मेरे भाई को पढ़ने का काफी शोक था तो वो स्कूल के बाद पढ़ने के लिए पहले जयपुर और फिर दिल्ली चला गया था। वो दिखने में स्मार्ट हैं। कोई भी लड़की उसे देखे तो पट जाए। मेरा भाई जब यहाँ आता तो हम सब उसके सामने नॉर्मल रहने की कोशिश करते मतलब कपड़े वगेरह पहनकर रहते। लेकिन फिर भी जैसे हम अंदर से होते हैं वैसे बाहर दिखाई दिए बगैर नहीं रह सकता हैं। इस कारण मैं और मम्मी उसके सामने थोड़ी ओपन ही रहती। मतलब पहले उसके सामने पूरे कपड़ों में रहते फिर धीरे धीरे हम ऐसे कपड़े पहनने लगी के जिनमे से हमारा बदन दिखाई दे। फिर हम थोड़ी और ओपन हो गई और फिर उसके सामने नहाकर आती तो बस तौलिए में ही रहती। भाई को मैं और मम्मी काफी प्यार करती तो हम उससे अपनी छाती से लगा लेती थी जिस कारण उसका मुँह हमारे बूब में दब जाता था। फिर हम उसके सामने ही ऑइल मसाज करने लगी। तब हम पूरी नंगी तो नहीं होती थी पर पूरे कपड़े भी नहीं पहने होते थे। वो हमें ऐसे देखकर शर्मा जाता था पर बोलता कुछ नहीं था। हम उसे अपने साथ ही सुलाते थे। सर्दियों में तो या तो मम्मी उसके साथ सोती या फिर मैं।
फिर एक बार गर्मियों में हम रात को सोये थे। पहले लाइट वगैरह इतनी नहीं रहती थी। तो हमे गर्मी लग रही थी। भाई तो कच्छे में ही सोया था। तब मैं और मम्मी एक दूसरे के सामने खुल चुकी थी। फिर मैं और मम्मी उठी और नंगी होकर सो गई। सुबह मम्मी तो जल्दी उठ जाती थी पर मैं लैट उठती थी तो मैं सिर्फ एक चादर डालकर सोई रहती और अंदर से नंगी ही होती। फिर मैं वैसे ही चादर लपेटकर उठ जाती और अंदर कमरे में जाकर सूट पहन लेती।
फिर मेरे बेटा हो गया तो मैं उसे दूध वगैरह पिलाती थी मैं अपना पूरा बूब बाहर निकाल लेती थी सबके सामने ही। तब मैं पापा से भी कर चुकी थी तो मुझे किसी की शर्म तो आती नहीं थी तो मैं कभी कभी ऐसे ही बूब बाहर निकाले बैठी रहती थी। फिर मम्मी गर्मी के कारण ऊपर से नंगी रहने लगी थी। फिर मम्मी भाई के साथ सोती तो मम्मी अपना बूब भाई के मुँह में दे देती तो भाई मम्मी का बूब चूसने लग जाता। फिर भाई का जब मन करता वो मम्मी का बूब चुसने लग जाता। फिर एक दिन भाई मम्मी का बूब चूस रहा था और मैं बेटे को दूध पिला रही थी। फिर मैं बोली के दूध पीना हैं तो आजा। फिर मैं बोली के आजा। फिर वो खड़ा होकर मेरे पास आ गया। फिर मम्मी की तरफ मैं भी ऊपर से नंगी रहने लगी थी। मैं बैठी थी तो वो भी मेरे पास आकर बैठ गया। फिर मैं अपने हाथ से बूब पकड़कर उसकी तरफ कर दिया तो फिर वो मेरा बूब चूसने लगा। इतने में पापा भी वहाँ आ गए। फिर मैं दूसरा बूब पकड़कर दबाने लगी। उसमे दर्द हो रहा था। फिर मैंने मम्मी कप बताया। फिर मम्मी बोली के बूब में दूध रह जाता हैं जिस कारण दर्द होने लगता हैं। फिर मैं बोली के क्या करूँ फिर मैं। फिर मम्मी बोली के तेरे पापा और भाई को पिला दिया कर। फिर मम्मी हँसने लगी। फिर पापा भी हँसते हुए मेरे पास आकर बैठ गए और मेरा बूब पकड़कर चूसने लगे। फिर वो दोनों मेरे बूब चूसने लगे तो मैं पीछे हाथ करके अपनी छाती आगे की और निकालकर बैठ गई। फिर मम्मी पापा और भाई से बोली के सारा दूध भी मत पी जाना। नहीं तो फिर दर्द करेंगे।
फिर तो मैं और मम्मी घर मे ऊपर से नंगी होकर घूमती रहती और जिसका दिल करता वो हमारे बूब आकर चूसने लग जाता। फिर मैं और मम्मी नीचे भी सलवार की जगह या तो तौलिया लपेट लेती या कोई चुन्नी लपेट लेती। फिर वो तौलिया या चुन्नी कई बार काम करते टाइम खुल कर गिर जाता तो हम हंसती हुई फिर वापिस तौलिया लपेट लेती। फिर तो बस ये रोज की बात हो गई थी। तब तो भाई कुछ ज्यादा नहीं खुल पाया था। फिर वो अगली बार आया तो तब भी हम उसके सामने ऐसे ही रहती। मैं और भाई एक दूसरे के साथ फ्रेंड के जैसे रहते थे और एक दूसरे से सब बातें करने लगे थे। मैं औऱ मम्मी अब उसके सामने अपने शरीर को ढकने की कुछ ज्यादा कोशिश नहीं करते थे।
फिर मैं बस नीचे एक पैंटी ही पहने रहती और मम्मी तो हमारे सामने नंगी ही रहने लग गई थी। मम्मी कहती के तुम मेरे बच्चे ही तो हो तुमसे क्या शर्माना। फिर चाहे सर्दी हो या गर्मी मम्मी को जब मौका मिलता नंगी हो जाती। हमे ऐसे देखकर भाई का लंड भी खड़ा हो जाता था और उसका करने का भी मन करता पर वो कर नहीं पाता था।
एक दिन गर्मियों में खाना खाने के बाद मैं, मम्मी और भाई तो अंदर के कमरे में थे और पापा बाहर वाले कमरे में बैठे थे। फिर मम्मी पापा के पास चली गई तो मैं और भाई ही रह गए। भाई कच्छे में था और मैं सिर्फ पैंटी में थी। भाई का लंड तब खड़ा था। पर ये अब तो आम बात हो गई थी। उसके खड़े लंड को देखकर मैं और मम्मी मजाक में कई बार कह देती के लड़का अब बड़ा हो गया हैं और फिर हम हँसने लग जाती। फिर मैं उससे पूछने लगी के उसकी कोई गर्लफ्रैंड हैं या नहीं और उसकी कॉलेज लाइफ के बारे में पूछने लगी। फिर वो बाहर पेशाब करने चला गया और मैं अंदर ही लेटी रही। फिर मुझे कुछ मम्मी से पूछना था तो मैं बाहर वाले कमरे की तरफ जाने लगी। फिर मैंने देखा के भाई बाहर वाले कमरे की खिड़की के पास खड़ा था और अंदर देख रहा था। फिर मैं उसके पास गई तो देखा के अंदर पापा मम्मी को चोद रहे थे। ये देखकर उसने भी अपना लंड बाहर निकाल रखा था और हिला रहा था। फिर मैंने पीछे से उसे बुलाया तो वो एक दम पीछे घुमा तो उसका नंगा लंड उसके हाथ मे था। वो थोड़ा डर गया था। फिर मैं हँसते हुए बोली के डरने की कोई बात नहीं हैं ये तो इनका रोज का काम हैं। फिर वो जाने लगा तो मैंने उसे रोक लिया और देखने के लिए कहा। फिर मैं अंदर पापा मम्मी के पास चली गई। पर तब पापा रुके नहीं और चुदाई करते रहे। फिर मैंने मम्मी से कुछ पूछा तो मम्मी ने मुझे चुदते हुए ही सब बता दिया। फिर मैं बाहर आ गई और भाई को साथ लेकर अंदर के कमरे में जाने लगी। फिर मैंने उससे कहा के इनका तो ये रोज का काम हैं। फिर हम कमरे में आ गए और बेड पर लेट गए। फिर मैंने उसके खड़े लंड की तरफ देखा और उसका कच्छा नीचे करने लगी तो वो मुझे रोकने लगे। पर मैं नहीं रुकी और उसका कच्छा नीचा करके उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी।
फिर मैंने उससे पूछा के मन कर रहा हैं क्या तो वो कुछ नहीं बोला। फिर मैंने भी अपनी पैंटी खोल दी और नंगी हो गई और अपनी चूत सहलाने लगी। फिर मैंने उसे इशारा किया के आजा मुझे चोद ले। फिर वो कुछ देर तो सोया रहा और फिर उठकर मेरे ऊपर आ गया। फिर मैं हँसने लगी और उसका लंड पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया। फिर उसने धक्का मारा और लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर वो करने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी। फिर वो कुछ ज्यादा ही गर्म था तो जल्दी ही झड़ गया और मेरे ऊपर ही लेट गया।
फिर इतने मैं मम्मी और पापा आ गए। मम्मी नंगी ही थी और पापा ने लूँगी पहन रखी थी। फिर वो हमें ऐसे देखकर हँसने लगे। उन्हें देखकर भाई मेरे ऊपर से हटने लगा तो मैंने उसे हटने नहीं दिया। फिर मम्मी बोली के चोद ले चोद ले अपनी बहन को। फिर मम्मी हँसने लगी। मम्मी के मुँह से ये सुनकर भाई भी हँसने लगे। फिर पापा और मम्मी हमारे सामने ही बैठ गए और मम्मी ने पापा की लूँगी खोल दी और उनका लंड हिलाने लगी। फिर हम भाई को सब बताने लगे जो हमने अब तक किया वो। फिर भाई बोला के मेरे घर मे इतना कुछ हो रहा हैं और मुझे पता भी नहीं। फिर मैंने भाई से बोला के तू बुरा मत मानना के हम किसी पराए मर्द से भी चुद चुकी हैं। फिर भाई बोला के ये तो कुछ भी नहीं हैं शहर में तो औरतें हर दिन कई मर्दों से कर लेती हैं। फिर मैं बोली के तूने किया हैं किसी से। फिर वो बोला के हाँ। वो बताने लगा के उसने कॉलेज टीचर से लेकर और अपने पड़ोस में रहने वाली औरतों तक से कर चुका था। फिर मैं बोली के तू तो काफी एडवांस निकला। फिर हम सब हँसने लगे।
फिर मैं बोली के अब तू और हो गया तो अब हम सब मिलकर और भी मजे करेंगे। तो वो बोला के हाँ। फिर वो बोला के मूझे बड़ी उम्र की औरतें ज्यादा पसंद हैं। फिर मम्मी बोली के मैं बैठी तो हूँ तेरे सामने। फिर मम्मी उठकर भाई की गोद मे जाकर बैठ गई। फिर पापा बोले के मुझे जवान औरते पसंद हैं। फिर पापा ने मुझे खींचकर अपनी गोद मे बैठा लिया और मेरे बूब दबाने लगे। फिर भाई मम्मी से और पापा मुझसे करने लगे।
भाई ने जब मम्मी से कर लिया तब बोला के मुझे आज जितना मजा कभी नहीं आया। फिर मम्मी बोली के बेटे से चुदने का क्या सुख होता हैं वो मुझे भी आज पता चल गया। तब भाई आ गया था तो काका को हमने आने के लिए मना कर दिया था और भाई के आने से एक दो दिन पहले ही दाई अपने बेटे को लेकर कुछ दिन के लिए अपने रिश्तेदार के यहाँ चली गई थी। घर पर हम ही लोग थे तो भाई कभी मुझसे करता तो कभी मम्मी से। फिर कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा और भाई ने हमें खूब चोदा।
अगले भाग में बताऊंगी के भाई के सामने हमने काका और नौकर से कैसे किया.....
फिर मेरे बेटा हो गया तो मैं उसे दूध वगैरह पिलाती थी मैं अपना पूरा बूब बाहर निकाल लेती थी सबके सामने ही। तब मैं पापा से भी कर चुकी थी तो मुझे किसी की शर्म तो आती नहीं थी तो मैं कभी कभी ऐसे ही बूब बाहर निकाले बैठी रहती थी। फिर मम्मी गर्मी के कारण ऊपर से नंगी रहने लगी थी। फिर मम्मी भाई के साथ सोती तो मम्मी अपना बूब भाई के मुँह में दे देती तो भाई मम्मी का बूब चूसने लग जाता। फिर भाई का जब मन करता वो मम्मी का बूब चुसने लग जाता। फिर एक दिन भाई मम्मी का बूब चूस रहा था और मैं बेटे को दूध पिला रही थी। फिर मैं बोली के दूध पीना हैं तो आजा। फिर मैं बोली के आजा। फिर वो खड़ा होकर मेरे पास आ गया। फिर मम्मी की तरफ मैं भी ऊपर से नंगी रहने लगी थी। मैं बैठी थी तो वो भी मेरे पास आकर बैठ गया। फिर मैं अपने हाथ से बूब पकड़कर उसकी तरफ कर दिया तो फिर वो मेरा बूब चूसने लगा। इतने में पापा भी वहाँ आ गए। फिर मैं दूसरा बूब पकड़कर दबाने लगी। उसमे दर्द हो रहा था। फिर मैंने मम्मी कप बताया। फिर मम्मी बोली के बूब में दूध रह जाता हैं जिस कारण दर्द होने लगता हैं। फिर मैं बोली के क्या करूँ फिर मैं। फिर मम्मी बोली के तेरे पापा और भाई को पिला दिया कर। फिर मम्मी हँसने लगी। फिर पापा भी हँसते हुए मेरे पास आकर बैठ गए और मेरा बूब पकड़कर चूसने लगे। फिर वो दोनों मेरे बूब चूसने लगे तो मैं पीछे हाथ करके अपनी छाती आगे की और निकालकर बैठ गई। फिर मम्मी पापा और भाई से बोली के सारा दूध भी मत पी जाना। नहीं तो फिर दर्द करेंगे।
फिर तो मैं और मम्मी घर मे ऊपर से नंगी होकर घूमती रहती और जिसका दिल करता वो हमारे बूब आकर चूसने लग जाता। फिर मैं और मम्मी नीचे भी सलवार की जगह या तो तौलिया लपेट लेती या कोई चुन्नी लपेट लेती। फिर वो तौलिया या चुन्नी कई बार काम करते टाइम खुल कर गिर जाता तो हम हंसती हुई फिर वापिस तौलिया लपेट लेती। फिर तो बस ये रोज की बात हो गई थी। तब तो भाई कुछ ज्यादा नहीं खुल पाया था। फिर वो अगली बार आया तो तब भी हम उसके सामने ऐसे ही रहती। मैं और भाई एक दूसरे के साथ फ्रेंड के जैसे रहते थे और एक दूसरे से सब बातें करने लगे थे। मैं औऱ मम्मी अब उसके सामने अपने शरीर को ढकने की कुछ ज्यादा कोशिश नहीं करते थे।
फिर मैं बस नीचे एक पैंटी ही पहने रहती और मम्मी तो हमारे सामने नंगी ही रहने लग गई थी। मम्मी कहती के तुम मेरे बच्चे ही तो हो तुमसे क्या शर्माना। फिर चाहे सर्दी हो या गर्मी मम्मी को जब मौका मिलता नंगी हो जाती। हमे ऐसे देखकर भाई का लंड भी खड़ा हो जाता था और उसका करने का भी मन करता पर वो कर नहीं पाता था।
एक दिन गर्मियों में खाना खाने के बाद मैं, मम्मी और भाई तो अंदर के कमरे में थे और पापा बाहर वाले कमरे में बैठे थे। फिर मम्मी पापा के पास चली गई तो मैं और भाई ही रह गए। भाई कच्छे में था और मैं सिर्फ पैंटी में थी। भाई का लंड तब खड़ा था। पर ये अब तो आम बात हो गई थी। उसके खड़े लंड को देखकर मैं और मम्मी मजाक में कई बार कह देती के लड़का अब बड़ा हो गया हैं और फिर हम हँसने लग जाती। फिर मैं उससे पूछने लगी के उसकी कोई गर्लफ्रैंड हैं या नहीं और उसकी कॉलेज लाइफ के बारे में पूछने लगी। फिर वो बाहर पेशाब करने चला गया और मैं अंदर ही लेटी रही। फिर मुझे कुछ मम्मी से पूछना था तो मैं बाहर वाले कमरे की तरफ जाने लगी। फिर मैंने देखा के भाई बाहर वाले कमरे की खिड़की के पास खड़ा था और अंदर देख रहा था। फिर मैं उसके पास गई तो देखा के अंदर पापा मम्मी को चोद रहे थे। ये देखकर उसने भी अपना लंड बाहर निकाल रखा था और हिला रहा था। फिर मैंने पीछे से उसे बुलाया तो वो एक दम पीछे घुमा तो उसका नंगा लंड उसके हाथ मे था। वो थोड़ा डर गया था। फिर मैं हँसते हुए बोली के डरने की कोई बात नहीं हैं ये तो इनका रोज का काम हैं। फिर वो जाने लगा तो मैंने उसे रोक लिया और देखने के लिए कहा। फिर मैं अंदर पापा मम्मी के पास चली गई। पर तब पापा रुके नहीं और चुदाई करते रहे। फिर मैंने मम्मी से कुछ पूछा तो मम्मी ने मुझे चुदते हुए ही सब बता दिया। फिर मैं बाहर आ गई और भाई को साथ लेकर अंदर के कमरे में जाने लगी। फिर मैंने उससे कहा के इनका तो ये रोज का काम हैं। फिर हम कमरे में आ गए और बेड पर लेट गए। फिर मैंने उसके खड़े लंड की तरफ देखा और उसका कच्छा नीचे करने लगी तो वो मुझे रोकने लगे। पर मैं नहीं रुकी और उसका कच्छा नीचा करके उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी।
फिर मैंने उससे पूछा के मन कर रहा हैं क्या तो वो कुछ नहीं बोला। फिर मैंने भी अपनी पैंटी खोल दी और नंगी हो गई और अपनी चूत सहलाने लगी। फिर मैंने उसे इशारा किया के आजा मुझे चोद ले। फिर वो कुछ देर तो सोया रहा और फिर उठकर मेरे ऊपर आ गया। फिर मैं हँसने लगी और उसका लंड पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया। फिर उसने धक्का मारा और लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर वो करने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी। फिर वो कुछ ज्यादा ही गर्म था तो जल्दी ही झड़ गया और मेरे ऊपर ही लेट गया।
फिर इतने मैं मम्मी और पापा आ गए। मम्मी नंगी ही थी और पापा ने लूँगी पहन रखी थी। फिर वो हमें ऐसे देखकर हँसने लगे। उन्हें देखकर भाई मेरे ऊपर से हटने लगा तो मैंने उसे हटने नहीं दिया। फिर मम्मी बोली के चोद ले चोद ले अपनी बहन को। फिर मम्मी हँसने लगी। मम्मी के मुँह से ये सुनकर भाई भी हँसने लगे। फिर पापा और मम्मी हमारे सामने ही बैठ गए और मम्मी ने पापा की लूँगी खोल दी और उनका लंड हिलाने लगी। फिर हम भाई को सब बताने लगे जो हमने अब तक किया वो। फिर भाई बोला के मेरे घर मे इतना कुछ हो रहा हैं और मुझे पता भी नहीं। फिर मैंने भाई से बोला के तू बुरा मत मानना के हम किसी पराए मर्द से भी चुद चुकी हैं। फिर भाई बोला के ये तो कुछ भी नहीं हैं शहर में तो औरतें हर दिन कई मर्दों से कर लेती हैं। फिर मैं बोली के तूने किया हैं किसी से। फिर वो बोला के हाँ। वो बताने लगा के उसने कॉलेज टीचर से लेकर और अपने पड़ोस में रहने वाली औरतों तक से कर चुका था। फिर मैं बोली के तू तो काफी एडवांस निकला। फिर हम सब हँसने लगे।
फिर मैं बोली के अब तू और हो गया तो अब हम सब मिलकर और भी मजे करेंगे। तो वो बोला के हाँ। फिर वो बोला के मूझे बड़ी उम्र की औरतें ज्यादा पसंद हैं। फिर मम्मी बोली के मैं बैठी तो हूँ तेरे सामने। फिर मम्मी उठकर भाई की गोद मे जाकर बैठ गई। फिर पापा बोले के मुझे जवान औरते पसंद हैं। फिर पापा ने मुझे खींचकर अपनी गोद मे बैठा लिया और मेरे बूब दबाने लगे। फिर भाई मम्मी से और पापा मुझसे करने लगे।
भाई ने जब मम्मी से कर लिया तब बोला के मुझे आज जितना मजा कभी नहीं आया। फिर मम्मी बोली के बेटे से चुदने का क्या सुख होता हैं वो मुझे भी आज पता चल गया। तब भाई आ गया था तो काका को हमने आने के लिए मना कर दिया था और भाई के आने से एक दो दिन पहले ही दाई अपने बेटे को लेकर कुछ दिन के लिए अपने रिश्तेदार के यहाँ चली गई थी। घर पर हम ही लोग थे तो भाई कभी मुझसे करता तो कभी मम्मी से। फिर कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा और भाई ने हमें खूब चोदा।
अगले भाग में बताऊंगी के भाई के सामने हमने काका और नौकर से कैसे किया.....
Wow
ReplyDeleteMast h jaan.kash tu meri bahan hoti saali kutiya bana ke chodta.
ReplyDeleteMene bhi choda h apni behen ko uski chut bada mza deti h
Delete9682211470 mdg ksro
ReplyDeleteHlo
DeleteGulzaib
ReplyDeleteHello
DeleteHello
ReplyDeleteHello
ReplyDeleteMujhe bhi chodna hai meri bahan ko kya gaand hai uski koi idea do
ReplyDeleteMeri bahan apni gaand me 3 Lund le sakti hai mujhe bus dikhati hai deti nhi hai
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