बिल्कुल नंगी बैठी थी और काका और पापा का लंड हिला रही थी तो वो भी गर्म हो चुके थे। फिर हम वहाँ पहुंचे तो पापा ने जीप रोकी और पापा और काका उतरकर उस मकान की तरफ जाने लगे। वहाँ एक आदमी बैठा चाय बना रहा था। मैं जीप में आगे थोड़ी नीचे खिसककर बैठी थी ताकि किसी को पता ना लग सके के मैं नंगी बैठी हूँ। फिर पापा और काका उस आदमी से बात करने लगे। पापा और काका ने उससे यही कहा था के जीप में दो औरतें नंगी बैठी हैं। ये बात उन्होंने हमें बाद में आकर बताई थी। फिर उस आदमी ने पहले तो विस्वास नहीं किया लेकिन फिर पापा और काका ने उसे अपनी बातों से थोड़ा विस्वास दिलाया। फिर पापा ने काका को हमारे पास भेज दिया फिर काका ने हमें सब बताया और फिर मुझे जीप से उतरने के लिए कहा ताकि मुझे नंगी देखकर उस आदमी को विस्वास हो सके। फिर मैं जीप से उतरकर काका के साथ खड़ी हो गई। मुझे एक दम नंगी देखकर उस आदमी के होश उड़ गए। फिर पीछे से मम्मी और भाई भी जीप से उतर गए और वो हमारे पास आकर खड़े हो गए। फिर हम सब पापा और जो वो आदमी बैठे थे उनकी तरफ चल पड़े। मुझे और मम्मी को बिल्कुल शर्म नहीं आ रही थी तो हम ऐसे चल रही थी जिससे हमारे बूब हिल रहे थे। मम्मी के बूब तो काफी बड़े थे। जिन्हें देखकर किसी भी आदमी का लंद खड़ा हो जाए। फिर हम वहाँ पहुँच गए तो वो आदमी हमारी तरफ देखने लगा और हम उसकी तरफ देखकर हँसने लगी। पापा ने फिर उस आदमी से कहा के ये दोनों कुछ ज्यादा ही प्यासी हैं। इनकी प्यास बुझानी हैं। यहाँ कोई आएगा तो नहीं ना। फिर वो आदमी बोला के यहाँ सिर्फ मैं ही आता हूँ। शाम तक कोई नहीं आएगा यहाँ।

फिर उसकी बात सुनकर पापा बोले के ठीक है। फिर पहले पापा अपने कपड़े उतारकर नंगे हो गए और फिर काका और भाई भी नंगे हो गए। फिर पापा ने उस आदमी से भी नंगा होने को कहा और मजे लेने के लिए कहा। फिर भाई तो मम्मी को घोड़ी बनाकर वहाँ करने लगा सबके सामने। फिर काका भी मुझसे करने लगा। कुछ देर बाद भाई झड़ गया तो मम्मी पापा के पास जाकर बैठ गई और पापा का लंड हिलाने लगी। वो आदमी भी तब वहीं सामने ही बैठा था। उस आदमी ने तब तक अपने कपड़े नहीं उतारे थे। फिर मम्मी ने उसे अपनी साइड में आकर बैठने के लिए कहा तो वो मम्मी की साइड में आकर बैठ गया। फिर मम्मी ने उसके हाथ अपने बूब पर रख दिये तो वो मम्मी के बूब दबाने लगा। वो आदमी तब तक नंगा नहीं हुआ था तो मम्मी ने अपने हाथ से उसकी धोती नीचे करके उसका लंड पकड़ लिया। फिर मम्मी ने उससे कपड़े खोलने के लिए कहा तो फिर वो खड़ा हुआ और अपने सब कपड़े खोलकर नंगा होकर बैठ गया। फिर मम्मी उसका लंड हिलाने लगी और वो मम्मी के बूब दबा ही रहा था। फिर ये सब कुछ देर तक चलता रहा। इतने में मैंने काका से कर लिया था। फिर मम्मी वहीं नीचे घोड़ी बन गई और उस आदमी से अपनी गाँड में डालने के लिए कहने लगी। फिर वो आदमी मम्मी की गाँड के पीछे जाकर घुटनों के बल खड़ा हो गया और फिर अपना लंड मम्मी की गाँड में डाल दिया और करने लगा। उस आदमी के बारे में बता दूँ वो आदमी काले रंग का मजदूर आदमी था। उसकी बॉडी भी अच्छी खासी थी। उसका लंड मम्मी की गाँड से अंदर बाहर होता हुआ दिख रहा था। फिर मैं जाकर पापा के साथ बैठ गई और फिर भाई भी मेरी साइड में आकर बैठ गया। फिर मैं उन दोनों के लंड सहलाने लगी और साथ मैं हम मम्मी की चुदाई देखने लगे। मम्मी पूरी तरह खुलकर मजे ले रही थी। ये सब देखकर हम बहुत गर्म हो गए थे। फिर पापा औऱ भाई मुझसे एक साथ करने लगे। जब मम्मी ने उस आदमी से कर लिया तो वो आदमी चारपाई पर बैठ गया और मम्मी उसकी गोद मे बैठ गई। मुझे पापा और भाई से एक साथ करता देख वो आदमी हैरान हो गया था। फिर काका भी मम्मी के साथ आकर बैठ गया। फिर वो दोनों मम्मी के बूब चूसने लगे और उनकी बॉडी सहलाने लगे। फिर हम तीनों झड़ गए तो फिर हम वहाँ नीचे ही बैठ गए। नीचे घास उगी हुई थी। फिर हम सब बातें करने लगे।

 वो आदमी फिर मेरे और मम्मी के बारे में पूछना लगा के ये दोनों कौन हैं। तब काका बोला के ये हमारे एक नौकर की बीवी और बेटी हैं। फिर वो आदमी बोला के क्या ये दोनों माँ बेटी हैं। फिर काका बोला के हाँ। फिर वो आदमी मम्मी के बूब दबाते हुए बोला के तुम्हें अपनी बेटी के सामने ऐसे चुदते हुए शर्म नहीं आती। फिर मम्मी उस आदमी का लंड जोर से दबाते हुए बोली के मजे लेने में शर्म कैसी। फिर यही सवाल उसने मुझसे पूछा तो मैंने कहा के माँ को ही शर्म नहीं आती तो बेटी को कहाँ से आएगी। मेरी बात सुनकर हम सब हँसने लगे। फिर हम खेत में घूमने लगे। काका और वो आदमी मम्मी की बॉडी से खेल रहे थे तो मम्मी उन दोनों से बचकर भागने लगी। फिर वो दोनों भी मम्मी को पकड़ने के लिए भागते। फिर मम्मी एक पेड़ के चारों ओर दौड़ने लगी और वो दोनों भी मम्मी को पकड़ने के लिए पेड़ के दोनों ओर हो गए। फिर काका ने मम्मी को पकड़ लिया और मम्मी को पीछे से पकड़ कर उठा लिया। तब मम्मी काफी हँस रही थी और वो दोनों भी मम्मी को पकड़कर खुश हो गए। ये सब देखकर भाई कहने लगा के यकीन नहीं होता के मम्मी नंगी होकर ऐसे दो मर्दों के साथ खेल रही हैं। मम्मी तो सच में बहुत सेक्सी हैं। ऐसे बोलकर भाई जोर जोर से अपना लंड हिलाने लगा। फिर मम्मी उन दोनों के साथ आकर चारपाई पर बैठ गई तो भाई ने अपना पानी मम्मी के बूब पर डाल दिया। फिर मम्मी वो पानी अपने बूब पर मसलने लगी। फिर काका और पापा मम्मी से करने लगे और मैं उस आदमी के पास जाकर उसके लंड से खेलने लगी। फिर मैंने उसे सुलाया और उसका लंड मेरी चूत में लेकर ऊपर नीचे होने लगी और भाई की तरफ देखकर जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी तो भाई मेरी तरफ देखकर हँसने लगा। फिर भाई भी गर्म हो गया तो वो मेरे पीछे आया और मेरी गाँड में करने लगा। फिर भाई भी जोर लगाकर करने लगा। फिर पापा और काका झड़ गए और फिर वो आदमी और भाई भी झड़ गया। फिर वो आदमी बोला के इसकी बेटी भी कुछ कम नहीं हैं।

फिर ट्रैन के आने का टाइम होने वाला था तो हम सब जाने लगा। फिर हम जीप के पास गए तो मैं और मम्मी कपड़े पहनने लगी। मैंने तो कपड़े पहन लिए थे पर मम्मी कपड़े पहन ही रही थी तो उस आदमी ने खड़े खड़े ही मम्मी की गाँड में फिर डाल दिया। फिर मम्मी भी थोड़ा आगे झुक गई तो फिर वो करने लगा। फिर वो झड़ गया तो मम्मी ने सलवार पहनी और पीछे काका के साथ बैठ गई। मैं भाई के साथ आगे बैठ गई और पापा जीप चलाने लगे। हमें जाते जाते वो आदमी कहने लगा के फिर और आना कभी। फिर पापा बोले के हाँ आएंगे। फिर हम स्टेशन पर चले गए। फिर भाई मम्मी से कहने लगा के तुमने तो सबको पीछे छोड़ दिया। फिर भाई बोला के बस ऐसे ही मस्ती करते रहना। फिर मम्मी हँसने लगी। फिर भाई मेरा बूब दबाकर बोला के तू भी कम नहीं हैं। तुझे मैं अपने पास बुलाऊँगा कभी। फिर हम वहाँ बहुत मस्ती करेंगे। मैं बोली के सच में। तो वो बोला के हाँ। ये सुनकर मैं काफी खुश हुई। फिर गाड़ी को आते आते शाम ही हो गई थी। फिर भाई गाड़ी में चढ़ गया और चला गया। फिर हम वापिस घर आने लगे तो आते आते अँधेरा हो गया। काका ने तो मम्मी को तब ही नंगी कर लिया था। फिर मैं भी आगे की सीट पर बैठी थी तो मैंने भी अपने कपड़े खोलकर पीछे की सीट पर ऐसे फेंक दिए जैसे कभी फिर चाहिए ही नहीं और फिर पूरी नंगी होकर बैठ गई। ठंडी ठंडी हवा शरीर को लग रही थी तो काफी मजा आ रहा था। फिर कुछ देर बाद हम घर पहुँच गए।

आगे के भाग में बताऊंगी के भाई के जाने के बाद हमारी जिंदगी में और क्या क्या हुआ.....

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