अगले दिन हम थोड़ा जल्दी उठे। फिर मैंने और सास ने घर का सब काम किया। फिर राज भुआ के घर जाने लगे। तो जाने से पहले राज ने मुझे और सास को घोड़ी बनाया और फिर एक एक बार हमारी चुदाई की। फिर राज चले गए। फिर मैं, पापा और पति भी मायके जाने के किये तैयार होने लगे। मैंने पापा और पति को पहनने के लिए कपड़े निकालने के लिए दे दिए। तो वो कपड़े लेकर बाहर वाले कमरे में चले गए। सास भी उनके साथ चली गई। मैं भी अपने कमरे में गई और नंगी ही मेकअप करने लगी। तब नौकर भी मेरे पास खड़ा था और वो मुझे देखकर धीरे धीरे अपना लंड सहला रहा था। फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो उसका लंड पूरा खड़ा था। फिर मैं उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई और फिर मैं बेड पर घोड़ी बन गई और उसे अपनी गाँड मारने का इशारा किया। तो वो जल्दी से बेड पर चढ़कर मेरे पास आ गया और मेरी गाँड में अपना लंड डालकर मेरी गाँड मारने लगा। वो आज काफी तेजी से मेरी गाँड मार रहा था। उसे पता था के मैं आज जाने वाली हूँ और फिर पता नहीं कब उसे मेरी गाँड मारने को मिले। फिर कुछ देर बाद वो मेरी गाँड में ही झड़ गया तो फिर मैं खड़ी हुई और एक सूट पहन लिया। फिर मैं बाहर वाले कमरे में गई तो देखा के पापा और पति ने अभी तक कपड़े नहीं पहने थे और वो दोनों सास की चुदाई कर रहे थे। फिर मैंने पापा और पति से कपड़े पहनने को कहा। फिर वो दोनों झड़ गए तो फिर उन्होंने अपने कपड़े पहने और फिर हम जाने लगे। हमारे जाने के बाद घर पर सिर्फ सास और नौकर ही रहने वाले थे और मुझे पता था के नौकर की चुदाई के सिवा कुछ नहीं करेगा।

फिर हम जीप में बैठकर जाने लगे तो सास और नौकर कमरे के बाहर चौकी पर खड़े थे और सास ने नौकर का लंड पकड़ रखा था और उसे सहला रही थी। जीप पति चला रहे थे और मैं उन दोनों के बीच बैठी थी। दोपहर का टाइम था तो सड़क पर ज्यादा भीड़ नहीं थी। फिर पापा ने नीचे से अपनी लूँगी उतार दी और नंगे होकर बैठ गए और मेरा हाथ अपने लंड पर रख लिया तो फिर मैं पापा का लंड सहलाने लगी। फिर पति भी नीचे से नंगे हो गए तो मैं उनका भी लंड सहलाने लगी। फिर पापा ने अपने हाथों से मेरा सूट उतार दिया और फिर मेरी ब्रा भी उतार दी। फिर मैं उन दोनों के बीच बिल्कुल नंगी होकर बैठी थी। फिर पापा मेरे बूब चूसने लगे और मेरी चूत सहलाने लगे। पति भी कभी कभी मेरे बूब सहला देते। हम तीनों काफी ज्यादा गर्म हो चुके थे और मुझे पता था के मायके जाने से पहले ये मुझसे जरूर करेंगे। फिर पापा ने पति को एक जगह जीप रोकने के लिए कहा। वहाँ आसपास बंजर जमीन थी और पास ही सड़क से थोड़ी दूरी पर एक पुराने बस स्टैंड के लिए एक मकान बना था जो कि अब काम मे नहीं लेते थे। फिर पापा और पति जीप से उतरे और फिर मैं भी जीव से नंगी ही उतरकर खड़ी हो गई। फिर हम उस मकान की तरफ चल पड़े। पति ने उस मकान से थोड़ी दूर जीप रोकी थी। फिर हमने देखा के वहाँ कुछ दूरी पर कुछ ग्वाले बैठे थे और आसपास कुछ गाय खड़ी थी। लेकिन तब हम काफी गरम थे तो हमें किसी की परवाह नहीं थी। फिर उस मकान में जाने से पहले बाहर ही पति ने अपना कुर्ता उतार दिया और वो पूरे नंगे हो गए। फिर मकान में जाते ही पति ने मुझे एक दीवार के सहारे झुकाकर खड़ा कर लिया और मेरी गाँड मारने लगे। इतने में पापा भी नंगे हो गए और वो हमें देखकर अपना लंड हिलाने लगे।

फिर पति साइड हुए और पापा मेरी गाँड मारने लगे। हमें करते हुए कुछ ही देर हुई थी के वहाँ पर वो ग्वाले आ गए। वो दो जने थे। तब पापा मुझसे कर रहे थे। तो वो दोनों ग्वाले हमे करते हुए देखने लगे। फिर पति अपना लंड हिलाते हिलाते उनके पास गए और उनसे बाते करने लगे। फिर पापा झड़ गए तो पापा ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मैं भी सीधी होकर खड़ी हो गई। मैं उन चार मर्दों के सामने नंगी खड़ी थी। वो ग्वाले किसी दूसरे गाँव से आये थे। फिर उन ग्वालों ने भी मुझसे करने के लिए कहने लगे। फिर पति ने मुझसे इशारे से पूछा तो मैंने भी हँसकर आँख मार दी। फिर वो ग्वाले बोले के हमारी गाय वहाँ अकेली है। वो इधर उधर जा सकती है। इसलिए उन्होंने हमें वहाँ चलने को कहा। फिर एक ग्वाला बोला के हमारे पास नीचे बिछाने के लिये बिछौने है और हम गायों के बीच मे करेंगे तो हमें कोई देख भी नहीं सकेगा। हमे उनकी बात सही लगी तो हम उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गए। लेकिन जाने से पहले पति ने उनसे कपड़े खुलवाकर उन्हें नंगा करवा लिया। फिर हम उनकी गायों की तरफ जा रहे थे तो मैं उन ग्वालों के पास गई और उनके लंड पकड़ लिए। वो दोनों ग्वाले दिखने में काफी अच्छे बदन के मालिक थे। फिर वो बताने लगे के उन्होंने आज तक कोई औरत नहीं चोदी है। वो या तो हाथ से करते थे या किसी गाय के छेद में डालकर करते थे। फिर बातें बातें करते हम उनकी गायों के पास पहुंच गए। फिर उन दोनों ने अपनी गायों को एक घेरे में बैठा लिया और बीच में बिछौने बिछा दिए।

फिर हम सब उस पर बैठ गए। पापा तो झड़ गए थे तो वो साइड में बैठ गए थे। फिर पति ने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया और मेरे बूब दबाने लगे। मैं अपनी टांगे खोलकर बैठी थी तो पति ने उन ग्वालों से मेरी चूत चाटने को कहा तो वो एक एक करके मेरी चूत चाटने लगे। पति ने नीचे से लंड मेरी गाँड में डाल रखा था और वो धीरे धीरे कर रहे थे। फिर वो झड़ गए तो उन्होंने मुझे खड़ा किया और फिर एक ग्वाले की तरफ धक्का दे दिया तो फिर मैं उस ग्वाले की बाहों में चली गई। फिर वो ग्वाला मेरे बदन को मसलने लगा। फिर पीछे से दूसरा ग्वाला भी आकर मुझसे चिपक गया और मेरे बूब सहलाने लगा। उन दोनों के लंड मुझे अपनी गाँड और चूत पर महसूस हो रहे थे। पति और पापा आराम से लेटकर ये सब नजारा देख रहे थे। मैं भी उन ग्वालों का पूरा साथ दे रही थी। फिर मैंने उन दोनों ग्वालों को लेटाया और फिर एक का लंड मुँह में लेकर चूसने लगी और दूसरे का हाथ से जोर जोर से सहलाने लगी। पर वो ज्यादा देर नहीं टिक पाए और वो झड़ गए। फिर मैंने उन दोनों के लंड का पानी चाटकर उनके लंड साफ कर दिए। फिर वो तो वैसे ही सोये रहे और मैं भी उनके बीच सो गई। हमें देखकर पापा का लंड खड़ा हो चुका था तो फिर पापा मेरे ऊपर आये और उन दोनों के बीच सोये सोये ही मेरी चूत मारने लगे। पापा उन दोनों पराए मर्दों के बीच में सोई अपनी बेटी की चूत मार रहे थे। मैं साथ में उन दोनों ग्वालों के लंड सहला रही थी।

फिर इतने में पति भी उठकर हमारे पास आ गए और फिर मेरे मुँह में अपना लंड दे दिया तो मैं उनका लंड चूसने लगी। इस प्रकार में एक साथ चार चार मर्दों को सुख दे रही थी। फिर पापा झड़ गये तो फिर एक ग्वाला उठकर मेरी चूत मारने लगा। फिर वो झड़ गया तो दूसरा मारने लगा। फिर वो भी झड़ गया तो पति नीचे लेट गए और मुझे अपने ऊपर उल्टी लेटाकर मेरी चूत में अपना लंड डालकर करने लगे। फिर पीछे से पापा आये और वो मेरी गाँड में करने लगे। इस प्रकार मुझे दो मर्दों से एक साथ करते देख वो ग्वाले हैरान हो गए। फिर मैंने पास खड़े एक ग्वाले को अपने पास बुलाया और उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगे और दुसरे का हाथ से हिलाने लगी। फिर पापा झड़ गए तो एक ग्वाला मेरी गाँड मारने लगा। फिर पति झड़ गए तो दूसरा ग्वाला मेरे नीचे लेट गया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर करने लगा। फिर पापा का लंड मुँह से चूसने लगी और पति का हाथ से हिलाने लगी। इस प्रकार मैं उन चारों से नॉनस्टॉप चुदती रही। फिर हम सब  थक गए तो फिर हम आराम करने लगे। फिर एक ग्वाले ने हमें एक गाय का दूध निकालकर पिलाया। मैं पहले भी कई मर्दों से एक साथ किया था तो मेरी चूत और गाँड में तो कुछ नहीं हुआ पर वैसे पूरा शरीर थोड़ा थोड़ा दर्द करने लगा था। फिर शाम हो रही थी तो हमने ग्वालों से विदा ली। फिर हम जाने लगे तो मैं ग्वालों के गले लगी और उनसे कहा के तुम्हर साथ बहुत मजा आया। फिर वो भी बोले के हमे भी आपके साथ काफी मजा आया। फिर मैं, पति और पापा जीप की तरफ नंगे ही जाने लगे तो वो ग्वाले भी हमारे साथ जीप तक आये। फिर हम जीप के पास पहुंचे तो उन सब के लंड फिर से खड़े हो गए थे। फिर मैं उनकी तरफ देखकर हँसी और फिर आगे वाली सीट पर पीछे की और गाँड निकालकर झुककर खड़ी हो गई। फिर पहले पापा करने लगे और बाकी सब पापा के पीछे लाइन लगाकर खड़े हो गए। फिर पापा झड़ गए तो पति करने लगे। सब अपना पानी मेरी गाँड में छोड़ रहे थे तो करते टाइम पानी मेरी गाँड से बाहर निकल रहा था था और फच फच की आवाजें आ रही थी। फिर पति झड़ गए तो फिर उन दोनों ग्वालों ने किया। फिर मैंने उन ग्वालों से अपनी गाँड चाटने को कहा तो वो मेरी गाँड चाटने लगे और मैं जोर लगाकर उन सब का पानी अपनी गाँड से बाहर निकालने लगी और वो मेरी गाँड चाटते रहे। उनसे गाँड चटवाने के बाद मैं जीप में बैठ गई और फिर पापा और पति भी जीप में बैठ गए। फिर हम चल पड़े। अंधेरा हो गया था तो हमने किसी ने कपड़े नहीं पहने थे।

फिर हम घर पहुंच गए। फिर आगे क्या हुआ। पति ने मम्मी की चुदाई कैसे की ये अगले भाग में बताऊंगी.....

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