एक महीने पति के साथ रही। फिर पति तो चले गए और मैं मायके आ गई। फिर कुछ दिन बाद मुझे उल्टियाँ होने लगी तो मम्मी ने मुझे बताया के तुम माँ बनने वाली हो। यर सुनकर मैं काफी खुश हुई। फिर सारा दिन मैं अपने पेट पर हाथ फेरती रहती और शीशे के आगे नंगी खड़ी होकर देखती रहती। फिर पति छुट्टियों में घर आये तो वो भी यर जानकर काफी खुश हुए। फिर वो बोले के अब आगे वेजिना में कुछ मत डाल कर करना। फिर उस दिन उन्होंने पहले मेरी वेजिना में पेनिस डाला और फिर मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से डालने लगे। पहली बार था तो उनका जा नही रहा था फिर उन्होंने तेल लगाकर डाल दिया तो मुझे काफी दर्द हुआ और फिर मजा आने लगा तो मैं उनका साथ देने लगी। फिर सुबह उठी तो मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। फिर मैने जैसे तैसे घर का काम किया और फिर दोपहर को भी पति ने पीछे से किया। तब तो इतना दर्द नहीं हुआ था। फिर तो ये रोज का ही काम हो गया।

फिर पति वापिस चले गए तो मैं मायके आ गई। तब मेरा दूसरा महीना चल रहा था। मेरी माँ मेरा काफी ध्यान रखती थी। फिर रात को खाने के बाद पापा तो बाहर जाकर चौकी पर सो गए। मैं आंगन में सोई थी और माँ घर का काम कर रही थी। फिर मैं अपने कपड़े खोलकर सो गई और एक बैंगन लाके मैने पहले से ही अपने सिरहाने रख लिया था। वो निकालकर फिर एक तरफ करवट लेकर पीछे डालने लगी। फिर मुझे ऐसा करते देख मम्मी मेरे पास आ गई और मेरे हाथ से बैंगन लेकर खुद मेरे पीछे डालने लगी और बोली के यहाँ थोड़ी डालते हैं। फिर मैंने कहा के यहाँ ज्यादा मजा आता हैं। फिर मैंने पूरा डालने के लिए कहा तो उन्होंने पूरा डाल दिया। फिर मैं सीधी होकर सो गई और अपने बूब सहलाने लगी। फिर कुछ देर बाद मम्मी भी आकर नंगी होकर लेट गई। वो भी अपने साथ एक बैंगन लायी।

फिर मैंने वो बैंगन उनके हाथ से ले लिया और फिर वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई तो मैं वो बैंगन उनके पीछे डालने लगी। पर उनकी टाइट थी तो गया नहीं। फिर मैंने उन्हें तेल लाने को कहा तो वो तेल लेके आयी तो मैं उंगली से उनके अंदर तक तेल लगाने लगी। फिर तेल लगाकर चिकना करने के बाद मैंने बैंगन डालने लगी पर बैंगन नरम था तो अंदर नहीं जा रहा था। फिर मैं बोली के पहले पापा से करवा लो यहाँ फिर जाने लगेगा अंदर। फिर मैं उनकी वेजिना सहलाने लगी तो वो गर्म हो गई। फिर वो उठकर बाहर पापा के पास चली गई। फिर मैं भी उठकर उनके पीछे चली गई। फिर मैंने देखा के मम्मी पापा के बिस्तर पर बैठ गई। फिर उन्होंने पापा की लूंगी खोलकर उनका पेनिस हिलाने लगी। फिर पापा खड़े हो गए तो मम्मी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा। फिर पापा पानी पीकर आये तो मम्मी को ऐसे देखकर उनके पीछे हाथ फेरने लगे। उनके हाथ के तेल लगा तो वो बोले के यहाँ तेल क्यों लगा रखा हैं। तो मम्मी बोली के खुजली हो रही थी अंदर। तो पापा बोले के यहाँ भी होने लग गई क्या। फिर मम्मी ने पापा का पेनिस पकड़कर वहाँ लगा दिया तो फिर पापा भी अंदर डालने लगे। पहली बार नहीं गया तो मैंने मम्मी को दूसरी बार डलवाने का इशारा किया तो मम्मी के कहने पर पापा ने फिर से डाला।

लेकिन इस बार सिर्फ थोड़ा ही अंदर गया। फिर पापा ने तेल लाने के लिए कहा तो मम्मी उठकर आने लगी तो मैं जल्दी से अंदर आई और तेल लेके वापिस जाने लगी तो मम्मी आ ही रही थी तो उन्हें पकड़ा दिया। फिर वो तेल उन्होंने पापा को दिया तो पापा ने काफी सारा तेल पेनिस पर लगाया और मम्मी को घोड़ी बनाकर डालने लगे। तो इस बार उन्होंने जोर से डाला तो उनका पूरा अंदर चला गया और मम्मी भी दर्द से चिल्लाने लगी। लेकिन पापा करते रहे। वो बैंगन अभी तक मेरी वेजिना में ही था तो मैं भी वो पकड़कर अंदर बाहर करने लगी और झड़ गई। फिर मैं जाकर सो गई। सुबह उठी तो मम्मी आराम आराम से चलकर काम कर रही थी। उन्हें देखकर मैं हंसने लगी। फिर वो बोली के तूने बताया नहीं बाद में इतना दर्द होता हैं। तो मैं बोली के बस कुछ दिन ही होगा फिर तो तुम वहीं करवाया करोगी पापा से। फिर मम्मी भी हंसने लगी।

अगले भाग में बताऊंगी के मैं कैसे मम्मी पापा के सामने घर में नंगी रहने लगी और डिलिवरी तक नंगी ही रही......



Post a Comment

Previous Post Next Post