पति, जेठ और सास पहले भी मायके आ चुके थे और मजदूरों के सामने हम चुदाई भी कर चुके थे। लेकिन तब तक मजदूरों की घर की औरते से चुदाई नहीं कि थी। फिर ज्यादा देर न करते हुए हमने अगले दिन ही मायके जाने का प्लान बनाया। जेठ ने अपने गांव के किसी आदमी को घर और पशुओं का ध्यान रखने के लिए कुछ रुपये दिए और हमने घर का सब कीमती सामान अपने साथ ले लिया। क्योंकि हमें पता नहीं था के जेठ, सास और पति वहाँ कब तक रहेंगे। फिर सब तैयारी करके हम चल पड़े। मैं, सास और मम्मी तो बिल्कुल नंगी होकर जीप में पीछे बैठ गई और वो तीनो मर्द आगे बैठ गए। फिर हम मायके जाने लगे।
फिर पेशाब वगेरह करने के लिए पापा ने एक जगह गाड़ी रोकी तो फिर मैं, मम्मी और सास नंगी ही जीप से उतरकर पेशाब करने लगी। फिर पेशाब करने के बाद मैं और मम्मी सास को लेकर इधर उधर घूमने लगी। ऐसे नंगी होकर घूमने में सास को काफी मजा आ रहा था। फिर हमें ऐसे देखकर वो तीनो मर्द गर्म हो चुके थे तो फिर उन्होंने हमें वही घोड़ी बनाकर हमारी गाँड मारी। ऐसे खुले में चुदाई करके सास, पति और जेठ को काफी मजा आया। फिर हम वापिस जीप में बैठ गए और जाने लगे। हम सभी काफी ज्यादा उत्सुक थे। फिर थोड़ी देर बाद ही हम घर पहुंच गए। फिर हम सब जीप से उतर गए तो पापा तो खुद ही नंगे हो गए और फिर पति और जेठ ने भी अपने कपड़े खोल दिये। फिर हम घर के अंदर गए तो आंगन में दाई रामु के साथ नंगी सोई थी और उसका लंड सहला रही थी। फिर हम सबको देखकर वो खड़ी हो गई। फिर दाई सास से मिली और फिर पति और जेठ ने भी दाई के बदन को सहलाया। फिर हम सब चारपाई पर बैठ गए और बातें करने लगें। फिर दाई हम सबके लिए चाय बनाकर लाई। फिर चाय पीने के बाद पति और जेठ ने दाई को चोदना शुरू कर दिया। फिर रामु ने भी सास की चुदाई शुरू कर दी। फिर मैं, पापा, मम्मी और भाई उनकी चुदाई देखते रहे और अपने लंड और चुत सहलाते रहे।
फिर चुदाई के बाद हम घर में घूमने लगे। फिर हम सब छत पर चले गए और आसपास का नजारा देखने लगे।
अभी शाम होने में काफी टाइम पड़ा था और हम घर पर बोर होने लग गए थे तो मैंने पापा से खेत में चलकर मजदूरों और उनकी औरतों से मस्ती करने को कहा तो फिर पापा और बाकी सब मान गए। फिर पापा तो आगे बैठ कर जीप चलाने लगे और हम बाकी सब पीछे बैठ गए। पीछे बैठे तो भाई ने सास को अपनी गोद मे बैठा लिया और पति ने मम्मी को और जेठ ने मुझे और फिर वो सब हमारर बदन सहलाने लगे और हमसे मस्ती करने लगे। फिर थोड़ी देर बाद हम खेत मे पहुंच गए। फिर हमने देखा के वहाँ सब नंगे थे और एक दूसरे की औरतों को चोद रहे थे। काका भी वहीं था और वो भी किसी को चोद रहा था। ये नजारा हम सब देखते ही रह गए। फिर हम उनके पास गए और हम एक दूसरे से मिले। फिर मैंने और मम्मी ने सास, पति और जेठ से सबको मिलवाया। सब मजदूर तो उन्हें जानते ही थे पर उनकी औरतें नहीं जानती थी। फिर मुझे और मम्मी को तो मजदूरों ने घेर लिया और हमारे बदन को सहलाने लगे और फिर मैंने सास को भी अपने साथ ले लिया तो फिर वो सब मिलकर हम तीनों के बदन से खेलने लगे और हम भी उन सबके लंड सहलाने लगी। उधर दूसरी और पापा, भाई, पति, जेठ और काका मिलकर उनकी औरतों के साथ मस्ती करने लगे। फिर मैंने ध्यान दिया कि औरतें ज्यादा थी। फिर मैंने एक मजदूर से इस बारे में पूछा तो उसने बताया के अब वो चुदाई के बगैर रह ही नहीं पाती हैं तो अपने आप ही आ जाती हैं हमारे साथ। ये सुनकर मैं हँसने लगी। फिर वो सब मजदूर मिलकर मेरी, मम्मी और सास की चुदाई करने लगे और उधर मजदूरों की औरतों की भी चुदाई शुरू हो गई थी। फिर हमें चुदाई करते करते शाम हो गई थी और हम तीनों एक मजदूर से एक बार चुद चुकी थी। इस कारण हमारी 8-9 बार चुदाई हो चुकी थी 8-9 मर्दों से। उधर पापा और बाकी सब ने भी उन मजदूरों की औरतों की चुत और गाँड में लगभग एक बार तो लंड डाला ही था। फिर अंधेरा होने लगा तो पापा और हम सब तो जीप में बैठकर वापिस घर आ गए और पीछे से वो सब भी आ गए। फिर वो पहले हमारे घर आये और फिर वो सब अपने अपने घर चले गए। आज की चुदाई में सबको ही काफी मजा आया। हम औरतें तो 8-9 मर्दों से चुद चुकी थी और पापा और बाकी सब ने भी 10-12 औरतों की चुदाई कर चुके थे। ये सब देखकर पति बोले के ये तो स्वर्ग हैं। फिर मैं बोली के इस स्वर्ग का आनंद तो हम काफी समय से ले रहे हैं। फिर हम सब साथ मे ही नहाए और फिर खाना खाया। खाना खाकर हम सब चौकी पर आ गए और बातें करने लगे। तब काका और रामु भी वहीं था। यानी के 6 मर्द और हम तीन औरतें। तो फिर हम एक औरत दो दो मर्दों के साथ सो गई। हमने एक एक बार और किया और फिर सो गए।
फिर सुबह उठे और चाय वगेरह पी। फिर इतने में सब मजदूर और उनकी औरतें आ गई। आज कुछ औरतें नई थी तो भाई, पति और जेठ को जो औरत अच्छी लगी उसे लेकर चुदाई करने लगे। फिर हमने उन सबको चाय पिलाई और फिर उन सबको खेत मे भेज दिया। मम्मी ने आज गांव में काका के घर जाने का प्लान बनाया था तो हम उनके साथ नहीं गए। फिर हम सब तैयार होकर गांव में चले गए और गांव में गए तो सब लोगों ने मुझसे बड़े आदर के साथ बात की और मेरी काफी इज्जत की। ये सब देखकर सास, पति और जेठ हैरान हो गए और फिर उन्होंने मुझसे बोला के तुम इस गांव की सबसे बड़ी चुदक्कड़ हो और ये लोग तुम्हारी इतनी इज्जत करते हैं। ये सुनकर मैं हँसने लगी। फिर हम काका के घर पहुंच गए तो काका की बीवी और बेटी को नंगी देखकर पति और जेठ भी नंगे हो गए और उनकी चुदाई करने लगे। उधर काका ने भी हम दोनों माँ बेटी को नंगी कर लिया और हमे घोड़ी बनाकर करने लगे। पापा और भाई हमे देखकर अपना लंड सहलाने लगे। फिर इसके बाद मैने पापा, काका, भाई और मम्मी को तो क्लिनिक जाने के लिए कह दिया और मैं सास, पति और जेठ को लेकर उस टेलर के घर चली गई। फिर देखा के वो टेलर भी नंगी थी। उसे देखकर पति और जेठ ने पूछा के तुम्हारे गांव में सब औरतें नंगी ही रहती हैं क्या। फिर मैं हंसकर बोली के नहीं। ये सब पापा, काका और भाई से चुदवा चुकी हैं तो मैंने ही इन्हें नंगी रहने के लिए कहा था और अब इनको भी नंगी रहना अच्छा लगता हैं। फिर हमें देखकर वो टेलर अंदर जाने लगी तो मैंने उसे पकड़ लिया और कहा के इनसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं हैं। फिर मैंने उससे पति, जेठ और सास से मिलवाया। उसे देखकर पति और जेठ से नहीं रहा गया तो फिर वो उसकी चुदाई करने लगे। मैं और सास भी नंगी हो गई और फिर हम घर मे इधर उधर घूमने लगी। फिर मैं सास को घर से बाहर गली में ले गई तो सास बोली के कोई देख लेगा तो। फिर मैं बोली के कोई नहीं देखेगा। फिर मैंने सास को बताया के यहाँ मैं और मम्मी तो कई बार काका और पापा से चुदाई करवा चुकी हैं बीच गली में। ये सुनकर सास मेरे मुँह की तरफ देखने लगी। फिर हम दोनों सास बहू गली में नंगी घूमती रही और फिर अंदर आ गई। अंदर आई तो देखा के पति और जेठ झड़ चुके थे और वो टेलर भी काफी खुश दिखाई दे रही थी। फिर मैंने जाने के लिए बोला तो फिर टेलर ने बोला के चाय पीकर जाइये। फिर मैं बोली के नहीं हमे कहीं और भी जाना हैं। फिर पति और जेठ ने उस टेलर को अपने गले लगाया और उसके बदन को खूब सहलाया और फिर हम सबने कपड़े पहने और फिर हम उसके घर से निकल गए। फिर जेठ बोला के अब किसके घर जाना हैं। फिर मैं हँसकर बोली के अब किसी के घर नहीं मेरे क्लिनिक चलना हैं। फिर हम गांव की गलियों से होते हुए क्लिनिक पहुंच गए। फिर मैंने उन्हें अपना क्लिनिक दिखाया और फिर हम अंडे चले गए। फिर हम वहाँ बैठकर बातें करने लगे। फिर मैं उन्हें बताने लगी के कई बार ऐसा होता के कोई क्लिनिक में आता तो यहां पापा और काका मेरी चुत और गाँड मार रहे होते। फिर मैं जल्दी से कपड़े पहनकर जाती और उसे देखती। ऐसी मैंने उन्हें काफी बातें बताई। फिर वो सब गर्म हो गए तो उन्होंने फिर हमारी चुदाई की। फिर हमे शाम हो गई तो फिर हम सब जीप में बैठकर वापिस घर आ गए। फिर बस इसी तरह हमारी जिंदगी चलती रही। फिर कुछ दिन बाद पति को जाना था तो वो यही से चले गए। सास और जेठ कुछ दिन और यहीं रहे। मम्मी उन्हें लेकर खेत चली जाती और फिर वो वहाँ सब जमकर चुदाई करते। मैं पापा के साथ क्लिनिक आ जाती। फिर मैंने और मम्मी ने काका को भुआ की लड़की के बारे में बताया। फिर मैंने बताया के भुआ की बड़ी लड़की की शादी भाई के साथ और छोटी की शादी तुम्हारे बेटे से करवा देंगे। ये सुनकर काका काफी खुश हुआ और बोला के मुझे तो कोई उम्मीद ही नहीं थी के उसकी शादी हो पाएगी। फिर मैं बोली के तुम्हारी बेटी की शादी दाई के बेटे से करवा देंगे। फिर मेरी बात सुनकर मम्मी बोली के हां ये सही रहेगा। अपने बेटे की शादी की बात सुनकर दाई भी खुश हो गई।
फिर खूब चुदाई के बाद सास और जेठ भी वापिस चले गए। फिर इसके कुछ दिन बाद भाई भी वापिस चला गया। इसके बाद मम्मी तो काका के साथ खेत चली जाती और मैं और पापा क्लिनिक में तो कभी शहर चले जाते। फिर हमारी जिंदगी पहले जैसी ही चलने लगी।
आगे बताऊँगी के मैंने और क्या क्या मजे किये.....
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