घर में ज्यादातर हम तीनों नंगे ही रहने लगे थे। मेरा पेट थोड़ा बाहर निकल आया था तो मैं अपने पेट को सहलाती हुई नंगी घूमती रहती थी। पापा का जब मन करता तो वो मम्मी से करने लग जाते थे और मम्मी भी उन्हें रोकती नहीं थी। मैं भी उन्हें देखकर गर्म हो जाती थी। रात को हम साथ ही सोने लगे थे। हम नंगे ही सोते और पापा हमारे बीच में नंगे ही सोते तो मैं और मम्मी पापा का पेनिस पकड़कर हिलाती रहती। एक दिन दोपहर को हम सोये थे तो मैं दूसरी तरफ करवट लेकर सोई थी। फिर पापा पीछे से मेरे साथ चिपक कर सो गए। मैं तब जागती ही थी तो मैं सीधी होकर सो गई। मम्मी तब चाय बनाने गई थी। फिर पापा उठे और मेरे पैरों के बीच में बैठ गए। फिर वो मेरे पैरों को फैलाकर मेरी वेजिना देखने लगे और फिर सहलाने लगे। तो मैं भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी। फिर मेरा थोड़ा थोड़ा पानी निकलने लगा तो मैंने उन्हें चूसने को कहा तो मुँह लगाकर चूसने और चाटने लगे। मैंने फिर पैर उनके कंधे पर रख दीए थे। इतने में मम्मी भी आ गई। फिर पापा ने अपना पेनिस मेरी वेजिना पर लगाया और धीरे धीरे अंदर डालने लगे तो मुझे बहुत मजा आने लगा। फिर उन्होंने पूरा पेनिस अंदर डाल दिया और जोर जोर से करने लगे। फिर मम्मी बोली के धीरे करो कहीं बच्चे को ना लग जाये। फिर पापा आराम से करने लगे और फिर कुछ देर बाद मेरे अंदर ही झड़ गए और वहीं बेड पर सो गए और मैं भी पैर फैलाकर वैसे ही पड़ी रही। फिर मैं खड़ी हुई और बाहर जाकर वेजिना धोकर आई और फिर चाय पी। फिर पापा भी उठकर चाय पीने लगे।
फिर शाम को मम्मी घर का काम करने लगी और मैं भी उनकी हेल्प करवाने लगी। हम दोनों नंगी ही थी और पापा वहीं आँगन में नंगे बैठे थे। फिर पापा ने मुझसे ऑइल मंगवाया। फिर मैंने उन्हें ऑइल दिया तो वो ऑइल से अपने पेनिस की मालिश करने लगे। फिर मैं नहाने चली गई। फिर मैं नहाकर आकर पापा के सामने ही दूसरी चारपाई पर बैठ गई और पापा सोकर ऑइल से पेनिस की मालिश किए जा रहे थे। उनका पेनिस फुल खड़ा था। फिर मैं खड़ी हुई पापा वाली चारपाई पर उनके सामने बैठ गई और पेनिस पकड़कर हिलाने लगी। मैं पापा का पेनिस जोर जोर से हिला रही थी तो पापा के रिएक्शन देखकर मैं साथ में हंस रही थी। पापा ने पेनिस पर काफी ऑइल डाल रखा था तो पेनिस काफी चिकना हो गया था। फिर मैं पापा के साथ ही लेट गए और हिलाने लगी। फिर मेरा रक बूब पापा के मुँह के पास था तो मैंने अपना बूब उनके मुँह में दे दिया और वो चूसने लगे। फिर पापा उठे और मुझे अपने नीचे लेटा लिया औऱ अपना पेनिस मेरी वेजिना पर घिसने लगे और साथ में मेरे बूब चूसने लगे तो मैंने भी अपने बूब दोनों हाथों से पकड़ लिए और बारी बारी से उनके मुँह में देने लगी। फिर उन्होंने पेनिस वेजिना में डाल दिया और करने लगे। मेरा पेट बीच में आ रहा था तो पेट पर काफी दबाव भी पड़ रहा था। तो पापा से रुकने को कहा फिर मैं एक तरफ करवट लेकर सो गई और पापा से पीछे से करने को कहा फिर पापा वेजिना में करने लगे और फिर मेरे पीछे के हॉल में डालकर करने लगे। लेकिन फिर भी आगे से मेरे पेट पर दबाव पड़ने लगा। तो मैं फिर घोड़ी बन गई और पापा पीछे से करने लगे और झड़ गए।
फिर मैं और पापा जोर जोर से सांस लेने लगे। फिर मम्मी आई पीछे से तो हमे देखकर वो सब समझ गई। मैं पैर फैलाकर सोई थी तो मैंने थोड़ा जोर लगाया तो पापा का पानी मेरे पीछे से निकलने लगा और सारा पानी चारपाई पर गिर गया। फिर मम्मी पापा से बोली के नहा लो और फिर मेरे पास आकर बैठ गई। फिर मैं भी उठकर बैठ गई। चारपाई पर जो पानी गिरा था वो मम्मी ने हाथ से नीचे फेंक दिया। फिर मम्मी मेरी वेजिना और पेट पर हाथ फेरने लगी। पापा नहाकर आ गए तो हमने खाना खाया और फिर मैं और पापा तो बाहर चौकी पर जाकर लेट गए और मम्मी अंदर ही काम कर रहे थे। पापा और मैं साथ ही लेटे थे तो वो मेरे बूब अपने हाथ मे लेकर दबा रहे थे और चूस रहे थे। फिर काम खत्म करके मम्मी भी आ गई। फिर पापा मम्मी के पास चले गए और मम्मी की बॉडी से खेलने लगे। फिर उन्होंने मम्मी को घोड़ी बनाया और करने लगे। फिर मम्मी तो झड़ पर पापा नहीं झड़े थे तो वो मेरे पास आ गए। फिर मैंने पहले तो उनका हाथ से हिलाया और फिर मैं घोड़ी बन गई तो पापा वेजिना में डालकर करने लगे। फिर वो कभी वेजिना में डालते तो कभी पीछे के हॉल में। फिर कुछ देर बाद वो मेरी वेजिना में झड़ गए। फिर मैं सीधी होकर सो गई और पापा वापिस मम्मी के पास चले गए। तभी किसी ने बाहर के मैंन गेट खटखटाया तो हम सभी एक दम उठ खड़े हुए। फिर मैं और मम्मी तो अंदर चली गई और पापा लूँगी लपेटकर गेट खोलने चले गए। तो कोई गाँव का आदमी आया था पानी की बारी पूछने के लिए। फिर वो बातें करते करते आकर चौकी पर ही बैठ गए।
मैं और मम्मी बाहर वाले कमरे के अंदर से ही उन्हें देख रहे थे। बाहर का बल्ब जल रहा था तो वो हमें साफ दिखाई दे रहे थे। फिर जहाँ मम्मी सोई थी तो मम्मी का पानी बिस्तर पर ही गिर गया था। फिर उस आदमी का हाथ वहाँ गया तो वो अपने हाथ को देखने लगा। फिर पापा बोले के पानी गिर गया था। ये सब हम अंदर से देख रही थी तो हमें हँसी आ गई। फिर कुछ देर बाद वो आदमी चला गया तो हम फिर बाहर गई और सो गई। हम नंगी ही बैठी थी अंदर। फिर पापा भी आकर सो गए।
सुबह मेरी वेजिना में थोड़ा पैन होने लगा था तो मुझे जल्दी ही जाग आ गई। वेजिना सूज भी गई थी। फिर मम्मी जागी तो मैंने उन्हें भी बताया पैन के बारे में तो वो बोली के मैने कहा था ना यहाँ मत करो। पैन तो होना ही था। फिर मम्मी बोली के आज जाकर दिखा आना। फिर मैं खड़ी हुई और चलने लगी तो पैन थोड़ा कम हो गया। वेजिना सूजी हुई थी तो वो पैरों के साथ टच हो रही थी तो कुछ अलग ही फीलिंग आ रही थी। फिर मैं घूमते घूमते मैन गेट तक चली गई। फिर मैंने मैन गेट थोड़ा खोलकर बाहर झाँकने लगी। मुझे काफी मजा आ रहा था। फिर मैं थोड़ा बाहर चली गई और इधर उधर देखने लगी और फिर वापिस अंदर आ गई। इतने में मम्मी चाय बनाकर ले आई। फिर मैंने मम्मी को बताया के मै थोड़ा बाहर तक चली गई थी। मम्मी बोली के कोई देख लेता तो। मैं बोली के इतनी जल्दी कौन उठता हैं जो देखेगा। फिर मैं और मम्मी चाय पीने लगी पर पापा सो ही रहे थे। फिर मैं पापा के पैसा गई और उनके ऊपर झुक कर अपने बूब उनके मुँह के टच करने लगी तो उन्होंने मेरे निप्पल को अपने दाँतो से पकड़ लिया और मैं फिर वापिस ऊपर होने लगी तो उन्होंने जोर से मेरे निप्पल को पकड़ लिया तो वो खींच गया और मुझे काफी दर्द हुआ एक बार तो। फिर मैं वहीँ बैठकर बूब सहलाने लगी। ये देखकर पापा हंसने लगे। फिर मम्मी ने पापा से कहा के इसके आगे दर्द हो रहा हैं तो इसे आज दिखा के ले आना। फिर पापा बोले के क्या हुआ। तो मम्मी बोली के मैने कहा था के आगे से मत करना पर आप दोनों कहाँ मानते हो। फिर पापा मेरी वेजिना हाथ लगाकर देखने लगे तो मैं पैर और ज्यादा फैला लिए और वो मेरी वेजिना देखने लगे। फिर बोले के ये तो सूज गई हैं। मम्मी बोली के हाँ तभी तो दिखाके ले आना आज। फिर पापा बोले के तैयार हो जाना हम जल्दी ही चलेंगे।
मैं डॉक्टर के पास क्या पहनकर गई और वहाँ क्या हुआ ये जानने के लिए अगला भाग पढ़ें.....
पापा के साथ गई डॉक्टर को दिखाने
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