जब मैं बस मैं बैठी थी तो मेरे मन मैं मेरा मायका ही घूम रहा था और मैं सोच रही थी के वो सब मुझे ऐसे एकदम देखकर बहुत खुश होंगे। मैं सोच रही थी के मैं अपना सब सामान बाहर के मैन गेट पर ही छोड़कर और वहीं पर अपने सब कपड़े निकालकर और पूरी नंगी होकर फिर ही अंदर जाऊंगी और सबसे ऐसे ही मिलूँगी। फिर ये सब सोचते सोचते मैं मायके पहुँच गई और फिर पैदल ही घर की तरफ जाने लगी। तब दोपहर हो चुकी थी तो गलियों में कोई नहीं दिख रहा था। मेरे चेहरे पर उस दिन एक अलग ही खुशी थी। फिर मैं घर पहुंची और घर के अंदर आकर गेट बंद कर दिया और फिर अपना सामान वहीं छोड़कर मैं अपने कपड़े उतारने लगी। मैंने अपने सब कपड़े उतार दिए थे ब्रा पैंटी भी। पैरों मैं बस हाई हील के सैंडल ही पहनी थी। फिर मैं अंदर जाने लगी। फिर मैं चौकी से चढ़कर अंदर जाने लगी तो मुझे बाहर वाले कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दी। उस कमरे की खिड़की खुली थी तो मैं खिड़की से अंदर देखने लगी और देखती ही रह गई। मैंने देखा के अंदर पापा नंगे बैठे थे औऱ अपना लंड हिला रहे थे और सामने बेड पर मम्मी घोड़ी बनी हुई थी और पीछे से उनके हमारे एक खेत पड़ोसी ने अपना लंड डाल रखा था और मम्मी को चोद रहा था। ये देखकर तो मैं काफी गर्म हो गई और वहीं खड़ी होकर देखने लगी। मम्मी ने अपना मेकअप कर रखा था और बाल खुले छोड़ रखे थे पूरी मस्त होकर उससे कर रही थी। मैं नंगी तो थी ही फिर मैं भी अपनी चूत सहलाने लगी।

फिर अंदर से दाई आई और वो मुझे देखकर खुश होकर जोर से बोली के नीरू आ गई। उसकी आवाज कमरे के अंदर तक भी पहुंच गई थी तो वो सब बाहर आ गए। फिर दाई मेरे पास आई और पूछा के तू नंगी क्यों हैं और तेरा समान कहाँ पर हैं तो मैंने उन्हें बताया के गेट के पास पड़ा हैं। इतने मैं मम्मी पापा और वो खेत का पड़ोसी भी बाहर आ गया। मम्मी मुझे देखकर बहुत खुश हो गई और मेरे गले लग गई। फिर पापा भी मेरे पास आए और मेरे बूब पकड़ लिए और दबाने लगे और फिर पीछे से मेरी गाँड दबाने लगे। फिर मैं भी उनके गले लग गई और फिर उनका लंड पकड़ लिया। फिर मैं मम्मी से उस खेत के पड़ोसी की तरफ इशारा करते हुए बोली के ये कैसे हुआ। वो मेरा काका लगता था। फिर मम्मी बोली के क्या बताऊँ अपने पापा से पूछ। फिर पापा बोले के अंदर चलो फिर बताता हूँ। फिर हम सब कमरे में आ गए। मैं पापा के साथ बैठ गई चारपाई पर ओर काका और मम्मी बेड पर बैठ गए। दाई अंदर चली गई थी हम सबके लिए चाय वगैरह बनाने। फिर पापा बताने लगे के मैं तेरी मम्मी को खेत में ले जाकर चोदता था कभी कभी। तो फिर एक दिन इसने हमे देख लिया करते हुए। फिर ये मेरे पास आया और कहने लगे के भाभी तो बहुत मस्त हैं। फिर मैं बोला के अभी तूने देखा ही क्या हैं। फिर मैं तेरी मम्मी को अलग अलग पोज़ में इसके सामने चोदने लगा और ये छुपकर हमें देखने लगा। फिर तेरी मम्मी को मैंने इसके बारे मैं बताया के ये हमे छुप छुपकर देखता हैं। फिर तेरी मम्मी भी इसके सामने पूरी मस्त होकर चुदती। ये सब देखकर ये काफी गर्म हो जाता था। फिर वो एक दिन मुझसे बोला के भाभी से मुझे भी करवादे। फिर मैं बोला के तेरी भाभी से ही पूछ लें। वो मान जाए तो कर लेना। ये तो तेरी मम्मी का पूरा दीवाना हो चुका था। फिर मैंने ये तेरी मम्मी से बोला तो तेरी मम्मी बोली के पहले तो इसे पूरा तड़पाएंगे। फिर अगले दिन हम दोनों बैठे थे तो तेरी मम्मी आई। फिर मैंने इसके सामने ही तेरी मम्मी को नंगी किया और फिर हम करने लगे। ये देखकर तो उस दिन इसका बुरा हाल गया। फिर ये तेरी मम्मी के पास आकर तेरी मम्मी के बूब दबाने लगा। तेरी मम्मी कुछ नहीं बोली। फिर तो बस रोज ही जब तेरी मम्मी खेत आती तो ये तेरी मम्मी को पकड़ लेता और बूब दबाने लग जाता और तेरी मम्मी से करने के लिए कहने लगता। पर तेरी मम्मी नहीं मानी। फिर तेरी मम्मी इससे अपनी चूत चटवाने लगी और इसे अपने बूब चुसवाने लगी। फिर एक दिन तेरी मम्मी ने इससे कर लिया तब जाकर ये माना। फिर तेरी मम्मी खेत जाती तो हम दोनों साथ मे कर लेते। फिर हम घर पर करने लगे। पापा जब ये सब सुना रहे थे तो हम सब काफी हंस रहे थे। फिर मैं उठी औऱ काका और मम्मी के पास गई और काका के साइड में बैठ गई। फिर मैं काका का लंड पकड़कर बोली के तो काका को ऐसे मिली मेरी मम्मी की चूत। फिर काका हँसने लगे। फिर मैं मम्मी के पास चली गई औऱ मम्मी से बातें करने लगी।

फिर इतने में दाई आ गई चाय लेकर। फिर हम चाय पीने लगे। फिर मम्मी बोली के अब तू बता। तूने क्या क्या किया। फिर मैं बताने लगी और सब कुछ बता दिया। वो सब ये सुनकर काफी हैरान हो गए और साथ मे गर्म भी हो गए। फिर मम्मी बोली के तेरी सास तो चुदक्कड़ निकली। मैं बोली के माहौल ही ऐसा हो गया था के कोई भी चुदक्कड़ बन जाये। फिर मम्मी बोली के भुआ भी काफ़ी अपनी भाभी से दो कदम आगे निकली जो अपनी जवान बेटियों के सामने अपने भतीजे से ही अपनी चूत चुदवा ली। फिर मैं बोली के वो बेचारी क्या करती हमने माहौल ही ऐसा बना दिया था। फिर पापा बोले के अबकी बार जाऊँगा तब तेरी सास को जरूर चोदकर आऊँगा। पापा की बात सुनकर हम हँसने लगे। फिर मम्मी बोली के तुम तो हमसे भी आगे निकल गए हो। मैं बोली के और क्या तो। फिर मैं और मम्मी हँसने लगी। फिर पापा मेरे पास आये और अपना लंड मेरे सामने कर दिया तो मैं पापा का लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर मम्मी बोली के आप भी आते ही शुरू हो गए इसके साथ। फिर पापा ने मुझे बेड पर लेटा दिया और करने लगे। उधर फिर काका ने भी मम्मी से करने लग गए थे। फिर हम दोनों माँ बेटी एक ही बेड पर पापा औऱ काका से चुद रही थी। फिर करने के बाद मैं काका के पास जाकर बैठ गई। फिर काका मुझसे चिपक कर बैठ गए। मैं काका से बोली के आपको मेरी चूत इतनी आसानी से नहीं मिलेगी। फिर काका बोले के तू देगी तब ले लूँगा मैं तो। काका के बारे में थोड़ा बता देती हूँ। काका के घर मैं उसकी बीवी हैं जो थोड़ी भोले टाइप की हैं और उसकी बेटी हैं वो भी अपनी माँ की तरह ही हैं। उसकी शादी तो कर दी पर वो यहीं रहती हैं। उसका एक बेटा हैं जो बाहर रहकर काम वगैरह करता हैं। उसके पास थोड़ी सी जमीन हैं जो हमारे खेत के पास हैं और भी पापा के पास गिरवी पड़ी हैं। पापा भी उसकी बीवी और बेटी से कर चुके थे।

हमें बातें करते करते शाम हो गई थी तो फिर हम घर के अंदर गए। फिर मम्मी ने दाई को आवाज दी तो वो वहाँ नहीं थी। फिर हम घर के पीछे गए तो देखा के दाई अपने बेटे रामु से चुद रही थी। उन्हें देखकर हम हँसने लगे। फिर पापा, काका, मैं और मम्मी खेत मे घूमने के लिए नंगे ही चले गए। अब घर का सब काम तो दाई और रामु कर लेते थे तो अब काम की तो कोई चिंता नहीं थी। इस कारण हम अब बस मस्ती ही करते थे दिन भर। फिर खेत मे हम घूमने लगे। पापा और मैं साथ मे चल रहे थे तो पापा मेरी गाँड और बूब सहला रहे थे। काका भी मम्मी की बॉडी से खेल रहा था। फिर घूमते घूमते शाम हो गई तो सम वापिस आ गए। दाई ने खाना तैयार कर रखा था तो हमने खाना खाया और फिर हम बाहर चौकी पर आ गए। फिर मैं उन सबको अपने ससुराल की और बातें बताने लगी। मेरी बातें सुनकर सब गर्म हो गए तो काका तो मम्मी को घोड़ी बनाकर करने लगे थे। फिर उन्हें देखकर पापा औऱ मैं भी करने लगे। काका अब लगभग हमारे घर पर ही रहता था और बस मम्मी से चिपका ही रहता था। फिर हम करते करते सो गए।

अगले भाग में बताऊंगी के मम्मी काका के साथ कैसे रंगलिया मनाती हैं.....

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