सर्दियों में हम सब साथ एक ही कमरे में सोते थे। पापा और मम्मी बेड पर सोते और मैं साइड में एक चारपाई पर। तो मम्मी सोने लगती तो रजाई में बैठी बैठी ही अपने कपड़े निकाल कर साइड में रख देती थी। पापा भी रात को लूंगी में ही सोते थे तो वो भी नीचे से नंगे हो जाते थे औऱ मम्मी से करने लगते थे। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था के साथ मैं कोई और सोया हैं या नहीं। फिर मैं भी नीचे से अपनी सलवार खोल देती और वेजिना सहलाने लग जाती थी। फिर लाइट बन्द करने के बाद मैं भी नंगी होकर सोने लगी। कमरे की लाइट बन्द करने का बटन मम्मी की साइड था और खड़े होकर बन्द करना पड़ता था। तो मम्मी नंगी ही खड़ी होकर बन्द कर देती थी।
एक दिन हम रात को सोये हुए थे तो पापा शराब पीते थे तो उन्हें रात को बहुत खाँसी आती थी। उस रात उन्हें ज्यादा ही खाँसी आ रही थी तो खाँसते खाँसते उनका बुरा हाल हो गया था। मम्मी बैठी थी और उनकी छाती मसल रही थी। मम्मी नंगी ही बैठी थी और पापा भी नंगे ही थे। फिर पापा का सांस बन्द होने लगा खाँसते खाँसते तो मम्मी तेजी से उनकी छाती मसलने लगी और उन्हें बैठा दिया। फिर मम्मी ने मुझे आवाज दी तो मैं भी नंगी ही सोई थी तो मैं वैसी ही खड़ी हो गई और उनके पास चली गई। फिर मैं और मम्मी दोनों उनकी छाती मसलने लगी। फिर मम्मी ने उन्हें खांसी वाली दवाई दी तो उन्हें कुछ देर में आराम आ गया। फिर मैं पापा के पास उनके साइड में लेट गई और छाती सहलाने लगी आराम से। फिर पापा तो सो गए और मैं भी उनके साथ वैसे ही सो गई। मम्मी भी दूसरी तरफ सोई थी।
सुबह मुझे और मम्मी को जाग आयी तो मेरा एक हाथ पाप के पेट पर था और मैंने अपना हाथ नीचे खिसकाया तो मुझे महसूस हुआ के मम्मी का हाथ पापा के पेनिस पर था। ये देखकर मम्मी मेरी तरफ हंसी थोड़ी सी। फिर मम्मी खड़ी हुई और बैठकर अपने बाल सही करने लगी और मैं पापा से चिपक कर ही सोई रही। फिर मेरा हाथ पहले पापा के पेट पर था और फिर धीरे धीरे नीचे की और पापा के पेनिस तक चला गया। फिर मेरे मन मे पता नहीं क्या आया और मैंने पापा का पेनिस पकड़ लिया और सहलाने लगी। मेरा हाथ पापा के पेनिस पर चल रहा था तो वहाँ से रजाई हिल रही थी तो मम्मी का ध्यान वहाँ चला गया। मम्मी देखकर सब समझ चुकी थी। फिर मैंने वहाँ से हाथ हटा लिया औऱ नजरें नीची झुका कर मुस्कुराने लगी। पापा का पेनिस पकड़ा तो मुझमे भी एक करंट सा दौड़ा था। मुझे पता नहीं के ये गलत था या सही पर मुझे अच्छा लग रहा था तो मैं उनका हिलाने लगी। फिर पापा करवट लेकर मेरी तरफ सो गए तो उनका हाथ मेरी कमर पर चला गया और मैंने भी उनकी कमर में हाथ डाल लिया और उनका पेनिस मेरी वेजिना पर लगने लगा। फिर मम्मी ने रजाई साइड में कई और पापा को अपनी तरफ खींच लिया और उन्हें अपनी तरफ करवट लेकर सुला लिया। फिर मैं अपनी वेजिना सहलाती सहलाती खड़ी हुई और अपने बिस्तर पर चली गई। मैंने वहाँ एक लौकी रख रखी थी वो निकाली और वेजिना में डालकर हिलाने लगी। फिर मैं पूरी उल्टी होकर सो गई और लौकी लंबी थी तो वो सारी अंदर नहीं गई थी तो मैं धीरे धीरे अपनी कमर हिला रही थी और लौकी अंदर बाहर हो रही थी। फिर मम्मी चाय बनाके ले आयी और पापा को उठा दिया तो पापा ने चाय पी और वो बाहर खेतों की तरफ चले गए। फिर मम्मी मेरे पास सो गई मैं झड़ गई थी तो मम्मी ने वेजिना से लौकी निकाली तो उनका पूरा हाथ मेरे पानी से भर गया था। फिर उन्होंने मेरी वेजिना साफ की और पूछने लगी के आज ज्यादा मन कर रहा हैं क्या तो मैं बोली के हाँ। फिर हम ऐसे ही बातें करने लगी और फिर उठकर घर का काम करने लगी।

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