फिर मम्मी तो पापा, काका और बाकी मजदूरों के साथ खेत चली गई और मैं और भाई तैयार होकर गाँव मे आ गए। फिर मैं भाई को एक मजदूर के घर ले गई। फिर मैं गई तो घर पर मजदूर की बीवी और जवान बेटी ही थी। फिर मैं उनसे मिली और फिर भाई से भी उन्हें मिलवाया। फिर हम सब घर मे अंदर कमरे में जाकर बैठ गए और फिर मैं नंगी होने लगी तो मेरे साथ साथ वो दोनों भी नंगी हो गई। फिर हमें देखकर भाई भी नंगा हो गया। भाई की बॉडी और लंड देखकर वो दोनों तो हैरान रह गई। फिर वो दोनों भाई का लंड सह लाने लगी। फिर जब भाई का लंड पूरा खड़ा हो गया तो भाई ने पहले उन दोनों माँ बेटी में से पहले माँ की गाँड में डाला और करने लगा। ऐसे लंड से चुदाई से वो तो पूरी मदहोश हो गई फिर थोड़ी देर उसकी चुदाई के बाद भाई ने उसकी बेटी को घोड़ी बनाया और फिर उसे चोदने लगा। फिर थोड़ी देर चोदने के बाद भाई बिना झड़े ही उसकी गाँड से लंड बाहर निकाल लिया लेकिन वो दोनों तो झड़ चुकी थी। फिर भाई ने उन दोनों के बदन को जमकर सहलाया और दबाया। फिर हमने कपड़े पहने और फिर हम एक दूसरे घर गए जहाँ घर मे मजदूर की माँ और उसकी बीवी थी। फिर मैंने उन्हें भाई से मिलवाया तो भाई तो वहीं उसके माँ के बोबे दबाने लगा। फिर हम घर मे आंगन में चले गए और फिर भाई नंगा हो गया और फिर उसकी मां को भी नंगा कर दिया। फिर भाई ने उसकी बीवी को भी नंगा कर लिया और फिर दोनों से अपना लंड चूसवाया और फिर दोनों की चुत और गाँड मारी। दोनों सास बहू घर के आंगन में नंगी घोड़ी बनकर भाई से चुदवा रही थी। फिर भाई ने उन्हें थोड़ी देर चोदा और फिर उसने कपड़े पहने और फिर हम दूसरे घर के लिए चल पड़े।

फिर हम उस घर मे गए तो उसमें उस मजदूर की बीवी और दो जवान बेटियां थी। फिर भाई ने उनसे भी किया। फिर भाई बोला के काश हमारे गांव के हर घर मे ऐसा होता के हम किसी के भी घर जाकर उस घर की औरतों को चोद पाते। फिर मैं भाई की बात पर हँसने लगी और बोली के ऐसा तो शायद ही होगा। फिर हम अगले घर गए तो इस बार भाई ने सबकी अलग अलग पोज में चुदाई की। फिर मैंने भाई को बताया के पापा और काका तो इन्हें पता नही कितनी बार चोद चुके हैं और अब तो ये आपस मे एक दूसरे की बीवियों की चुदाई कर लेते हैं। फिर भाई बोला के ये तो बहुत अच्छी बात हैं। फिर तो मजे ही मजे हैं। जब चाहो किसी की भी चुदाई करो। फिर मैं बोली के हाँ पर ये भी ध्यान रखना हैं के गाँव मे इसके बारे में किसी को पता ना चल जाये नहीं तो मजा सजा हो जाएगी। फिर भाई बोला के ठीक हैं। फिर इसी तरह मैं और भाई शाम तक लगभग सब के घर ही जा चुके थे। भाई ने हर किसी की चुत और गाँड में कम से कम एक बार तो लंड जरूर डाला ही था। फिर मैं और भाई पैदल ही घर आने लगे। रास्ते मे मुझे गांव के कई लोग मिले और मेरे काम की काफी तारीफ की। फिर ये सब देखकर भाई बोला के तुम इस गांव की सबसे बड़ी चुदक्कड़ हो तुम्हारी गांव में इतनी इज्जत हैं। फिर मैं बोली के यही तो बात हैं। फिर मैं और भाई हँसने लगे। फिर हम घर पहुंचे ही थे के उधर पापा भी आ गए थे। वो सब के सब जीप में से नंगे ही उतरे और फिर मम्मी पीछे से निकली नंगी ही। उन सबके साथ मम्मी को नंगी देखकर मैं और भाई तो ये नजारा देखते ही रह गए। फिर मैं और भाई भी नंगे हो गए।

फिर उस दिन पापा ने सबको दारू पिलाने का वायदा किया था तो फिर मैं और मम्मी जाकर घर के अंदर से दारू की पेटी ले आई और फिर उन सबको दारू पिलाने लगी। फिर उन सबको दारु चढ़ गई तो फिर हमने डांस करने का मन बनाया। फिर मैं और मम्मी उन सबके नाचने लगी। हम उन सबके सामने अपने बोबे और गाँड ऐसे हिलां रही थी के उनका नशा दुगुना हो गया। फिर वो सब मेरे और मम्मी पर टूट पड़े और हमारे बदन को सहलाने और दबाने लगे। फिर बस ये सब ही चलता रहा और फिर सब अपने घर चले गए। फिर हमने भी नहा धोकर खाना खाया और फिर सो गए। भाई और मम्मी तो तब ही सो गए। पर मैं, पापा और काका नहीं सोए। फिर वो दोनों मेरे बदन से खेलने लगे। हमे नींद नहीं आ रही थी तो हम नंगे ही चौकी पर आ गए। बाहर ज्यादा ठंड नहीं थी। फिर काका तो मुझे दीवार के शेयर लगाकर चोदने लगे। फिर काका झड़ गए तो फिर पापा ने भी चोदा। फिर मैंने उन दोनों के लंड चूसकर फिर से खड़े कर दिए तो फिर हम वापिस कमरे में चले गए और फिर उन दोनों ने मुझे एक साथ चोदा। फिर हम करके सो गए।

अगले भाग में बताऊँगी के जब हम मेरे ससुराल गए तो क्या क्या हुआ...

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