शहर में बड़ा सरकारी हॉस्पिटल था। जहाँ जाकर मुझे अपने और कुछ आसपास के गाँवों की रिपोर्ट देनी होती थी के गांव में कोई महामारी तो नहीं फैली हुई हैं। वो रिपोर्ट मुझे अपने सीनियर डॉक्टर को देनी होती थी। वैसे तो कई सीनियर डॉक्टर आये और गए। कुछ मुझ पर लाइन भी मारते पर जब तक मेरा मन नहीं होता तब तक मैं किसी को घास नहीं डालती थी। सीनियर डॉक्टर बदलते रहते थे। फिर बदली होकर एक नया डॉक्टर आया। उसकी उम्र 40 के लगभग थी। मैं उसको रिपोर्ट देने जाती तो मैं कुछ देर उसके पास बैठ जाती और फिर हम बातें करने लगते। उसका साथ मे थोड़ी घुल मिल गई थी। रिपोर्ट देने के लिए हफ्ते में एक बार तो जान ही पड़ता था।

रिपोर्ट देने के लिए कभी मैं और पापा जीप पर जाते थे तो कभी पापा को टाइम नहीं होता तो मैं अकेली बस पर ही चली जाती थी। रास्ते मे ही मेरा ससुराल पड़ता था। तो कभी मैं बस पर जाती तो वापिस आते टाइम कभी श्याम हो जाती तो मैं ससुराल रूक जाती। ससुराल जाती तो राज और नोकर दोनों मिलकर मेरी काफी चुदाई करते। चुदाई के बाद ही हम और बातें वगेरह करते थे। सास बताती के तेरे जाने के बाद तो ये दोनों मेरे से ही चिपके रहते हैं। दिख भी रहा था। सास पहले से थककर पतली हो गई थी। फिर मैंने भी उन्हें धीरे धीरे जो मायके में होता वो बताने लगी। पहले मैंने पापा से चुदाई के बारे में बताया। फिर मम्मी और रामु की चुदाई के बारे में बताया। ये सुनकर सास भी बोली के लगता हैं तेरी माँ भी तेरी तरह काफी चुदक्कड़ हैं। फिर मैं बोली के हाँ मुझसे ज्यादा ही हैं। फिर हम सब हँसने लगे। फिर मैंने मम्मी और काका के बारे में भी बता दिया। फिर सास बोली के वो तो मुझसे भी एक कदम आगे निकल गई। फिर मैंने भाई के बारे में भी बताया के हम उससे भी कर चुकी हैं। फिर सास बोली के फिर अब तो तुम नंगे रहते होंगे घर में। मैं बोली के हाँ। फिर मैंने सास को बताया के मैंने यहाँ के बारे में भी उन्हें सब कुछ बता दिया हैं। फिर सास बोली के फिर क्या कहा उन्होंने। फिर मैंने कहा के पापा कह रहे थे के इस बार जाऊंगा तो अपनी सग्गी को चोदकर आऊंगा। ये सुनकर सास मुझसे बोली के तू अपने पापा से कह देना के सग्गी अपनी चूत फैलाकर चुदने के लिए तैयार बैठी हैं। ये सुनकर हम सब हँसने लगे।

फिर मैं बोली के इस बार मैं शहर जाऊँगी तो पापा को साथ ही ले आऊंगी। तो सास बोली के ले आना। फिर उन्हें भी मेरी जवानी दिखा दूँगी। फिर मैं बोली के उन्हें ले तो आऊंगी पर आपको उनके सामने नंगी आकर ही उनसे मिलना होगा। फिर सास बोली के हाँ क्यों नहीं जब उनसे चुदना ही तो उनसे नंगी होकर मिलने में क्या हर्ज हैं। अब अपने दोनों परिवार ही एक जैसे हो गए हैं। फिर ये सब मैंने वापिस आकर मम्मी और पापा को भी बताया। फिर पापा बोले के अब तो और भी मजा आएगा। मैं वहाँ जाऊँगा तब सग्गी को चोदूंगा और तुम्हे लेने दामाद जी आएंगे तो वो तुम्हारी मम्मी को चोदेंगे। ये सुनकर मम्मी बोली के नहीं मैं तो नहीं करूँगी। मुझे बहुत शर्म आएगी। फिर पापा बोले के तुम्हे कब से शर्म आने लगी। घर पर एक पराए मर्द के साथ रहती हो और उससे चुदती रहती हो तो अपने दामाद से कैसी शर्म। फिर मम्मी मुस्कुराने लगी और कुछ नहीं बोली।

फिर मैं रिपोर्ट देने जाती तो मैं डॉक्टर के साथ काफी देर बातें करने लगी। फिर कई बार पापा साथ गए होते तो वो मेरा इंतजार कर रहे होते थे। वो पूछते के लैट कैसे हो गई तो मैं कहती के डॉक्टर के साथ थी। फिर पापा ने पूछा के चुदाई करवा रही थी। लेकिन तब तक मेरे मन में ऐसा कुछ विचार नहीं था। फिर मैं हँसकर बोली के नहीं बस बातें ही कर रही थी। फिर हम वापिस जाते तो हमें शाम हो जाती थी और घर घर पहुँचते पहुंचते अंधेरा हो जाता था। अंधेरा होते ही मैं जीप मैं नंगी होकर बैठ जाती और पापा का लंड सहलाने लग जाती। पापा का मूड बन जाता तो वो किसी सुनसान जगह जीप रोक लेते और फिर मुझे घोड़ी बनाकर चोदने लग जाते। फिर करने के बाद हम दोनों नंगे ही जीप में बैठकर घर चले जाते। फिर हम नंगे जीप से उतरते तो हमें नंगे देखकर घरवाले सब समझ जाते। ऐसे नंगे जीप से उतरना तो अब आम बात हो गई थी हमारे लिए।

फिर मैंने डॉक्टर से चुदाई करवाने के बारे में सोचा। इसमें मेरा भी फायदा ही था। अगर मैं उससे चुदाई करवा लूँ तो मैं कभी रिपोर्ट देने न भी जाऊं तो भी मेरा काम चल जाये। फिर मैं भी डॉक्टर को फाँसने के लिए अपने जिस्म का उसे दीदार करवाने लगी। मैं पहले से ज्यादा सजकर जाने लगी और बस जाते ही डॉक्टर के ऑफिस में घुस जाती और फिर शाम को ही वापिस निकलती। फिर डॉक्टर के बारे में कुछ और पता लगा। डॉक्टर तलाकशुदा था और उसे सेक्स में काफी रुचि थी। ये पता लगने के बाद मैं उसके साथ और ज्यादा खुल गई। फिर हम सेक्स के टॉपिक पर भी बातें करने लगे। फिर एक दिन उसने हिम्मत करके मेरे पास आया और मेरा बदन सहलाने लगा। मैंने उसे नहीं रोका तो वो खुलकर मेरे बूब और मेरी गाँड दबाने लगा। तब दोपहर का टाइम था और डॉक्टर के ऑफिस के आसपास कोई नहीं था। फिर डॉक्टर ने खुद ही मेरी सलवार खोल दी तो सलवार खुलकर नीचे गिर गई। फिर मैं नीचे घोड़ी बन गई तो डॉक्टर ने पहले मेरी गाँड में ही डाला और करने लगा। लेकिन डॉक्टर कुछ देर में ही झड़ गया। फिर मैं डॉक्टर की तरफ देखकर हँसकर बोली के बस। फिर वो बोला के क्या करूँ काफी दिनों से किया नहीं हैं तो जल्दी झड़ गया। फिर डॉक्टर और मैं कुर्सी पर बैठ गए और मैं डॉक्टर का लंड हिलाने लगी। डॉक्टर का लंड खड़ा नहीं हो रहा था तो मैं उसके सामने नीचे बैठी और उसका लंड चूसने लगी। फिर उसका लंड खड़ा हो गया तो फिर वो मेरी चूत मारने लगा। वो काफी देर तक करता रहा और फिर झड़ने वाला हुआ तो मेरी गाँड में अपना लंड डाल दिया और मेरी गाँड फिर अपने पानी से भर दी। फिर उसने पूछ के मजा आया तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया।

फिर उसने मुझसे ऊपर से अपना कुर्ता निकालने को कहा। तो मैंने कहा के कोई आ जायेगा। फिर वो बोला के कोई नहीं आएगा। तो मैंने अपना कुर्ता उतार दिया और ब्रा भी निकाल दी और उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हो गई। तो वो डॉक्टर मुझे देखता ही रह गया और आकर मेरे से चिपक गया और मेरे बूब चूसने लगा और बोला के तुम बहुत खूबसूरत हो। फिर वो फिर से गर्म हो गया एक बार और उसने मुझसे किया। फिर तो मैं कभी भी उसके पास जाती तो वो मेरी चुदाई किये बिना नहीं रहता था। उसे भी अलग अलग तरीको से मेरी चुदाई करने में मजा आता था और मैं भी उससे पूरी तरह खुलकर चुदती। इस प्रकार डॉक्टर के साथ मैंने काफी मस्ती की और उससे मैंने अपने काफी काम भी करवाये। थोड़े टाइम बाद उसकी बदली हो गई और उसकी जगह कोई लेडी डॉक्टर आ गई।

अगले भाग में बताऊंगी के पापा ने मेरी सास से कैसे किया और फिर आगे क्या क्या हुआ.....

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